भारत में जनसंख्या स्थिरीकरण  

संदर्भ: लगातार घटती प्रजनन दर और जीवन प्रत्याशा में वृद्धि के कारण भारत जनसांख्यिकीय बदलाव के दौर से गुजर रहा है।

अन्य संबंधित जानकारी

• इंडियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ पॉपुलेशन के अनुसार, भारत की जनसंख्या 2080 तक अर्थात लगभग 1.8 से 1.9 बिलियन पर स्थिर होने का अनुमान है।

• कुल प्रजनन दर (TFR) 2000 में 3.5 से घटकर 2023 में 1.9 हो गई है, जो प्रतिस्थापन स्तर (2.1) से कम है।

• प्रजनन दर में गिरावट का कारण विकास, महिला साक्षरता, देर से विवाह करना और गर्भनिरोधकों का बड़ी मात्रा में उपयोग करना है।

• केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य प्रतिस्थापन दर से काफी नीचे, बहुत निम्न प्रजनन स्तर पर पहुँच गए हैं।

• जीवन प्रत्याशा में वृद्धि और वृद्ध होती जनसंख्या  से बुजुर्गों की देखभाल व्यवस्था के लिए भी माँग उठ रहीं हैं।

कुल प्रजनन दर (TFR)

• कुल प्रजनन दर (TFR) किसी विशेष वर्ष में किसी महिला द्वारा उसके प्रजनन काल (आमतौर पर 15 से 49 वर्ष की आयु) के दौरान जन्मे बच्चों की औसत संख्या को दर्शाती है।

• राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (NFHS-5, 2019-21) के अनुसार, भारत की कुल प्रजनन दर  घटकर 2.0 हो गई है।

• नवीनतम नमूना पंजीकरण प्रणाली (SRS) सांख्यिकीय रिपोर्ट 2023 के अनुसार, 2023 में भारत की कुल प्रजनन दर 1.9 थी जिसमें बिहार में सबसे अधिक दर (2.8) और दिल्ली में सबसे कम (1.2) दर्ज की गई है।

हंसा-3 (एनजी) प्रशिक्षक विमान 

संदर्भ: हाल ही में, CSIR-राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला (NAL) ने बेंगलुरु में स्वदेशी हंसा-3 (एनजी) प्रशिक्षक विमान का एक ‘उत्पादन संस्करण’ लॉन्च किया।

अन्य संबंधित जानकारी

• हंसा-3 (एनजी) को विमानन प्रशिक्षण की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए विकसित किया जा रहा है, क्योंकि अगले दो दशकों में भारत में लगभग 30,000 पायलटों की आवश्यकता होने का अनुमान है।

• केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने SARAS Mk-2 हल्के परिवहन विमान  पर चल रहे कार्य की समीक्षा की और कई एयरोस्पेस परीक्षण एवं विनिर्माण सुविधाओं का उद्घाटन किया।

• उद्योग भागीदार पायनियर क्लीन एम्प्स आंध्र प्रदेश में एक विनिर्माण इकाई स्थापित कर रहा है, जो प्रति वर्ष 100 तक हंसा-3(NG) विमानों का निर्माण कर सकती है।

हंसा-3 (एनजी) प्रशिक्षक विमान

• यह विमान भारत का पहला दो सीटों वाला प्रशिक्षक विमान है, जिसे निजी पायलट लाइसेंस (और वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस प्रशिक्षण की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

• यह विमान में एक उन्नत समग्र एयरफ्रेम है जो इसके वजन को कम करते हुए संरचनात्मक शक्ति में सुधार करता है।

• यह विमान कम परिचालन लागत और बेहतर ईंधन दक्षता प्रदान करता है, जिससे यह फ्लाइंग क्लबों और प्रशिक्षण अकादमियों के लिए उपयुक्त है।

• यह विमान उन्नत विमानन इलेक्ट्रॉनिक्स और बेहतर कॉकपिट एर्गोनॉमिक्स के माध्यम से आधुनिक पायलट प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करता है।

• इस विमान को एक पूर्ण स्वदेशी मंच के रूप में विकसित किया गया है, जिससे भारत की आयातित बुनियादी प्रशिक्षक विमानों पर निर्भरता कम होगी।

राष्ट्रीय दिव्यांगजन रोजगार संवर्धन केंद्र

संदर्भ: हाल ही में, राष्ट्रीय दिव्यांगजन रोजगार संवर्धन केंद्र (NCPEDP) के एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण ने स्वास्थ्य बीमा से दिव्यांगजनों के बहिष्करण पर प्रकाश डाला।

अन्य संबंधित जानकारी

• NCPEDP ने एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण और श्वेत पत्र जारी किया, जिसमें यह दर्शाया गया है कि अधिकांश दिव्यांगजनों के पास स्वास्थ्य बीमा नहीं है।

• यह सर्वेक्षण 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किया गया और इसमें 5,000 से अधिक उत्तरदाताओं को शामिल किया गया।

सर्वेक्षण के मुख्य निष्कर्ष 

• आवेदनों के रद्द होने की उच्च दर: सर्वेक्षण से पता चलता है कि 80 प्रतिशत दिव्यांगजनों के पास किसी भी प्रकार का स्वास्थ्य बीमा नहीं है, जो यह दर्शाता है कि आधे से अधिक आवेदकों को बीमा के लिए आवेदन करते समय आवेदन के निरस्त होने की समस्या का सामना करना पड़ता है और कई लोगों को आवेदन को निरस्त करने का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता है।

• भेदभावपूर्ण बहिष्करण: यह निष्कर्ष लगातार ऐसी भेदभावपूर्ण बीमा प्रक्रियाओं को इंगित करता है जो आवेदकों को केवल दिव्यांगता या पहले से मौजूद बीमारियों के आधार पर बाहर कर देती हैं।

• प्रणालीगत असमानता: सर्वेक्षण गहरी प्रणालीगत असमानताओं को उजागर करता है, जिससे लगभग 16 करोड़ दिव्यांग भारतीय समान स्वास्थ्य सुरक्षा से वंचित रह जाते हैं।

• कानूनी आदेश का अनुपालन न करना: इस आकलन में पाया गया है कि दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम 2016 के अनुदेशों को बीमा क्षेत्र में प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जा रहा है।

श्वेत पत्र की मुख्य सिफारिशें

• दिव्यांगता-समावेशी स्वास्थ्य कवरेज: श्वेत पत्र में बिना किसी आयु या आय मानदंड के तत्काल प्रभाव से सभी दिव्यांगजनों को आयुष्मान भारत के अंतर्गत शामिल करने की सिफारिश की गई है।

• समग्र स्वास्थ्य कवरेज: यह बीमा पैकेजों के भीतर मानसिक स्वास्थ्य देखभाल, पुनर्वास सेवाओं और सहायक प्रौद्योगिकियों के लिए कवरेज बढ़ाने की मांग की गई है।

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन परिषद

संदर्भ: हाल ही में, भारत की  मजबूत वैश्विक समुद्री स्थिति को देखते हुए सर्वाधिक मतों के साथ इसे अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) परिषद की श्रेणी ‘B’ के लिए पुनर्निर्वाचित किया गया है। 

अन्य संबंधित जानकारी

• लंदन में आयोजित 34वीं IMO असेंबली में, भारत 169 वैध मतों में से 154 मत प्राप्त करके अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन परिषद की ‘श्रेणी B’ के लिए फिर से निर्वाचित हुआ है।”

• भारत का पुन: चयन इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 की सफल मेज़बानी के बाद हुआ है, जिसने 100 से अधिक देशों के प्रतिभागियों को आकर्षित किया और भारत की समुद्री क्षमताओं को प्रदर्शित किया।

• सततता, समुद्री सुरक्षा और डीकार्बोनाइजेशन पहलों में भारत की सक्रिय भूमिका ने वैश्विक समुद्री शासन में उसकी विश्वसनीयता को बढ़ाया है।

• भारत ने लगातार दूसरी बार श्रेणी ‘B’ में सर्वाधिक मत हासिल किए हैं, जो अमृत काल समुद्री विजन 2047 के लक्ष्यों के अनुरूप है। 

• श्रेणी ‘B’ में चुने गए अन्य देश ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन और संयुक्त अरब अमीरात हैं।

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO)

• IMO संयुक्त राष्ट्र की एक विशिष्ट एजेंसी है जो अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग (जहाजरानी) के लिए सुरक्षा, संरक्षा, और पर्यावरणीय प्रदर्शन के मानकों को निर्धारित करती है।

• IMO की स्थापना 1948 में जिनेवा सम्मेलन में हुए एक समझौते के बाद हुई थी।

• IMO का मुख्यालय लंदन, यूके में स्थित है।

• IMO परिषद, IMO का कार्यकारी अंग है और असेंबली के अधीन, संगठन के कार्य की देखरेख के लिए जिम्मेदार है।

• परिषद में 40 सदस्य राष्ट्र हैं, जिन्हें असेंबली द्वारा दो साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है।

• IMO असेंबली IMO परिषद को तीन श्रेणियों में सेवा देने के लिए सदस्य राष्ट्रों का चुनाव करती है।

  • श्रेणी (a): अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग सेवाएँ प्रदान करने में सबसे अधिक रुचि रखने वाले 10 राष्ट्र।
  • श्रेणी (b): अंतर्राष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सबसे अधिक रुचि रखने वाले 10 राष्ट्र।
  • श्रेणी (c): उपरोक्त (a) या (b) के तहत नहीं चुने गए 20 राष्ट्र, जिनकी समुद्री परिवहन या नौवहन में विशेष रुचि है और जिनका परिषद में चुना जाना विश्व के सभी प्रमुख भौगोलिक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करेगा।

भारत इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (IIGF) 2025

संदर्भ: हाल ही में, भारत इंटरनेट गवर्नेंस फोरम का पाँचवाँ संस्करण नई दिल्ली में आयोजित किया गया।

अन्य संबंधित जानकारी

• यह फोरम इंडिया हैबिटेट सेंटर और इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित की गई।

• IIGF-2025 का उद्घाटन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NIXI) द्वारा किया गया।

  • NIXI (नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया), भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसकी स्थापना देश में इंटरनेट सेवाओं और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 19 जून, 2003 को की गई थी।

•   इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के इंटरनेट परिदृश्य के लिए प्राथमिकताओं की पहचान करने और उन क्षेत्रों की जाँच करने के लिए एक सहयोगात्मक मंच प्रदान करना है जिन पर नीतिगत ध्यान देने की आवश्यकता है।

• इस वर्ष का विषय है “एक समावेशी और सतत विकसित भारत के लिए इंटरनेट गवर्नेंस को उन्नत करना,” जो समावेशी विकास और जिम्मेदार डिजिटल विकास पर फोरम के फोकस को दर्शाता है।

• चर्चाओं को तीन उप-विषयों के इर्द-गिर्द संरचित किया जाएगा, जिनमें एक समावेशी डिजिटल भविष्य, लचीले और सतत विकास के लिए डिजिटल बुनियादी ढाँचा, और सामाजिक एवं पर्यावरणीय प्रगति के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का जिम्मेदार उपयोग शामिल हैं।

भारत इंटरनेट गवर्नेंस फोरम के बारे में 

• भारत इंटरनेट गवर्नेंस फोरम संयुक्त राष्ट्र इंटरनेट गवर्नेंस फोरम के राष्ट्रीय अध्याय के रूप में कार्य करती है और संतुलित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए बहु-हितधारक संरचना का अनुसरण करती है।

• यह फोरम इंटरनेट नीतिगत मामलों पर विचार-विमर्श करने के लिए सरकारी एजेंसियों, नागरिक समाज संगठनों, उद्योग प्रतिनिधियों, तकनीकी निकायों और शैक्षणिक संस्थानों को समान दर्जा प्रदान करती है।

• इस फोरम की स्थापना 2021 में डिजिटल शासन और सार्वजनिक नीति के मुद्दों पर एक खुला और समावेशी संवाद मंच बनाने के लिए की गई थी।

• विभिन्न क्षेत्रों से लिए गए विशेषज्ञों से मिलकर गठित की गई 14 सदस्यीय समिति निरंतरता और संस्थागत समर्थन सुनिश्चित करने के लिए फोरम की गतिविधियों और कार्यप्रणाली की देखरेख करती है।

विश्व एड्स दिवस 2025

संदर्भ: एचआईवी/एड्स महामारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।

अन्य संबंधित जानकारी

• विश्व एड्स दिवस 2025 का विषय  है: “बाधाओं पर विजय, एड्स प्रतिक्रिया में परिवर्तन (Overcoming disruption, transforming the AIDS response)।”

• इसे पहली बार 1988 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मनाया गया था और तब से यह सरकारों, समुदायों और व्यक्तियों के लिए इस रोग (एड्स) के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने का एक मंच बन गया है।

एड्स के बारे में 

• एड्स मानव इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) के कारण होता है, जो एक रेट्रोवायरस है जो गैर-मानव प्राइमेट्स (non-human primates) से उत्पन्न  हुआ और मनुष्यों में संचरित हो गया।

• एचआईवी मुख्य रूप से कुछ शारीरिक तरल पदार्थों, जिनमें रक्त, वीर्य, योनि द्रव, मलाशय द्रव और स्तन का दूध शामिल है, के माध्यम से फैलता है। इसके सामान्य संचरण मार्गों में असुरक्षित यौन संबंध और सुइयों को साझा करना शामिल है।

• एचआईवी अभी भी एक प्रमुख वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा बना हुआ है, जिससे अब तक अनुमानित 44.1 मिलियन लोगों की मौत हो चुकी  है।

• 2024 के अंत तक अनुमानित 40.8 मिलियन लोग एचआईवी से ग्रसित थे, जिनमें से 65% डब्ल्यूएचओ अफ्रीकी क्षेत्र (WHO African Region) में हैं।

विश्व दूरसंचार विकास सम्मेलन 2025 (WTDC-25)

संदर्भ: हाल ही में, अज़रबैजान सरकार ने बाकू में विश्व दूरसंचार विकास सम्मेलन 2025 (WTDC-25) की मेज़बानी की।

विश्व दूरसंचार विकास सम्मेलन 2025

• यह सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) द्वारा 17 से 28 नवंबर, 2025 तक आयोजित किया गया।

• WTDC-25 का विषय है: “एक समावेशी और सतत डिजिटल भविष्य के लिए सार्वभौमिक, सार्थक और वहनीय कनेक्टिविटी।”

• में विश्व भर से 65 से अधिक मंत्रियों और एजेंसियों के प्रमुखों सहित लगभग 2,300 प्रतिनिधियों (डेलीगेट्स) ने भाग लिया।

• यह सम्मेलन हर चार साल में आयोजित किया जाता है और वैश्विक दूरसंचार विकास के लिए रणनीतिक दिशा और कार्य के कार्यक्रम निर्धारित करता है।

• विश्व दूरसंचार विकास सम्मेलन (WTDC) डिजिटल कनेक्टिविटी को उन्नत करने बढ़ाने, नवाचार को बढ़ावा देने और अधिक समावेशी डिजिटल भविष्य के लिए नीतियों को आकार देने के लिए एक समर्पित वैश्विक मंच है।

अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU)

• ITU सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों (ICTs) के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट एजेंसी है।

• ITU की स्थापना 1865 में हुई थी, और यह अभी भी कार्यरत सबसे पुराने अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में से एक है।

• ITU का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है।

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