UNESCO-IOC सुनामी तैयारी कार्यक्रम

संदर्भ: हाल ही में, यूनेस्को का अंतर-सरकारी महासागरीय आयोग ने ओडिशा के चौबीस तटीय गाँवों को ‘सुनामी के लिए तैयार‘ के रूप में मान्यता दी है।

अन्य संबंधित जानकारी

  • यह मान्यता इंडोनेशिया में आयोजित दूसरे वैश्विक सुनामी संगोष्ठी के दौरान राष्ट्रीय सुनामी तैयारी मान्यता बोर्ड (National Tsunami Ready Recognition Board-NTRB) द्वारा सत्यापन के आधार पर प्रदान की गई।
  • इसमें जगतसिंहपुर जिले के नोलियासाही (Noliasahi) और गंजम जिले के वेंकटरायपुर (Venkatraipur) नामक दो गाँवों के सुनामी तैयारी मान्यता संबंधी प्रमाणपत्रों का नवीनीकरण किया गया।  इन्हें वर्ष 2020 में ही ‘सुनामी तैयार’ के रूप में मान्यता प्राप्त थी।

राष्ट्रीय सुनामी तैयारी मान्यता बोर्ड (NTRB)

  • इसमें भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS) के वैज्ञानिक और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अधिकारी शामिल हैं।
  • यह सुनामी तैयारी मान्यता कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु जिम्मेदार है।

सुनामी तैयारी मान्यता कार्यक्रम (Tsunami Ready Recognition Programme) 

  • यह यूनेस्को की अंतर-सरकारी महासागरीय आयोग (IOC) द्वारा शुरू किया गया एक स्वैच्छिक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय प्रदर्शन-आधारित कार्यक्रम है।
  • इसका उद्देश्य आम नागरिकों, समुदायों  तथा राष्ट्रीय एवं स्थानीय आपातकालीन प्रबंधन संस्थानों  के सक्रिय सहयोग के माध्यम से सुनामी की तैयारी को बढ़ावा देना है।
  • ‘सुनामी तैयार’ स्थिति की पहचान के लिए पद्धति  यह सुनामी की तैयारी के मानक स्तर को पूरा करने के लिए एक सहयोगात्मक प्रयास है।
  • इसमें एक सुसंगत आकलन मानक निर्धारित करने हेतु 12 संकेतकों की परिकल्पना की गई है तथा इस मान्यता को प्राप्त करने हेतु सभी मानकों को पूरा करना होगा। इन्हें प्रत्येक चार वर्षों में अद्यतन  किया जाता है।
  • NTRB सदस्यों ने 12 संकेतकों के सत्यापन के लिए तटीय गाँवों का दौरा किया औरIOC-UNESCO को इन्हें सुनामी के लिए तैयार समुदायों के रूप में मान्यता देने की सिफारिश की।

ऑपरेशन द्रोणागिरी

संदर्भ: हाल ही में, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली में ऑपरेशन द्रोणागिरी (Operation Dronagiri) को शुरू किया है।

ऑपरेशन द्रोणागिरी के बारे में

  • यह राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति (NGP), 2022 के तहत संचालित एक पायलट परियोजना है। इसका उद्देश्य जीवन की गुणवत्ता में सुधार हेतु भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों और नवाचारों के संभावित अनुप्रयोगों को निरूपण करना है।
    NGP को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा भू-स्थानिक डेटा तक पहुँच को सुगम बनाने के लिए शासन ढाँचे को मजबूत करने हेतु शुरू  किया गया था।
  • इस ऑपरेशन का पहला चरण उत्तर प्रदेश, हरियाणा, असम, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों में लागू किया जाएगा।
    इसमें तीन क्षेत्रों – कृषि, आजीविका तथा लॉजिस्टिक एवं परिवहन – में भू-स्थानिक डेटा और प्रौद्योगिकी के संयोजन के संभावित अनुप्रयोगों को प्रदर्शित करेगा।
  • यह परिचालन संयोजन भू-स्थानिक डेटा साझाकरण इंटरफेस (Integrated Geospatial Data Sharing Interface-GDI) द्वारा समर्थित है।GDI शहरी नियोजन, पर्यावरण निगरानी, आपदा प्रबंधन आदि के लिए निर्बाध डेटा साझाकरण, पहुँच और विश्लेषण को सक्षम बनाता है।

बुकर पुरस्कार 2024

संदर्भ: हाल ही में, ब्रिटिश लेखिका सामंथा हार्वे (Samantha Harvey) को उनके उपन्यास ऑर्बिटल (विंटेज) के लिए बुकर पुरस्कार, 2024 से सम्मानित किया गया।

अन्य संबंधित जानकारी

  • लंदन के ओल्ड बिलिंग्सगेट (Old Billingsgate) में आयोजित एक समारोह में निर्णायक मंडल के अध्यक्ष एडमंड डी वाल (Edmund de Waal) ने विजेता की घोषणा की।
  • यह पहली बुकर पुरस्कार विजेता पुस्तक है, जिसकी कहानी अंतरिक्ष की गतिविधियों पर आधारित है। यह उपन्यास अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करने वाले छह अंतरिक्ष यात्रियों के जीवन के एक दिन की कहानी पर आधारित है।ब्रिटेन में चयनित (शॉर्टलिस्ट) की गई ऑर्बिटल (Orbital)  सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तक है। इसकी बिक्री पिछले तीन बुकर पुरस्कार विजेताओं पुस्तकों की संयुक्त बिक्री से भी अधिक है।
  • बुकर पुरस्कार यह अंग्रेजी भाषा के प्रचलन वाले क्षेत्रों में प्रदान किया जाने वाला अग्रणी साहित्यिक पुरस्कार है, जो पिछले पाँच दशकों से उत्कृष्ट साहित्य को मान्यता, पुरस्कार और पाठक संख्या प्रदान करता रहा है।
  • निर्णायक मंडलों की राय में यह पुरस्कार प्रतिवर्षअंग्रेजी में लिखित तथा ब्रिटेन और आयरलैंड में प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ  कृति को प्रदान किया जाता है।
  • इसके विजेता को 50,000 पाउंड की राशि दी जाती है। साथ ही, अन्य छः चयनित लेखकों में से प्रत्येक को 2,500 पाउंड की राशि दी जाती है। 

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