संदर्भ: 

अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र की दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (सीआईपी-एसएआरसी) की स्थापना आगरा में होने की उम्मीद है।

अन्य संबंधित जानकारी 

2017 में, सीआईपी ने अपना पहला एशिया केंद्र चीन में स्थापित किया, जो दुनिया का सबसे बड़ा आलू उत्पादक और उपभोक्ता है।

  • सीआईपी-एसएआरसी, सात वर्ष पूर्व चीन में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र के क्षेत्रीय केंद्र के मॉडल पर आधारित है।

बीजिंग के यानकिंग स्थित चाइना सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक (सीसीसीएपी), सम्पूर्ण पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र को सेवा प्रदान करता है।

भारत और पेरू ने वार्ता पूरी कर ली है और केंद्रीय मंत्रिमंडल से अनुमोदन के बाद औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

यह न केवल भारत के आलू उत्पादक राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के किसानों को बल्कि अन्य दक्षिण एशियाई देशों के किसानों को भी सेवा प्रदान करेगा।

इस परियोजना पर 20 मिलियन डॉलर (लगभग 160 करोड़ रुपये) की लागत आने का अनुमान है, जिसमें से भारत 13 मिलियन डॉलर (108 करोड़ रुपये) का योगदान देगा तथा शेष राशि का वित्तपोषण सीआईपी द्वारा किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार इस केंद्र के लिए 25 एकड़ जमीन उपलब्ध कराएगी।

प्रस्तावित सीआईपी-एसएआरसी भारत में दूसरा प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान होगा।

2017 में, कृषि मंत्रालय ने वाराणसी में फिलीपींस स्थित अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई ) के एक क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना का समर्थन किया।

सीआईपी-एसएआरसी को कृषि मंत्रालय के सहयोग से आईआरआरआई-एसएआरसी की तर्ज पर विकसित करने का प्रस्ताव है।

अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी)

  • इसकी स्थापना 1971 में आलू, शकरकंद और एंडियन (एंडीज़ से संबंधित) जड़ों और कंदों पर ध्यान केंद्रित करने वाले अनुसंधान-विकास संगठन के रूप में की गई थी।
  • इसका मुख्यालय लीमा, पेरू में है।
  • सीआईपी की अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के 20 से अधिक देशों में अनुसंधान उपस्थिति है।

भारत में वर्तमान कृषि अनुसंधान प्रयास :

भारत में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के दो केंद्र कंद फसलों पर काम करते हैं।

  • शिमला स्थितआईसीएआर-सीपीआरआई (केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान) आलू पर शोध कार्य कर रहा है।
  • तिरुवनंतपुरम स्थित आईसीएआर-सीटीसीआरआई (केन्द्रीय कंद फसल अनुसंधान संस्थान) शकरकंद पर शोध कार्य कर रहा है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)

  • यह भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (DARE) के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन है। 
  • पूर्व में इसे इंपीरियल काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के नाम से जाना जाता था, इसकी स्थापना 16 जुलाई 1929 को रॉयल कमीशन ऑन एग्रीकल्चर की रिपोर्ट के अनुसरण में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक पंजीकृत सोसायटी के रूप में की गई थी। 
  • मुख्यालय: नई दिल्ली।

आलू के बारे में

  • यह चावल, गेहूं और मक्का के बाद दुनिया की चौथी प्रमुख खाद्यान्न फसल है।
  • जलवायु: इसे तब उगाया जाना चाहिए जब दिन का अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस से कम हो और रात का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से अधिक न हो।
  • मिट्टी: आलू को सभी प्रकार की मिट्टी जैसे जलोढ़, काली, लाल और लेटराइट में उगाया जा सकता है जिसका पीएच रेंज 6.5-7.5 और विद्युत चालकता (ईसी) 0.5% से कम हो। इसकी खेती के लिए क्षारीय या लवणीय मिट्टी उपयुक्त नहीं होती है
  • उत्पादन : चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक और उपभोक्ता है।
  • वैश्विक आलू उत्पादन में दोनों देशों का एक-तिहाई से अधिक का योगदान है ।
  • राज्यवार उत्पादन: 2020-21 में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार शीर्ष तीन आलू उत्पादक थे।

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