संदर्भ:
22 जुलाई को 78 वां राष्ट्रीय ध्वज दिवस मनाया गया।
राष्ट्रीय ध्वज दिवस के बारे में
- संविधान सभा ने 22 जुलाई 1947 को राष्ट्रीय ध्वज को अपनाया ।
- ध्वज पर चरखे के स्थान पर अशोक चक्र का प्रयोग किया गया, जो भारतीय ध्वज का प्रतीक है । भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान आत्मनिर्भरता और प्रतिरोध का भाव जागृत हुआ ।
- सरकार द्वारा समय-समय पर जारी गैर-वैधानिक अनुदेशों के अतिरिक्त राष्ट्रीय ध्वज का प्रदर्शन निम्नलिखित प्रावधानों द्वारा नियंत्रित होता है: –
प्रतीक और नाम (अनुचित उपयोग की रोकथाम) अधिनियम, 1950
सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 - भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का फहराना/उपयोग/प्रदर्शन राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 और भारतीय ध्वज संहिता, 2002 द्वारा प्रशासनित होता है।
- भारतीय ध्वज संहिता, 2002, 26 जनवरी 2002 से प्रभावी हुई और इसने पहले से विद्यमान भारतीय ध्वज संहिता को प्रतिस्थापित किया।
संविधान सभा
- संविधान सभा का विचार सबसे पहले एम.एन. ने सामने रखा था। रॉय ने 1934 में भारत का संविधान तैयार किया।
- इसका गठन नवंबर 1946 में किया गया था और कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार इसकी पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई थी।
भारतीय ध्वज संहिता, 2002 की मुख्य विशेषताएं
- राष्ट्रीय ध्वज का आकार आयताकार होगा । ध्वज किसी भी आकार का हो सकता है लेकिन ध्वज की लंबाई और ऊंचाई (चौड़ाई) का अनुपात 3:2 होगा ।
- ध्वज को संहिता के भाग III की धारा IX में उल्लिखित गणमान्य व्यक्तियों को छोड़कर किसी भी वाहन पर नहीं फहराया जाना चाहिए।
भारतीय ध्वज संहिता, 2002 में संशोधन:
- पॉलिएस्टर या मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज की अनुमति दी गई है। अब, राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता और हाथ से बुना हुआ या मशीन से बना, सूती/पॉलिएस्टर/ऊनी/रेशमी खादी का होगा (2021)।
- जहां ध्वज खुले में फहराया जाता है या किसी आम आदमी के घर पर फहराया जाता है, वहां इसे दिन-रात फहराया जा सकता है (2022)।