संदर्भ: हाल ही में वित्त मंत्री ने बजट 2025-26 में लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों में “मेक इन इंडिया” पहल को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन का प्रस्ताव रखा।

  • मिशन पांच प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा:
    • व्यापार करने में आसानी और लागत
    • मांग वाली नौकरियों के लिए भविष्य के लिए तैयार कार्यबल
    • जीवंत और गतिशील MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र
    • प्रौद्योगिकी की उपलब्धता
    • गुणवत्तापूर्ण उत्पादों की उपलब्धता।
  • सरकार स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण को समर्थन देने के लिए एक मिशन स्थापित करेगी, जिसका ध्यान घरेलू मूल्य संवर्धन में सुधार लाने और सौर PV सेल, EV बैटरी, मोटर्स, नियंत्रक, इलेक्ट्रोलाइजर, पवन टर्बाइन, उच्च वोल्टेज संचरण उपकरण और ग्रिड-स्केल बैटरीके लिए पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर होगा।
  • केंद्रीय बजट में 10 महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है, जिनमें MSME को समर्थन और निर्यात को बढ़ावा देना, कृषि विकास और ग्रामीण समृद्धि, विनिर्माण और वित्तीय समावेशन, समावेशी वृद्धि और विकास तथा गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं पर विशेष ध्यान देना शामिल है।
  • इस मिशन को लागू करने के लिए सरकार निम्नलिखित कदम उठाएगी:
    • केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों के लिए नीति समर्थन, कार्यान्वयन रोडमैप तथा शासन और निगरानी ढांचा स्थापित किया जाएगा।
    • MSME के लिए ऋण गारंटी कवर 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये किया जाएगा, और MSME वर्गीकरण के लिए निवेश और टर्नओवर सीमा क्रमशः 2.5 और 2 गुना बढ़ाई जाएगी।
    • पंजीकृत MSME के लिए 5 लाख रुपये की सीमा वाली एक अनुकूलित क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की जाएगी।
    • शिक्षा के लिए AI उत्कृष्टता केंद्र 500 करोड़ रुपये के बजट से स्थापित किए जाएंगे।
    • शहरी श्रमिकों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक योजना शुरू की जाएगी, साथ ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म श्रमिकों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा योजना भी शुरू की जाएगी।
    • फुटवियर और चमड़ा क्षेत्र के लिए उत्पाद-केंद्रित योजना से 22 लाख नए रोजगार सृजित होने और निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
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