संदर्भ:
हाल ही में, प्रधानमंत्री ने सुभद्रा योजना शुरू की, इस योजना का उद्देश्य ओडिशा में महिलाओं को सशक्त बनाना है।
अन्य संबंधित जानकारी
- इस योजना के तहत ओडिशा की एक करोड़ से अधिक महिलाओं को पाँच वर्षों की अवधि में 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जो महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- यह योजना वर्ष 2024-25 से वर्ष 2028-29 तक कार्यान्वित की जाएगी और इस योजना के लिए 55,825 करोड़ रुपये का परिव्यय रखा गया है।
- यह योजना ओडिशा के सभी 30 जिलों में क्रियान्वित होगी।
सुभद्रा योजना
- यह ओडिशा सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना, उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाना, डिजिटल साक्षरता को प्रोत्साहित करना और उनकी सुरक्षा और कल्याण को बढ़ावा देना है।
- सांस्कृतिक महत्व: देवी सुभद्रा के नाम पर शुरू की गई यह योजना ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत से गहराई से जुड़ी हुई है। यह समुदाय के भीतर महिला शक्ति और सशक्तिकरण के सम्मान के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
पात्रता मानदंड और बहिष्करण:
- इस योजना में आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि की 21 से 60 वर्ष की सभी विवाहित और अविवाहित लड़कियों को लक्षित किया गया है।
- आर्थिक रूप से संपन्न परिवारों की महिलाओं, सरकारी कर्मचारियों और आयकरदाताओं को पात्रता से बाहर रखा गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सहायता उन लोगों तक पहुंचे जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।
- इसके अलावा, किसी अन्य सरकारी योजना के तहत 1,500 रुपये प्रतिमाह या उससे अधिक (या 18,000 रुपये प्रतिवर्ष या उससे अधिक) सहायता प्राप्त करने वाली महिलाओं को भी इससे बाहर रखा जाएगा।
सुभद्रा योजना की मुख्य विशेषताएँ
- वित्तीय सहायता: प्रत्येक पात्र महिला लाभार्थी को एक सुभद्रा कार्ड मिलेगा और उसे पांच वर्षों में कुल ₹50,000 मिलेंगे, जो प्रति वर्ष ₹10,000 के रूप में वितरित किए जाएंगे।
- प्रतिवर्ष ₹10,000 की राशि निम्न अवसरों पर दो किस्तों में सीधे उनके खातों में जमा की जाएगी:
- रक्षाबंधन (राखी पूर्णिमा) को 5,000 रुपये
- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) को 5,000 रुपये
- इसके अलावा, डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय में अधिकतम डिजिटल लेनदेन करने वाले 100 लाभार्थियों की पहचान की जाएगी और उनमें से प्रत्येक को 500 रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
- इसका उद्देश्य महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता बढ़ाना तथा उनके जीवन स्तर में सुधार लाना है।
- प्रत्यक्ष लाभ अंतरण: धनराशि लाभार्थियों के आधार से जुड़ी बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी, जिससे मध्यस्थों की चुनौतियाँ समाप्त हो जाएगी और धन वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
डिजिटल मुद्रा एकीकरण:
- इस योजना को भारतीय रिजर्व बैंक की डिजिटल मुद्रा पायलट परियोजना से भी जोड़ा गया है, जिससे लाभार्थियों को अपनी धनराशि डिजिटल रूप से खर्च करने की सुविधा मिलेगी।
- यह पहल वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देती है और महिलाओं को आधुनिक बैंकिंग प्रौद्योगिकियों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करती है।