संदर्भ:

विद्युत मंत्रालय (Ministry of Power) के आँकड़ों के अनुसार, भारत में बिजली की माँग 30 मई, 2024 को 250 गीगावाट (GW) तक पहुँच जाएगी। 

अन्य संबंधित जानकारी    

  • भारत की गैर-सौर माँग भी 29 मई को 234.3 गीगावाट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गयी।
  • भारत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों ने भी 30 मई, 2024 को क्रमशः 86.7 गीगावाट और 74.8 गीगावाट की सर्वकालिक उच्च बिजली माँग हासिल की।
  • इसके अतिरिक्त, अखिल भारतीय ताप विद्युत उत्पादन ने सर्वकालिक उच्च स्तर को छू लिया, जो 176 गीगावाट (अधिक लोड वाले समय से पूर्व) तक पहुँच गया। यह विशेष रूप से गैर-सौर घंटों के दौरान देखने को मिला।
  • माँग में आई यह उछाल भारत के ताप विद्युत संयंत्रों की क्षमता और परिचालन दक्षता के महत्व को रेखांकित करती है, जो देश के ऊर्जा मिश्रण का मुख्य आधार बने हुए हैं।
  • 29 मई को उत्तर प्रदेश में 28 गीगावाट के सर्वकालिक उच्चत्तम माँग दर्ज किया गया, जिसके बाद महाराष्ट्र और गुजरात में क्रमशः 27 गीगावाट और 22 गीगावाट की माँग दर्ज की गई।
  • हालाँकि, दक्षिण भारत के क्षेत्रों में देखे तो तमिलनाडु में अधिकतम 19 गीगावाट तथा कर्नाटक में 11 गीगावाट बिजली की माँग दर्ज की गई।
  • विद्युत मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) के लिए अपनी अनुमानित अधिकतम माँग को भी 236 गीगावाट से बढ़ाकर 260 गीगावाट कर दिया है।
  • गत वर्ष मई में अधिकतम माँग 221 गीगावाट थी। हालाँकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अधिकतम माँग सितंबर में 243 गीगावाट तक पहुँच गई।

बिजली की बढ़ती माँग के कारण

  • इस वर्ष की गर्मी के महीने के दौरान तापमान में वृद्धि की वजह से कई राज्यों ने अधिकतम माँग के नए रिकॉर्ड बनाए है।
  • भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भी इस वर्ष अधिक गर्मी तथा बार-बार हीटवेव (लू) चलने की चेतावनी जारी की है।
  • विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 11 के क्रियान्वयन की वजह से आगामी उच्च माँग वाली अवधि के दौरान आयातित कोयला आधारित संयंत्रों और गैस आधारित संयंत्रों से उत्पादन को अधिकतम करने में सहायता मिली।

वर्तमान में बिजली की स्थिति

  • ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया (GRID-INDIA) के आँकड़ों के अनुसार, 29 मई, 2024 तक सभी स्रोतों से कुल 5,814 मिलियन यूनिट (MU) बिजली का उत्पादन हुआ, जिसमें से नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान 1,048 मिलियन यूनिट (MU) था।
  • बिजली अधिकतम ऊर्जा माँग वित्तीय वर्ष 2022-23 के 215.88 गीगावाट से वित्तीय वर्ष 2023-24 में 12.7 प्रतिशत बढ़कर 243.27 गीगावाट हो गई।
  • वर्ष 2023-24 के लिए बिजली उत्पादन का लक्ष्य 1750 बिलियन यूनिट (BU) निर्धारित किया गया था, जिसमें 1324.110 बिलियन यूनिट (BU) थर्मल; 156.700 बिलियन यूनिट (BU) हाइड्रो; 46.190 बिलियन यूनिट (BU) न्यूक्लियर; 8 बिलियन यूनिट (BU) भूटान से आयातित और 215 बिलियन यूनिट (BU) नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों-आरईएस (बड़ी हाइड्रो पावर को छोड़कर) शामिल हैं।

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