संदर्भ: 

खगोलविदों ने हाल ही में वायुमंडल (एक विशेषता जिसे जीवन में मदद करने की क्षमता हेतु महत्वपूर्ण माना जाता है) युक्त एक चट्टानी एक्सोप्लैनेट की खोज की है।

महत्वपूर्ण निष्कर्ष

  • द्रव्यमान और आकार: ग्रह 55 कैनक्री ई (जिसे जैनसेन के नाम से भी जाना जाता है) पृथ्वी से लगभग 8.8 गुना अधिक विशाल है और इसका व्यास लगभग दोगुना है।
  • अवस्थिति: यह ग्रह पृथ्वी से 41 प्रकाश वर्ष दूर मिल्की वे आकाशगंगा के भीतर कर्क राशि में स्थित है।
  • स्वरूप: इसे “सुपर-अर्थ” के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह 18 घंटे की परिक्रमा अवधि के साथ अपने मेजबान तारे के बहुत करीब परिक्रमा करता है।

वातावरण: जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से प्राप्त इन्फ्रारेड अवलोकनों से पता चलता है कि वहां एक ठोस वातावरण मौजूद है, जो संभवतः विशाल मैग्मा महासागर से निकलने वाली गैसों से भरा हुआ है। वातावरण में संभवतः कार्बन डाइऑक्साइड या कार्बन मोनोऑक्साइड और संभवतः जल वाष्प और सल्फर डाइऑक्साइड मौजूद हैं।

सुपर पृथ्वी

  • “सुपर-अर्थ” एक प्रकार का एक्सोप्लैनेट है जिसका द्रव्यमान पृथ्वी से बड़ा है लेकिन बर्फ के बड़े हिस्से वाले यूरेनस और नेपच्यून से काफी कम है।
  • सुपर-अर्थ में रचनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला हो सकती है, जिसमें गैस, चट्टान या दोनों का संयोजन शामिल हो सकता है।
  • इसका वायुमंडल पृथ्वी जितना मोटा हो सकता है या शुक्र ग्रह (जिसका विषैला वायुमंडल हमारे सौरमंडल में सबसे घना है) से भी अधिक मोटा हो सकता है।
  • सतह का तापमान: सतह का तापमान लगभग 3,140 डिग्री फारेनहाइट (1,725 डिग्री सेल्सियस) तक पहुंच जाता है। अपने तारे से इसकी निकटता के कारण, यह खोजे गए सबसे गर्म चट्टानी बाह्यग्रहों में से एक है।
  • ज्वारीय अवरोधन: यह ग्रह संभवतः ज्वारीय अवरोधन से ग्रस्त है; इसका अर्थ है कि इसका एक भाग स्थायी रूप से अपने तारे की ओर रहता है, जो पृथ्वी के चंद्रमा के समान है।
  • मेजबान तारा प्रणाली: इसका मेजबान तारा एक द्विआधारी प्रणाली का हिस्सा है, जो गुरुत्वाकर्षण के कारण अत्यधिक दूरी पर एक लाल बौने तारे से बंधा होता है।
  • आवासन स्थिति: वातावरण होने के बावजूद, अत्यधिक तापमान तरल पानी की उपलब्धता असंभव बना देता है, जिससे ग्रह रहने योग्य नहीं रह जाता है।

महत्व

  • पिछली एक्सोप्लैनेट खोजों (जिसमें मुख्य रूप से गैस दिग्गज शामिल थे) के विपरीत यह खोज वायुमंडल के साथ चट्टानी एक्सोप्लैनेट की समझ को आगे बढ़ाती है।
  • 55 कैनक्री ई सूर्य जैसे तारे की परिक्रमा करनेवाले पहले खोजे गए सुपर-अर्थों में से एक है।
  • यह हमें ब्रह्मांड में ग्रह प्रणालियों की विविधता को समझने में मदद करता है।
  • यह खोज ठंडे ग्रहों पर इसी तरह की जांच की उम्मीद जगाती है जो संभावित रूप से तरल जल का संगत कर सकते हैं, हालांकि इसमें आगे और खोज की आवश्यकता है।

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