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सामान्य अध्ययन-3: भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधनों का जुटाव, वृद्धि, विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे।

संदर्भ: हाल ही में, गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी कंपनी लिमिटेड (GIFTCL) ने GIFT सिटी में वैश्विक क्षमता केंद्र (ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर-GCC) की स्थापना और विकास को बढ़ावा देने के लिए ANSR ग्लोबल कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड (ANSR) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।

अन्य संबंधित जानकारी

  • समझौता ज्ञापन का उद्देश्य गिफ्ट सिटी के बुनियादी ढांचे, नियामक ढांचे और प्रतिभा आधार का लाभ उठाकर अगली पीढ़ी के GCC के विकास को सुविधाजनक बनाना है।
  • यह सहयोग प्रौद्योगिकी विकास, डिजिटल परिवर्तन और उद्यम नवाचार में लगे GCC को आकर्षित करने पर केंद्रित होगा।

वैश्विक क्षमता केंद्रों (GCC) के बारे में

  • GCC बहुराष्ट्रीय निगमों द्वारा स्थापित सामरिक, पूर्ण स्वामित्व वाली ऑफशोर इकाइयाँ हैं जिनका उद्देश्य विभिन्न व्यावसायिक कार्यों का केंद्रीकरण और प्रबंधन करना है।
  • GCC की स्थापना मूल रूप से लागत प्रभावी स्थानों पर बैक-ऑफिस कार्यों को संभालने और परिचालन लागत को कम करने के लिए की गई थी। आज, GCC सामरिक परिसंपत्तियाँ हैं जो अभिनवता केंद्रों और उत्कृष्टता केंद्रों के रूप में कार्य करते हैं।
  • GCC उच्च-मूल्य वाली गतिविधियों जैसे अनुसंधान एवं विकास (R&D), इंजीनियरिंग, उत्पाद विकास और जटिल व्यावसायिक प्रक्रियाओं पर केंद्रित हैं।
  • वे अपनी क्षमताओं को बढ़ाने और नवाचार को गति देने के लिए AI, मशीन लर्निंग और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाते हैं।
  • भारत और GCC:
  • वर्ष 2024 तक, भारत में 1,700 से अधिक GCC हैं, जिनमें 1.9 मिलियन पेशेवर कार्यरत हैं और इनसे $64.6 बिलियन का राजस्व प्राप्त होता है।
  • प्रमुख GCC केंद्र बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, चेन्नई, मुंबई और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में स्थित हैं।
  • इस क्षेत्र के 2030 तक $105 बिलियन तक विस्तार होने का अनुमान है, जिसमें लगभग 2,400 GCC 2.8 मिलियन से अधिक लोगों को रोज़गार देंगे, जो उद्यम संचालन और नवाचार के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में भारत की भूमिका को मजबूत करेगा।
  • GCC में होने वाले 40% डिजिटल परिवर्तन परियोजनाओं के साथ, भारत अब उच्च-मूल्य वाली प्रौद्योगिकी-संचालित समाधानों का एक केंद्र बन गया है।

समझौता ज्ञापन (MoU) के मुख्य लाभ

  • GIFT सिटी को वैश्विक GCC हब के रूप में स्थापित करना: यह सहयोग GIFT सिटी को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए प्राथमिकता प्राप्त स्थान के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखता है, जो अपने क्षमता केंद्रों (Capability Centres) के लिए कुशल, अभिनव और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी वातावरण की तलाश कर रहे हैं।
  • निवेश और उच्च-मूल्य वृद्धि को बढ़ावा देना: इसे अंतरराष्ट्रीय निवेश आकर्षित करने, उच्च-कौशल वाली नौकरियों का सृजन करने और भारत में प्रौद्योगिकी-प्रधान उद्यम विकास को सुदृढ़ करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • GCC पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण: एकीकृत अनुसंधान, विचार नेतृत्व और कौशल विकास के माध्यम से यह साझेदारी कम कर्मचारियों की पलायन दर (attrition) और तेज़ स्थापना समय के साथ एक संधारणीय भविष्य के लिए तैयार GCC पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करेगी।
  • वैश्विक प्रतिभा तक पहुँच: GIFT सिटी में GCC स्थापित करने से बहुराष्ट्रीय फर्मों को भारत के अत्यधिक कुशल डिजिटल, एनालिटिक्स, इंजीनियरिंग और ऑटोमेशन पेशेवरों के विशाल समूह तक पहुँच प्राप्त होगी, जिससे तेजी से विस्तार और नवाचार संभव होगा।
  • अधिक परिचालन नियंत्रण: आउटसोर्सिंग के विपरीत, GCC मूल संगठनों को व्यावसायिक प्रक्रियाओं, बौद्धिक संपदा, अनुपालन और जोखिम प्रबंधन पर प्रत्यक्ष नियंत्रण बनाए रखने की अनुमति देते हैं, जिससे समग्र रणनीति के साथ बेहतर तालमेल सुनिश्चित होता है।
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