भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (IBBI)
संदर्भ: भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (IBBI) ने 1 अक्टूबर 2025 को अपना नौवां वार्षिकोत्सव मनाया।
भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (IBBI)
- बोर्ड की स्थापना 1 अक्टूबर, 2016 को दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता, 2016 (संहिता) के तहत की गई थी।
- यह संहिता के कार्यान्वयन के लिए उत्तरदायी इकोसिस्टम का एक प्रमुख स्तंभ है जो समयबद्ध तरीके से कॉर्पोरेट व्यक्तियों, साझेदारी फर्मों और व्यक्तियों के पुनर्गठन और दिवाला समाधान से संबंधित कानूनों को समेकित और संशोधित करता है।
- इसका उद्देश्य परिसंपत्ति के मूल्य को अधिकतम करना, उद्यमशीलता को बढ़ावा देना, ऋण की उपलब्धता और हितधारकों के हितों के बीच संतुलन सुनिश्चित करना है।
- IBBI एक अद्वितीय नियामक है, क्योंकि यह पेशे और उसकी प्रक्रियाओं दोनों को नियंत्रित करता है।
- यह दिवाला पेशेवरों (IPs), दिवाला पेशेवर एजेंसियों (IPAs), दिवाला पेशेवर संस्थाओं (IPEs) और सूचना उपयोगिताओं (IUs) पर नियामक निगरानी रखता है।
- इसे देश में मूल्यांकनकर्ताओं के पेशे के विनियमन और विकास के लिए कंपनी (पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता और मूल्यांकन) नियम, 2017 के तहत ‘प्राधिकरण’ के रूप में भी नामित किया गया है।
सांस्कृतिक नीतियों और सतत विकास पर यूनेस्को विश्व सम्मेलन (MONDIACULT), 2025
संदर्भ: भारत ने MONDIACULT 2025 के दौरान एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए सह-अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
सांस्कृतिक नीतियों और सतत विकास पर यूनेस्को विश्व सम्मेलन (MONDIACULT) के बारे में
- यह विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक नीति सम्मेलन है।
- यह एक मंत्रिस्तरीय मंच है जहाँ 194 यूनेस्को सदस्य देश संस्कृति के लिए वैश्विक एजेंडा निर्धारित करते हैं।
- यह सम्मेलन यूनेस्को द्वारा आयोजित किया गया और स्पेन सरकार ने इसकी मेजबानी की।
- यह 2030 के बाद के विकास एजेंडे में संस्कृति को एक विशिष्ट उद्देश्य के रूप में मान्यता देने के घोषणापत्र के आह्वान के अनुरूप भी है।
MONDIACULT 2025 के उद्देश्य
- वैश्विक सांस्कृतिक एजेंडे को आकार देने के लिए देशों के बीच बहुपक्षीय कार्रवाई, सहयोग और एकजुटता को मजबूत करना।
- युवाओं सहित विभिन्न हितधारकों के साथ सांस्कृतिक नीतियों पर समावेशी और सहभागी संवाद को बढ़ावा देना।
- 2030 के बाद के विकास एजेंडे में संस्कृति के लिए एक एकल लक्ष्य के प्रारूपण में विचार की जाने वाली प्राथमिकताओं की पहचान करना।
- नीतियों में सुधार के लिए सांस्कृतिक सूचना प्रणालियों को सुदृढ़ करने में यूनेस्को के सदस्य देशों का समर्थन करना।
MONDIACULT 2025 के छह प्राथमिकता प्राप्त विषय:
- सांस्कृतिक अधिकार
- संस्कृति क्षेत्र में डिजिटल प्रौद्योगिकियाँ
- संस्कृति और शिक्षा
- संस्कृति की अर्थव्यवस्था
- संस्कृति और जलवायु कार्रवाई
- संस्कृति, विरासत और संकट
दो फोकस क्षेत्र:
- शांति के लिए संस्कृति
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता और संस्कृति
सूरीनाम वन संरक्षण
संदर्भ: सूरीनाम ने अपने उष्णकटिबंधीय वनों के 90% हिस्से को स्थायी रूप से संरक्षित करने का संकल्प लिया है, जिससे अमेज़न क्षेत्र में जलवायु और जैव विविधता संरक्षण के लिए एक नया मानक स्थापित होगा।
अन्य संबंधित जानकारी

- न्यूयॉर्क शहर में जलवायु सप्ताह के दौरान यह घोषणा की गई कि वह अपने उष्णकटिबंधीय वनों के 90% हिस्से को स्थायी रूप से संरक्षित करेगा।
- सूरीनाम में पहले से ही लगभग 93% भूमि उष्णकटिबंधीय वर्षावन से आबद्ध है, जिनमें से अधिकांश प्राथमिक है और यहाँ कटाई, कृषि या खनन नहीं हुआ है।
- वैज्ञानिकों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भूटान और पनामा के साथ सूरीनाम विश्व के उन तीन देशों में से एक है जो उत्सर्जन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करते हैं, जिससे यह एक महत्वपूर्ण कार्बन सिंक बन गया है।
- यह प्रतिज्ञा वैश्विक “30×30” से कहीं आगे की है। वैश्विक “30×30” 2030 तक 30% भूमि और महासागरों की रक्षा करने का संयुक्त राष्ट्र समर्थित लक्ष्य है।
सूरीनाम के बारे में
- सूरीनाम दक्षिण अमेरिका के सबसे छोटे देशों में से एक है।
- देश के लगभग 14% हिस्से को राष्ट्रीय उद्यान (National Parks) और प्रकृति रिजर्व (Nature Reserves) के रूप में नामित किया गया है।
- इसके भूगोल में उष्णकटिबंधीय वर्षावन, सवाना, तटीय दलदल और दो पर्वत श्रृंखलाएँ बखूई और वन ऐश वन विज्क पर्वत शामिल हैं।
- सूरीनाम नदियों की भूमि है, और यहाँ की प्रमुख नदियाँ कोप्पेनेम, कोरेंटाइन, ग्रान, लूसी, मारोवीने, निकेरी और सरमाका हैं।
अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ (ISSA) पुरस्कार 2025
संदर्भ: हाल ही में, भारत को सामाजिक सुरक्षा में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ (ISSA) पुरस्कार 2025 दिया गया है।
अन्य संबंधित जानकारी
- केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने कुआलालंपुर में अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ सम्मेलन में घोषणा की कि भारत में सामाजिक सुरक्षा 2015 में 19% से बढ़कर 2025 में 64% से अधिक हो गई है।
- इस विस्तार से लगभग 940 मिलियन नागरिक लाभान्वित हुए हैं, जो सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारत के समावेशी और डिजिटल-प्रथम दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है।
अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ सम्मेलन (ISSA) के बारे में

- अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ (ISSA) सामाजिक सुरक्षा संस्थाओं, सरकारी विभागों और एजेंसियों के लिए व विश्व का अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।
- ISSA की स्थापना 1927 में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के तत्वावधान में की गई थी और आज 160 से अधिक देशों के 320 से अधिक संस्थान इसके सदस्य हैं।
- ISSA की महासभा में भारत की हिस्सेदारी बढ़कर 30 मत (वोट) हो गई है, जो किसी भी देश के लिए सबसे अधिक वृद्धि है।
अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ (ISSA) पुरस्कार के बारे में
- सामाजिक सुरक्षा में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए ISSA पुरस्कार एक त्रिवार्षिक पुरस्कार है जो सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में किसी देश की असाधारण प्रतिबद्धता और उपलब्धियों को विश्वव्यापी मान्यता प्रदान करता है।
- इस पुरस्कार की शुरुआत के बाद से भारत इसका पाँचवाँ प्राप्तकर्ता देश बन गया है, इससे पहले 2013 में ब्राज़ील, 2016 में चीन, 2019 में रवांडा और 2022 में आइसलैंड को यह पुरस्कार प्राप्त हुआ था।
विदेशी कंपनियों के लिए अनुमानित कराधान योजना
संदर्भ: हाल ही में नीति आयोग ने विदेशी कंपनियों के लिए एक अनुमानित कराधान योजना का सुझाव दिया है।

अन्य संबंधित जानकारी
- इस सिफारिश का उद्देश्य भारत के राजस्व हितों की रक्षा करते हुए विदेशी कंपनियों के लिए कर निश्चितता और सरलता प्रदान करना है।
- यह योजना स्थायी प्रतिष्ठानों (Permanent Establishment) और एट्रिब्यूशन (Attribution) नियमों से संबंधित विवादों को हल करने के लिए तैयार की गई है, जो अक्सर विदेशी कंपनियों के लिए कर अनिश्चितता पैदा करते हैं।
- इस योजना के तहत विदेशी कंपनियां एक निर्धारित दर पर आय घोषित कर सकती हैं और बदले में उन्हें नियमित खाता बही नहीं रखनी होगी।
- कार्य पत्र में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि भारत में मजबूत एफडीआई वृद्धि के बावजूद अस्पष्ट स्थायी प्रतिष्ठान नियमन निवेश को हतोत्साहित कर रहे हैं।
