एशिया–प्रशांत प्रसारण विकास संस्थान
संदर्भ: हाल ही में, भारत को 23वें एशिया-प्रशांत प्रसारण विकास संस्थान महासम्मेलन के दौरान एशिया–प्रशांत प्रसारण विकास संस्थान (AIBD) के कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया है।
अन्य संबंधित जानकारी
- भारत ने इससे पहले 2016 में एशिया-प्रशांत प्रसारण विकास संस्थान की कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष का पद संभाला था।
- यह घटनाक्रम एशिया-प्रशांत प्रसारण विकास संस्थान में भारत के नेतृत्व को और मजबूती प्रदान करता है, क्योंकि यह अगस्त 2025 तक इसका अध्यक्ष बना रहेगा।
- यह नियुक्ति भारत के प्रसारण नेतृत्व पर वैश्विक विश्वास की पुष्टि करती है और वैश्विक मीडिया विकास में इसे एक बड़ी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करती है।
एशिया–प्रशांत प्रसारण विकास संस्थान (AIBD) के बारे में
- एआईबीडी की स्थापना 1977 में यूनेस्को के तत्वावधान में हुई थी और इसका सचिवालय कुआलालंपुर में स्थित है।
- यह एक अद्वितीय क्षेत्रीय अंतर-सरकारी संगठन है जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विकास के क्षेत्र में एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (UN-ESCAP) के देशों को सेवाएं प्रदान करता है।
- वर्तमान में 45 देशों से 92 से अधिक संगठन इसके सदस्य हैं, जिनमें शामिल हैं:
- 48 राष्ट्रीय प्रसारकों द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने वाले 26 सरकारी सदस्य
- एशिया-प्रशांत, यूरोप, अफ्रीका, अरब राज्यों और उत्तरी अमेरिका में फैले 28 देशों और क्षेत्रों के 44 संबद्ध सदस्य
- भारत एआईबीडी का संस्थापक सदस्य है।
- कार्यकारी बोर्ड (EXBO) वित्त, मानव संसाधन, संस्थागत विकास, प्रशासन और कार्यक्रम विकास जैसे क्षेत्रों में महासम्मेलन और संस्थान को समर्थन देता है।
23वाँ एआईबीडी महासम्मेलन
- सम्मेलन का विषय: “लोगों, शांति और समृद्धि के लिए मीडिया”।
- एआईबीडी का 23वाँ महासम्मेलन और संबद्ध बैठकें थाईलैंड के फुकेत में सफलतापूर्वक संपन्न हुईं।
- सम्मेलन में नीतिगत आदान-प्रदान और संसाधन साझाकरण के माध्यम से सहयोगात्मक एशिया-प्रशांत मीडिया परिदृश्य को बढ़ावा देने हेतु वैश्विक मीडिया हितधारक एकजुट हुए।
युवा बौद्ध विद्वानों का तीसरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
संदर्भ: अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) ने डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (DAIC) के सहयोग से युवा बौद्ध विद्वानों के तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICYBS) की सफल मेजबानी की।
युवा बौद्ध विद्वानों का तीसरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICYBS)

- इस वर्ष के सम्मेलन का विषय था “21वीं सदी में बुद्ध धम्म में ज्ञान का संचरण।”
- ICYBS का आयोजन संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के सहयोग से किया गया था।
- सम्मेलन में रूस, वियतनाम, कंबोडिया, श्रीलंका, म्यांमार, ताइवान और भारत सहित कई देशों के युवा विद्वान, प्रोफेसर, भिक्षु और गणमान्य व्यक्ति एकत्रित हुए।
- सम्मेलन का उद्देश्य बुद्ध धम्म के सार को संरक्षित करने में युवाओं की भूमिका को रेखांकित करना है।
- चार विषयगत पैनलों में, प्रतिभागियों ने सम्राट अशोक के शासन मॉडल, गुरु-शिष्य संबंधों के माध्यम से पारंपरिक ज्ञान संचरण, नैतिक एआई को आकार देने में बुद्ध धम्म की भूमिका और शिक्षा और संघ के नेतृत्व वाली पहलों के माध्यम से युवाओं की भागीदारी पर चर्चा की।
अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC)
- अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ की औपचारिक स्थापना 2012 में नई दिल्ली में एक वैश्विक बौद्ध सम्मेलन के बाद हुई थी।
- इस संस्था का उद्देश्य बौद्ध धर्म को एक वैश्विक स्वर प्रदान करना है ताकि विरासत का संरक्षण किया जा सके, ज्ञान का आदान-प्रदान किया जा सके, मूल्यों को बढ़ावा दिया जा सके और वैश्विक संवाद में सार्थक भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
- यह सभी बौद्ध संगठनों को साझा सरोकार (shared concern) के वैश्विक मुद्दों पर सक्रिय रूप से विचार करने और उनसे जुड़ने के लिए एकजुट करता है।
- आदर्श वाक्य: सामूहिक ज्ञान: संयुक्त स्वर।
अग्नि-5 मिसाइल
संदर्भ: हाल ही में भारत ने ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया।
अन्य संबंधित जानकारी
- इस प्रक्षेपण ने सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों को वैधता प्रदान की और इसे सामरिक बल कमान के तत्वावधान में किया गया।
- अग्नि-5 का पिछला परीक्षण 11 मार्च 2024 को हुआ था, जब इसका मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।
- डीआरडीओ अग्नि-VI को लगभग 10,000 किलोमीटर की अपेक्षित रेंज के साथ विकसित कर रहा है, जबकि तैनात अग्नि श्रृंखला पहले से ही 700 किलोमीटर से 3,500 किलोमीटर तक की रेंज को कवर करती है।
अग्नि-5 मिसाइल
- यह रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा डिज़ाइन की गई एक स्वदेशी रूप से विकसित अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है।
- यह एक परमाणु सक्षम सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है।
- यह 5,000 किमी. की मारक क्षमता वाली भारत की सबसे लंबी दूरी की परिचालन मिसाइल है।
- इसके कवरेज क्षेत्र में सम्पूर्ण एशियाई महाद्वीप से लेकर यूरोप के कुछ हिस्से शामिल हैं।
- अग्नि-V को एक रोड-मोबाइल लॉन्चर (road-mobile launcher) पर लगे सीलबंद कैनिस्टर से प्रक्षेपित किया जाता है, जिससे प्रक्षेपण की तैयारी में कम समय लगता है।
- मिसाइल की उन्नत मार्गदर्शन प्रणालियाँ कथित तौर पर उसे उच्च सटीकता प्रदान करती हैं, और यह तीन-चरणीय ठोस-ईंधन रॉकेट द्वारा संचालित होती है।