संदर्भ: 

भारत में शहरी शासन पर एक हालिया रिपोर्ट में स्थानीय सरकार में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर प्रकाश डाला गया है।

रिपोर्ट के मुख्य बिन्दु

  • जनाग्रह द्वारा जारी ‘भारत की शहरी प्रणाली सुधारों के लिए रोडमैप’ शीर्षक रिपोर्ट के अनुसार 17 राज्यों ने शहरी स्थानीय निकायों में 50% महिला आरक्षण लागू किया है, जो संवैधानिक आवश्यकता 33% से अधिक है। 
  • भारत  में लगभग 46% महिला पार्षद  हैं। 
  • पटना, शिमला, रांची और भुवनेश्वर सहित सक्रिय शहरी स्थानीय निकायों (ULB) वाले 21 राजधानी शहरों में से 19 में महिला पार्षदों का प्रतिशत 60% से अधिक है। 
  • महिला पार्षदों की सर्वाधिक संख्या के साथ तमिलनाडु सबसे आगे है , जिसके बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, केरल, बिहार और छत्तीसगढ़ का स्थान है।

रोडमैप में भारत के शहरों के रूपांतरण  के लिए तीन प्रमुख रणनीतियों पर बल  दिया गया है:

1. भारत के शहरों का स्थान-आधारित शासन : प्रत्येक क्षेत्र की विशिष्ट आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करना।

2. विकेन्द्रीकृत भागीदारीपूर्ण शासन : निर्णयन  प्रक्रियामें नागरिकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना।

3. राज्य क्षमताओं को सुदृढ़ बनाना : शहरीकरण के प्रबंधन के लिए राज्य सरकारों की क्षमताओं को बढ़ाना। 

रिपोर्ट में गांवों का  शहरों में रूपांतरण  से हो रहे विकास को प्रबंधित करने के लिए एक ग्रामीण-शहरी संक्रमण नीति का भी प्रस्ताव किया गया है, जहां 2011 की जनगणना के बाद से 1,000 से अधिक गांव पहले ही शहरों में परिवर्तित हो चुके हैं।

स्थानीय शासन में चुनौतियाँ

  • इन सुधारों के बावजूद, रिपोर्ट में विलंबित परिषद चुनावों (15 राज्यों में 61% यूएलजी में), शक्तिहीन ULGs और महापौरों की सीमित स्वायत्तता जैसी चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया है, जिनके पास 18 कार्यों में से केवल चार पर नियंत्रण है।
  • इसके अतिरिक्त, सहभागिता के लिए औपचारिक मंचों की अनुपस्थिति के कारण नागरिक भागीदारी में कमी है ।

प्रमुख सिफारिशें

  • आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय तथा राज्य शहरी विभागों का  पुनर्गठन किया जाना चाहिए जिससे क्षेत्रों और वित्तपोषण के बजाय क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं तथा स्थानीय स्वशासन संस्थाओं को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। 
  • 74वें संविधान संशोधन के माध्यम से शहरी स्थानीय सरकारों (ULG) को मजबूत करने, विलंबित चुनावों और सीमित महापौर शक्तियों जैसे मुद्दों पर ध्यान देने तथा नागरिक भागीदारी बढ़ाने का भी आह्वान किया गया है।
  • रोडमैप में ULG कर्मचारियों के लिए प्रमाणन-आधारित कौशल विकास कार्यक्रम , नगरपालिका साझा सेवा केंद्र और डिजिटल सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली जैसी पहलों का भी सुझाव दिया गया है।

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