संबंधित पाठ्यक्रम:
सामान्य अध्ययन -3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन।
संदर्भ:
हाल ही में, भारत ने प्रजातियों के विलुप्त होने के जोखिम का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय रेड लिस्ट आकलन की शुरुआत की।
अन्य संबंधित जानकारी

- भारत ने अपनी प्रजातियों की संरक्षण स्थिति का सटीक आकलन करने और जैव विविधता पर कन्वेंशन तथा कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क के तहत प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए पहल का शुभारंभ किया।
- अबू धाबी में आयोजित आईयूसीएन विश्व संरक्षण कांग्रेस में राष्ट्रीय रेड लिस्ट रोडमैप का अनावरण किया गया।
- इस संरक्षण योजना के तहत नीति निर्माण और खतरे के न्यूनीकरण में सहायता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर समन्वित रेड-लिस्टिंग का सृजन किया जाएगा।
- केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री ने राष्ट्रीय रेड लिस्ट आकलन के लिए भारत का विज़न 2025-2030 प्रस्तुत किया।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य आईयूसीएन-संरेखित वैज्ञानिक दिशानिर्देशों का उपयोग करते हुए 2030 तक वनस्पतियों और जीवों दोनों के लिए राष्ट्रीय रेड डेटा पुस्तकें प्रकाशित करना है।
भारत की जैव विविधता समृद्धि
- भारत विश्व के 17 महाविविध देशों में से एक है। यहाँ 36 वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट में से चार अर्थात् हिमालय, पश्चिमी घाट, इंडो-बर्मा और सुंडालैंड हैं।
- यद्यपि इस देश का क्षेत्रफल विश्व के भूमि क्षेत्र का केवल 4% ही है, फिर भी वैश्विक वनस्पतियों का लगभग 8% और वैश्विक जीवों का 7.5% यहाँ पाया जाता है, जिसमें 28% से अधिक पौधे और 30% जानवर स्थानिक हैं।
- भारत ने 1,04,000 से अधिक जीव प्रजातियों, 18,000 से अधिक पुष्पीय पौधों की प्रजातियों और लगभग 20,000 समुद्री प्रजातियों का दस्तावेजीकरण किया है।
