संदर्भ:
हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र ने बाकू, अज़रबैजान में COP29 (2024) के दौरान एक नया वैश्विक नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) आकलन जारी किया।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु:
N₂O वायुमंडल में उत्सर्जित होने वाला सबसे महत्वपूर्ण ओजोन परत-क्षयकारी पदार्थ है। पेरिस समझौते के अंतर्गत वैश्विक तापमान को 1.5°C तक सीमित करने के लिए N₂O उत्सर्जन को कम करना अनिवार्य है।
N₂O उत्सर्जन में कमी से वर्ष 2100 तक 235 बिलियन टन ‘CO₂-समतुल्य’ उत्सर्जन को कम किया जा सकता है, जो छह वर्षों के वैश्विक CO₂ उत्सर्जन के बराबर है।
औद्योगिक क्रांति के बाद से अब तक कुल वैश्विक तापमान में लगभग 10% (लगभग 0.1°C) की वृद्धि के लिए इसका मानवजनित उत्सर्जन जिम्मेदार है ।
पूर्व-औद्योगिक युग की तुलना में नाइट्रस ऑक्साइड की वायुमंडलीय प्रचुरता में 20% से अधिक की वृद्धि हुई है ।
- पिछले पांच वर्षों (2017-2021) में N 2 O की औसत वार्षिक वृद्धि दर 1.2 भाग प्रति बिलियन प्रति वर्ष थी । यह 2000 के दशक की शुरुआत (2000-2004) की तुलना में लगभग दोगुनी थी।
वर्तमान में, इन उत्सर्जनों में कृषि का योगदान 75% है, जिसमें से लगभग 90% कृषि मृदा पर सिंथेटिक उर्वरकों और खाद के उपयोग से, तथा 10% खाद प्रबंधन से उत्पन्न होता है।
मूल्यांकन की प्रमुख सिफारिशें:
यह वैश्विक जलवायु लक्ष्यों के अनुरूप है और N₂O प्रदूषण के प्रभाव को कम करते हुए सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए कार्यान्वयन योग्य रणनीतियां प्रस्तुत करता है।
यह जलवायु परिवर्तन से निपटने, सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा और पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए एक व्यापक रणनीति के भाग के रूप में N₂O उत्सर्जन को कम करने के लिए तत्काल, महत्वाकांक्षी कार्रवाई का आह्वान करता है।
यह जलवायु और खाद्य सुरक्षा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए समावेशी, लचीली कृषि की आवश्यकता पर बल देता है।
N₂O उत्सर्जन को वर्तमान स्तर से 40% से अधिक कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय सुझाए गए हैं :
- खाद्य उत्पादन प्रणालियों में परिवर्तन
- सतत नाइट्रोजन प्रबंधन
रासायनिक उद्योग को एक ऐसे क्षेत्र के रूप में रेखांकित किया गया है जहां उत्सर्जन को शीघ्रतापूर्वक और लागत प्रभावी ढंग से कम किया जा सकता है।
N₂O उत्सर्जन कम करने का महत्व:
N₂O उत्सर्जन को कम करने से वायुमंडल में हानिकारक नाइट्रोजन यौगिकों में कमी करके वायु और जल की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।
- बेहतर वायु गुणवत्ता के माध्यम से 2050 तक विश्वभर में 20 मिलियन तक होने वाली असामयिक मौतों को कम करना ।
समग्र पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा तथा मृदा स्वास्थ्य में सुधार करना।
सतत नाइट्रोजन प्रबंधन पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हुए कृषि को बढ़ावा दे सकता है।