संदर्भ
भारत सरकार ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में पहली बार राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (Rashtriya Vigyan Puraskar-RVP) की शुरुआत की।
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार:
समारोह
- प्रति वर्ष 11 मई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर इन पुरस्कारों की घोषणा की जाएगी।
- प्रति वर्ष 23 अगस्त राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया जाएगा। इन पुरस्कारों को भारत के माननीय राष्ट्रपति या माननीय उपराष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाएगा।
- ये पुरस्कार भारत के संविधान के अनुच्छेद 18(1) के संदर्भ में उपाधियाँ नहीं हैं।
उद्देश्य
- इसका उद्देश्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों और नवप्रवर्तकों के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देना है।
- यह विज्ञान के क्षेत्र में भारत के सर्वोच्च सम्मानों में से एक है।
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार चार अलग-अलग श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं: :
- विज्ञान रत्न (वीआर) पुरस्कार: यह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में आजीवन उपलब्धियों के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। इस वर्ष यह केवल जैविक विज्ञान के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले प्रोफेसर गोविंदराजन पद्मनाभन को दिया गया है। इस पुरस्कार के लिए अधिकतम आयु सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है तथा एक वर्ष में अधिकतम तीन पुरस्कार दिए जा सकते हैं।
- विज्ञान श्री (वी.एस. ) पुरस्कार: इस पुरस्कार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। इस वर्ष यह पुरस्कार 13 प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को दिया गया है। इस पुरस्कार के लिए अधिकतम आयु सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है और एक वर्ष में अधिकतम 25 पुरस्कार दिए जा सकते हैं।
- विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर (वीवाई-एसएसबी ) पुरस्कार: यह पुरस्कार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में असाधारण योगदान करने वाले युवा वैज्ञानिकों को प्रदान किया जाता है। इस वर्ष यह पुरस्कार 19 प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को दिया गया। इसके लिए निर्धारित अधिकतम आयु 45 वर्ष है तथा एक वर्ष में अधिकतम 25 पुरस्कार दिए जा सकते है।
- विज्ञान टीम (वीटी ) पुरस्कार: यह पुरस्कार सहयोगात्मक कार्य के माध्यम से अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले तीन या उससे अधिक वैज्ञानिकों/शोधकर्ताओं/नवप्रवर्तकों की टीम को दिया जाता है। यह पुरस्कार अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इसरो (ISRO) के चंद्रयान-3 की टीम को दिया गया। इसके लिए कोई आयु सीमा नहीं है और एकवर्ष में अधिकतम 3 पुरस्कार दिए जा सकते हैं।
पात्रता मापदंड :
- इस पुरस्कार के लिए अनुसंधान, नवाचार या खोज के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सरकारी और निजी क्षेत्रों के व्यक्तियों या टीमों के साथ-साथ किसी भी संगठन से संबंधित अन्य व्यक्ति भी पात्र है।
- इसके अतिरिक्त, विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के व्यक्ति, जिन्होंने भारतीय समुदायों पर सकारात्मक प्रभाव डाला है, वे भी इस पुरस्कार के पात्र हैं।
- भौतिक विज्ञानये पुरस्कार वैज्ञानिक क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला को समेकित करती हैं, जिनमें शामिल हैं:
- भौतिक विज्ञान
- रसायन विज्ञान
- जैविक विज्ञान
- गणित एवं कंप्यूटर विज्ञान
- भू-विज्ञान
- दवा
- इंजीनियरिंग विज्ञान
- कृषि विज्ञान
- पर्यावरण विज्ञान
- प्रौद्योगिकी एवं नवाचार
- परमाणु ऊर्जा
- अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी
नामांकन प्रक्रिया:
- राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन नामांकन किया जाता हैं।
- स्व-नामांकन और दूसरों द्वारा किए गए नामांकन दोनों स्वीकार किए जाते हैं, जिससे यह प्रक्रिया समावेशी और सुलभ हो जाती है।
- पुरस्कारप्राप्तकर्ता के चयन हेतु प्राप्त सभी नामांकन राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार समिति के समक्ष रखे जाते हैं।
- राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार समिति के सदस्य अपने कार्यकाल के दौरान पुरस्कार के पात्र नहीं हैं।
मरणोपरांत मामले
- इन पुरस्कारों को मरणोपरांत नहीं दिया जाएगा। हालाँकि, यदि सम्मानित किए जाने वाले व्यक्ति का हाल ही में (एक वर्ष के भीतर) निधन हुआ है, तो सरकार असाधारण मामलों में मरणोपरांत पुरस्कार देने पर विचार कर सकती है।