संदर्भ

हाल ही में, उच्चतम न्यायालय ने विज्ञापनदाताओं को मीडिया में अपने उत्पादों का प्रचार करने से पहले स्व-घोषणा पत्र जमा करने का निर्देश दिया है। 

उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देश से संबंधित अन्य जानकारी

  • इसका अर्थ यह है कि विज्ञापनदाताओं को अपने विज्ञापनों में किए गए दावों की प्रामाणिकता और सटीकता के बारे में घोषणा करनी होगी।  
  • ये निर्देश पतंजलि आयुर्वेद द्वारा चलाए गए भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ एक मामले की सुनवाई के दौरान दिए गए ह।  
  • विज्ञापनदाताओं के लिए स्व-घोषणाएँ: उपभोक्ताओं को भ्रामक विज्ञापनों से बचाने के लिए, उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया है:
  • टीवी विज्ञापन: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के “प्रसारण सेवा” पोर्टल पर स्व-घोषणाएँ (कोई गलत बयानी न होने की पुष्टि) अपलोड करना होगा। इसकी एक प्रति प्रसारक को उपलब्ध करानी होगी।  
  • प्रिंट विज्ञापन: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा चार सप्ताह के अंदर एक इस प्रकार का पोर्टल लॉन्च किया जाएगा, जिस पर प्रिंट विज्ञापन जारी करने से पहले विज्ञापनदाताओं को स्व-घोषणा दाखिल करनी होगी।
  • सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और प्रसिद्ध हस्तियाँ: न्यायालय ने भ्रामक विज्ञापन को बढ़ावा देने से बचने के लिए सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और प्रसिद्ध हस्तियों की जिम्मेदारी तय करने पर जोर दिया। इनके द्वारा जिन उत्पादों का प्रचार किया जाता हैं उनके बारे में उनके पास “पर्याप्त अनुभव और जानकारी” होनी चाहिए।
  • शिकायत तंत्र: केंद्र सरकार को उपभोक्ताओं के लिए भ्रामक विज्ञापनों और गलत ब्रांडिंग के विरुद्ध शिकायत दर्ज करने के लिए एक स्पष्ट प्रक्रिया स्थापित करनी चाहिए। उपभोक्ताओं को उनकी शिकायतों पर की गई कार्रवाई के बारे मे जानकारी दी जानी चाहिए।
  • आयुष मंत्रालय के पत्र को वापस लेना: न्यायालय ने स्पष्ट किया कि आपत्तिजनक विज्ञापनों पर नियम 170 को निरस्त करने वाला आयुष मंत्रालय का पत्र (29 अगस्त, 2023) मौजूदा नियमों को निरस्त नहीं कर सकता है।
  • औषधि और प्रसाधन सामग्री नियम (1945) का नियम 170 प्रभावी रहेगा।
  • यह आपत्तिजनक विज्ञापनों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई से संबंधित है।
  • शिकायतों का आँकड़ा: स्वास्थ्य मंत्रालय को खाद्य एवं स्वास्थ्य उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों और गलत ब्रांडिंग के संबंध में भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा प्राप्त शिकायतों संबंधी आँकड़ें प्रदान करना चाहिए।

निर्देशों का महत्व

  • उपभोक्ता संरक्षण: यह विज्ञापन में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करके उपभोक्ता अधिकारों को मजबूत करेगा।
  • उत्तरदायी विज्ञापन: यह विज्ञापनदाताओं और इंफ्लुएंसरों के बीच नैतिक प्रथाओं को बढ़ावा देगा।
  • प्रभावी शिकायत तंत्र: यह भ्रामक विज्ञापनों और गलत ब्रांड वाले उत्पादों से निपटने में सहायता करेगा।

औषधि और प्रसाधन सामग्री नियम, 1945

  • ये नियम भारत सरकार द्वारा औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के अंतर्गत स्थापित विनियमों का एक समूह है।
  • ये नियम भारतीय बाजार में उपलब्ध दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों की सुरक्षा, प्रभावकारिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

प्रवर्तन

  • केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) औषधि और प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 को लागू करने के लिए जिम्मेदार है।
  • वे निरीक्षण करते हैं, नमूनों का विश्लेषण करते हैं और नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई करते हैं।

औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के मुख्य उद्देश्य

  • औषधियों का वर्गीकरण: यह औषधियों को उनके संभावित जोखिमों तथा प्रिस्क्रिप्शन, बिक्री और भंडारण की आवश्यकताओं के आधार पर विभिन्न अनुसूचियों के अंतर्गत वर्गीकृत करता है।  (अनुसूची H और X में निर्दिष्ट औषधियाँ सबसे अधिक प्रतिबंधित हैं, जिन्हें खरीदने के लिए डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन की आवश्यकता होती है।)
  • मानक और गुणवत्ता नियंत्रण: यह दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों के लिए गुणवत्ता मानकों को निर्दिष्ट करते हुए यह सुनिश्चित करता है कि वे सुरक्षा और प्रभावकारिता मानदंडों को पूरा करते हैं।
  • विनिर्माण, भंडारण और वितरण: यह उत्पाद की गुणवत्ता बनाए रखने और संदूषण को रोकने के लिए विनिर्माण, भंडारण और वितरण तरीकों के लिए विनियम निर्धारित करता है।
  • लेबलिंग और पैकेजिंग: यह औषधियों और सौंदर्य प्रसाधनों के लिए विशिष्ट लेबलिंग आवश्यकताओं को अनिवार्य करता है, जिसमें सामग्री, खुराक, चेतावनियाँ और समाप्ति तिथियों की जानकारी शामिल है।
  • विज्ञापन और प्रचार: यह भ्रामक दावों को रोकने और जिम्मेदार विपणन तरीकों को सुनिश्चित करने के लिए दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों के विज्ञापन और प्रचार को नियंत्रित करता है। नियम 170, विशेष रूप से उच्चतम न्यायालय के आदेश में उल्लिखित, संभवतः इसी श्रेणी में आता है।
  • आयात और निर्यात: यह गुणवत्ता नियंत्रण बनाए रखने और असुरक्षित उत्पादों के प्रवेश को रोकने हेतु दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों के आयात और निर्यात को नियंत्रित करता है।

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