संदर्भ:
आइवरी कोस्ट (कोट डी आइवर) संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन में शामिल होने वाला 10वां अफ्रीकी देश बन गया है।
मुख्य अंश
- यह अब 1992 के संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन का 53वां पक्ष है, जिसे सीमापारीय जलमार्गों एवं अंतर्राष्ट्रीय झीलों के संरक्षण और उपयोग पर सम्मेलन के रूप में भी जाना जाता है।
- इस सम्मेलन में पक्षकारों से सीमापारीय जल के सतत प्रबंधन पर सहयोग करने की अपेक्षा की गई है।
- आइवरी कोस्ट अपने छह पड़ोसी देशों के साथ आठ सीमा पार नदी घाटियों (ब्लैक वोल्टा, बिया, तानोई, कोमो, नाइजर, सासंद्रा, कैवली एट नुओन) को साझा करता है
- वैश्विक जल सुरक्षा 2023 मूल्यांकन में आइवरी कोस्ट को अफ्रीका में 40वां सर्वाधिक जल-असुरक्षित देश बताया गया है।
- सिएरा लियोन, जाम्बिया और जिम्बाब्वे भी सम्मेलन में शामिल होने के अंतिम चरण में हैं।
संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन
- सीमापारीय जलमार्गों और अंतर्राष्ट्रीय झीलों के संरक्षण और उपयोग पर वर्ष 1992 का सम्मेलन (संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन) एक अद्वितीय अंतर्राष्ट्रीय कानूनी साधन और अंतर-सरकारी मंच है, जिसका उद्देश्य सहयोग को सुविधाजनक बनाकर सीमापारीय जल संसाधनों के सतत उपयोग को सुनिश्चित करना है।
- प्रारंभ में इसे एक क्षेत्रीय साधन (सम्पूर्ण यूरोपीय क्षेत्र के लिए) के रूप में बातचीत के माध्यम से अपनाया गया था तथा वर्ष 2016 में इसे सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों के लिए खोल दिया गया था।
- यह प्रोटोकॉल जल एवं स्वच्छता के मानवाधिकारों को व्यवहार में लाने तथा सतत विकास लक्ष्य 6 (सभी के लिए जल एवं स्वच्छता तक पहुंच सुनिश्चित करना) को क्रियान्वित करने हेतु एक व्यावहारिक रूपरेखा प्रदान करता है।
- भारत इस स्म्मेलन का पक्षकार नहीं है।
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