एशियाई विकास बैंक (ADB)

संदर्भ:

हाल ही में, एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank-ADB) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने सर्वसम्मति से मसातो कांडा को बैंक के 11वें अध्यक्ष के रूप में चुना।

अन्य संबंधित जानकारी

  • मसातो कांडा वर्तमान में जापान के प्रधानमंत्री और जापान के वित्त मंत्री के विशेष सलाहकार के रूप में कार्य कर रहे हैं।
  • वह 24 फरवरी, 2025 को मासत्सुगु असकावा (ADB के 10वें अध्यक्ष जो जापान के ही हैं) के उत्तराधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे।
  • मसातो कांडा बैंक के वर्तमान अध्यक्ष मासत्सुगु असकावा का अपूर्ण कार्यकाल (जो 23 नवंबर 2026 को समाप्त होगा) तक इस पद पर रहेंगे।

एशियाई विकास बैंक के अध्यक्ष

  • बैंक के अध्यक्ष निदेशक मंडल के अध्यक्ष होते हैं और एशियाई विकास बैंक का प्रबंधन करते हैं। 
  • अध्यक्ष का कार्यकाल पांच साल तक चलता है और वह फिर से चुना जा सकता है।
  • ताकेशी वतनबे (जापानी नौकरशाह) एशियाई विकास बैंक के पहले अध्यक्ष थे।
  • किसी अध्यक्ष का चुनाव करने में, एडीबी चार्टर के अनुच्छेद 34 में गवर्नरों की कुल संख्या के बहुमत की आवश्यकता होती है, जिसे एशियाई विकास बैंक सदस्यों की कुल मतदान शक्ति का बहुमत प्राप्त करनी होती है। 
  • एशियाई विकास बैंक के अध्यक्ष के चुनाव के दो चरण हैं: नामांकन और चुनाव। निदेशक मंडल चुनाव के संचालन में सहायता करती है। 

एशियाई विकास बैंक (ADB)

  • एशियाई विकास बैंक का गठन वर्ष 1966 में हुआ था और यह एक क्षेत्रीय विकास बैंक है।
  • एशियाई विकास बैंक के 69 शेयरधारक सदस्य हैं जिनमें एशिया और प्रशांत क्षेत्र के 49 सदस्य शामिल हैं।
  • इसका सर्वोच्च नीति-निर्माण निकाय बोर्ड ऑफ गवर्नर्स है, जिसमें प्रत्येक सदस्य राष्ट्र (वर्तमान में 69) से एक प्रतिनिधि शामिल है।
  • भारत एशियाई विकास बैंक का संस्थापक सदस्य और इसका चौथा सबसे बड़ा शेयरधारक है।

बोर्ड ऑफ गवर्नर्स

  • एशियाई विकास बैंक का सर्वोच्च नीति-निर्माण निकाय बोर्ड ऑफ गवर्नर्स है, जिसमें प्रत्येक सदस्य राष्ट्र से एक प्रतिनिधि शामिल होता है – एशिया-प्रशांत से 49 और इस क्षेत्र के बाहर से 20 प्रतिनिधि। 
  • गवर्नर निदेशक मंडल गठित करने हेतु 12 सदस्यों का चुनाव करते हैं, जो फिलीपींस के मनीला में एशियाई विकास बैंक के मुख्यालय में अपने कर्तव्यों का पूरा समय निर्वहन करता है।
  • बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की औपचारिक बैठक वर्ष में एक बार एशियाई विकास बैंक की वार्षिक बैठक के दौरान होती है।

10वां अंतर्राष्ट्रीय पारंपरिक और पूरक चिकित्सा सम्मेलन 2024

संदर्भ:

भारत ने 10वें अंतर्राष्ट्रीय पारंपरिक और पूरक चिकित्सा सम्मेलन (INTRACOM) 2024 में पारंपरिक चिकित्सा (TM) की वैश्विक उन्नति में अपने योगदान पर प्रकाश डाला।

अन्य संबंधित जानकारी 

NTRACOM 2024 मलेशिया के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान में आयोजित किया गया था।

यह सम्मेलन पारंपरिक और पूरक चिकित्सा में स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं के आधुनिकीकरण में डिजिटल प्रौद्योगिकियों की परिवर्तनकारी भूमिका पर केंद्रित था।

भारत ने रोगों के अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण (ICD-11) पारंपरिक चिकित्सा 2 (ICD-11TM2) प्रणाली को पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के व्यवस्थित वैश्विक दस्तावेज़ीकरण में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में सफलतापूर्वक अंतिम रूप देने पर प्रकाश डाला।

  • ICD-11 TM2 मॉड्यूल में 529 श्रेणियां शामिल हैं जो TM विकारों और स्वरूप के इर्द-गिर्द घूमती हैं।

सम्मेलन ने TM2 संस्थाओं के लिप्यंतरण, अनुवाद और भविष्य के रखरखाव पर विचार-विमर्श हेतु एक मंच भी प्रदान किया, साथ ही इन्हें नमस्ते पोर्टल जैसे राष्ट्रीय मानकों के साथ जोड़ दिया।

  • राष्ट्रीय आयुष रुग्णता और मानकीकृत शब्दावली इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल (National Ayush Morbidity and Standardized Terminologies Electronic Portal-NAMASTE) एक ऐसा पोर्टल है जो आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा प्रणालियों के लिए मानकीकृत शब्दावली और रुग्णता कोड प्रदान करता है।
  • पोर्टल नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में दूसरे आयुर्वेद दिवस (17 अक्टूबर 2017) के अवसर पर भारत के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया था।

पारंपरिक चिकित्सा क्या है?

  • यह विभिन्न संस्कृतियों के लिए स्वदेशी सिद्धांतों, विश्वासों और अनुभवों के आधार पर ज्ञान, कौशल और प्रथाओं का कुल योग है, चाहे वह स्पष्ट हो या नहीं, स्वास्थ्य के रखरखाव के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक बीमारी की रोकथाम, निदान, सुधार या उपचार में उपयोग किया जाता है।

एकलव्य प्लेटफार्म

संदर्भ: 

हाल ही में, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने भारतीय सेना के लिए एक ऑनलाइन शिक्षण मंच “एकलव्य” शुरू किया।

अन्य संबधित जानकारी

यह मंच भारतीय सेना के “परिवर्तन के दशक” के दृष्टिकोण के अनुरूप है और वर्ष 2024 के लिए भारतीय सेना का विषय “प्रौद्योगिकी अवशोषण का वर्ष” के रूप में भी है।

एकलव्य सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म को प्रायोजक एजेंसी के रूप में आर्मी वॉर कॉलेज के साथ मुख्यालय सेना प्रशिक्षण कमान के तत्वावधान में विकसित किया गया है।

इसे सूचना प्रणाली महानिदेशालय की सहायता के साथ गांघीनगर के “भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान” [Bhaskaracharya National Institute of Space Applications and Geoinformatics”-BISAG-N) माध्यम से शून्य लागत पर विकसित किया गया है।

इस मंच को आर्मी डेटा नेटवर्क पर प्रदर्शित किया गया है और इसमें एक मापनीय वास्तुकला है।

एकलव्य मंच पर आयोजित पाठ्यक्रमों की निम्न तीन श्रेणियां हैं: 

  • प्री-कोर्स प्रिपरेटरी कैप्सूल: विभिन्न श्रेणी ‘ए’ प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों में आयोजित किए जा रहे सभी ऑफ़लाइन शारीरिक पाठ्यक्रमों के लिए अध्ययन सामग्री।
  • नियुक्ति या विशिष्ट कार्यों से संबंधित पाठ्यक्रम: इसमें सूचना युद्ध, रक्षा भूमि प्रबंधन, वित्तीय नियोजन, अनुशासन और सतर्कता, कार्य, अध्यक्ष, पूर्व सैनिक मामलों आदि पर सामग्री शामिल है।
  • प्रोफेशनल डेवलपमेंट सुइट: इसमें रणनीति, परिचालन कला, नेतृत्व, संगठनात्मक व्यवहार, वित्त, पठन कला, सशक्त लेखन, उभरती प्रौद्योगिकी आदि पर पाठ्यक्रम शामिल हैं।

सबल 20 लॉजिस्टिक्स ड्रोन

संदर्भ:

भारतीय सेना ने अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में एण्ड्यूर एयर (EndureAir) से सबल 20 लॉजिस्टिक्स ड्रोन हासिल किए। 

सबल 20 लॉजिस्टिक्स ड्रोन क्या है?

  • सबल एक विद्युत अग्रानुक्रम रोटर मानव रहित वायुयान (UAV) है जिसे विशेष रूप से विभिन्न भौगोलिक इलाकों में हवाई प्रदायगी हेतु अभियंत्रित और तैयार किया गया है।
  • यह एक इलेक्ट्रिक-मानवरहित हेलीकॉप्टर है जो परिवर्तनीय पिच प्रौद्योगिकी पर आधारित है।
  • इसकी वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (VTOL) तकनीक, ड्रोन को सीमित स्थानों और कठिन वातावरण में संचालित करने की सुविधा प्रदान करती है।
  • 20 किलोग्राम तक की पेलोड क्षमता (अपने स्वयं के वजन का लगभग आधा) के साथ यह ड्रोन लंबी दूरी पर आपूर्ति करने में सक्षम है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में सक्रिय सैन्य बलों के लिए एक महत्वपूर्ण साधन जहां पारंपरिक परिवहन मुश्किल है। 

EndureAir प्रणाली 

  • यह एक मानव रहित विमानन प्रौद्योगिकी कंपनी है जिसकी स्थापना वर्ष 2018 में विश्व स्तरीय ड्रोन प्रौद्योगिकी प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी।
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