संबंधित पाठ्यक्रम:

सामान्य अध्ययन-2: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां और हस्तक्षेप तथा उनके विकास और कार्यान्वयन से उत्पन्न मुद्दे।

संदर्भ : 

स्वामित्व कार्यक्रम, ग्रामीण निवासियों को कानूनी संपत्ति के स्वामित्व और शासन में परिवर्तन के साथ सशक्त बनाने के पांच साल पूरे होने का प्रतीक है।

योजना के अंतर्गत प्रमुख उपलब्धियां

  • 18 जनवरी 2025 को, 10 राज्यों (छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश) और 2 केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू और कश्मीर और लद्दाख) के 50,000 से अधिक गांवों में 65 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड वितरित किए गए।
  • 2 अप्रैल 2025 तक 3.20 लाख गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है।
  • मार्च 2025 तक 1.61 लाख गांवों के लिए कुल 2.42 करोड़ संपत्ति कार्ड जारी किए जा चुके हैं।

स्वामित्व योजना

  • इसे 24 अप्रैल, 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर प्रधान मंत्री द्वारा शुरू किया गया था।
  • इसे पंचायती राज मंत्रालय द्वारा भारतीय सर्वेक्षण विभाग और प्रौद्योगिकी साझेदार के रूप में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र सेवा (NICSI) के सहयोग से क्रियान्वित किया गया।
  • यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जो उन्नत ड्रोन और GIS प्रौद्योगिकी का उपयोग करके भूमि भूखंडों का मानचित्रण करके कानूनी स्वामित्व कार्ड (संपत्ति कार्ड/स्वामित्व विलेख) जारी करने के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू मालिकों को ‘अधिकारों का रिकॉर्ड’ प्रदान करती है। 
  • वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक कुल लागत 566.23 करोड़ रुपये है, जिसे 2025-26 तक बढ़ाया जाएगा ।

इस योजना के  उद्देश्य:

  • ग्रामीण नियोजन के लिए सटीक भूमि अभिलेखों का निर्माण तथा संपत्ति संबंधी विवादों में कमी लाना।
  • ग्रामीण भारत के नागरिकों को ऋण लेने तथा अन्य वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए अपनी संपत्ति को वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में उपयोग करने में सक्षम बनाकर वित्तीय स्थिरता लाना।
  • संपत्ति कर का निर्धारण, जो उन राज्यों में सीधे ग्राम पंचायतों (GP) को प्राप्त होगा जहां इसे हस्तांतरित किया गया है या फिर राज्य के वित्त भंडार में जोड़ा जाएगा।
  • GIS मानचित्रों का उपयोग करके बेहतर गुणवत्ता वाली ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) तैयार करने में सहायता करना।

मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न:

स्वामित्व योजना के उद्देश्यों, उपलब्धियों और चुनौतियों की आलोचनात्मक जांच करें ।

संबंधित विगत वर्ष के प्रश्न:

भारत में स्थानीय निकायों की सुदृढ़ता एवं संपोषिता ‘प्रकार्य, कार्यकर्त्ता व कोष’ की अपनी रचनात्मक प्रावस्था से ‘प्रकार्यात्मकता’ की समकालिक अवस्था की ओर स्थानांतरित हुई है। हाल के समय प्रकार्यात्मकता की दृष्टि से स्थानीय निकायों के सामना की जा रही अहम् चुनौतियों को आलोकित कीजिये। (2020)

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