25 दिसंबर को ही महाराजा बिजली पासी और भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय की जयंती भी मनायी जाती है, जिन्होंने भारत की पहचान, एकता और गौरव को बनाए रखने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था।
राष्ट्र प्रेरणा स्थल की विशेषताएँ
इस परिसर की परिकल्पना एक स्थायी राष्ट्रीय संपत्ति के रूप में की गई है और ऐसा माना जा रहा है कि यह नेतृत्व के मूल्यों, राष्ट्रीय सेवा, सांस्कृतिक चेतना और सार्वजनिक प्रेरणा को बढ़ावा देगा।
इसका निर्माण लगभग ₹230 करोड़ की लागत से किया गया है और यह 65 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है।
प्रतिष्ठित नेताओं की मूर्तियाँ: इस परिसर में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 65 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा को प्रसिद्ध दिवंगत मूर्तिकार राम सुतार द्वारा तराशा गया है, जबकि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमाओं को मूर्तिकार मातु राम द्वारा तैयार किया गया है।
संग्रहालय का डिज़ाइन: इसमें एक दो-मंजिला संग्रहालय भी है जिसमें पाँच दीर्घाएँ (गैलरी) और तीन नेताओं को समर्पित 12 बोध दीवारें (interpretation walls) हैं।
इसे कमल के आकार की संरचना के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जो लगभग 98,000 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला हुआ है।
यह संग्रहालय उन्नत डिजिटल और उभरती तकनीकों के माध्यम से भारत की राष्ट्रीय यात्रा और इन दूरदर्शी नेताओं के योगदान को प्रदर्शित करता है। इस प्रकार यह आगंतुकों को एक आकर्षक और शैक्षिक अनुभव प्रदान करता है।