संबंधित पाठ्यक्रम:
सामान्य अध्ययन 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव आकलन।
संदर्भ: एक हालिया ‘अर्थ्स फ्यूचर’ (Earth’s Future) अध्ययन ने स्ट्रेटोस्फेरिक एरोसोल इंजेक्शन के लिए एक लागत प्रभावी विधि का प्रस्ताव दिया है, जो इस विवादास्पद तकनीक को संभावित रूप से आगे बढ़ा सकता है।
अन्य संबंधित जानकारी
- नए अध्ययन के शोधकर्ताओं ने विभिन्न एरोसोल -इंजेक्शन रणनीतियों का अनुकरण किया, विशेष रूप से निम्न-ऊंचाई वाले स्ट्रेटोस्फेरिक एरोसोल इंजेक्शन (SAI) का।
- उन्होंने जलवायु के कंप्यूटर मॉडल, यूके के अर्थ सिस्टम मॉडल 1 (UKESM1) का उपयोग करके, विभिन्न ऊंचाइयों, अक्षांशों और मौसमों में सल्फर डाइऑक्साइड के “छिड़काव” का अनुकरण किया।
मुख्य निष्कर्ष
- अध्ययन में पाया गया कि स्थानीय वसंत और गर्मियों के दौरान 13 किमी की ऊंचाई पर सालाना 12 मिलियन टन सल्फर डाइऑक्साइड का इंजेक्शन लगाने से ग्रह को 0.6°C तक ठंडा किया जा सकता है।
- यह माउंट पिनातुबो के 1991 के प्रभाव के समान है।
- 1°C की शीतलन के लिए, 21 मिलियन टन की आवश्यकता होगी।
- उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में अधिक ऊंचाई पर इंजेक्शन लगाने से केवल 7.6 मिलियन टन के साथ समान प्रभाव प्राप्त किया जा सकता है।
- यह विधि अधिक व्यवहार्य और लागत प्रभावी है, क्योंकि यह उच्च-ऊंचाई वाले SAI के लिए नए उच्च-ऊंचाई वाले विमानों को विकसित करने के लिए एक दशक तक इंतजार करने के बजाय मौजूदा संशोधित विमानों का उपयोग कर सकती है।
स्ट्रेटोस्फेरिक एरोसोल इंजेक्शन (SAI)

- इसने उच्च वातावरण में छोटे परावर्तक कणों की एक परत जोड़कर ग्रह को ठंडा करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने की एक विधि का प्रस्ताव किया है।
- यह विधि ज्वालामुखी विस्फोटों से प्रेरित थी, जिनके बारे में ज्ञात है कि वे हवा में एरोसोल फेंककर ग्रह पर शीतलन प्रभाव डालते हैं।
- पृथ्वी से अधिक सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करके, SAI का उद्देश्य एक शीतलन प्रभाव पैदा करना है जो बढ़ती सतह के तापमान का मुकाबला करने में मदद कर सकता है।
स्ट्रेटोस्फेरिक एरोसोल इंजेक्शन (SAI) की प्रभावशीलता
- SAI की प्रभावशीलता इंजेक्शन के पदार्थ, समय और स्थान पर निर्भर करती है।
- उच्च ऊंचाई पर कणों का इंजेक्शन अधिक प्रभावी होता है, क्योंकि वे महीनों या वर्षों तक समताप मंडल में बने रहते हैं। इसके विपरीत, कम ऊंचाई वाले कण अक्सर बादलों द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं और बारिश के साथ वापिस पृथ्वी पर आ जाते हैं।
SAI से जुड़ी चुनौतियाँ
- इसके प्रत्यक्ष दुष्प्रभाव हो सकते हैं जैसे ओजोन परत के छिद्र की देर से रिकवरी और अम्लीय वर्षा।
- शीतलन प्रभाव उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की तुलना में ध्रुवीय क्षेत्रों में अधिक स्पष्ट होगा।
- यह शीतलन वैश्विक तापमान वृद्धि को आंशिक रूप से काम प्रतीत कर सकता है तथा देशों को उत्सर्जन में कमी लाने के प्रयासों में ढील देने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।
- SAI इंजेक्शन करने वाले देश की परवाह किए बिना सभी देशों को प्रभावित करता है, और इनमें से कुछ प्रभाव हानिकारक हो सकते हैं।