संदर्भ:
हाल ही में, भारत ने मिशन मौसम के तहत कृत्रिम वर्षा का अध्ययन करने के लिए ‘क्लाउड चैंबर‘ बनाने की घोषणा की है।
क्लाउड चैंबर क्या है?
- क्लाउड चैंबर एक बंद बेलनाकार या ट्यूबलर ड्रम जैसा होता है, जिसके अंदर जल वाष्प, एरोसोल आदि प्रविष्ट कराए जाते हैं। इस चैंबर के अंदर वांछित आर्द्रता और तापमान के तहत, बादल विकसित किया जा सकता है।
- इसे पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) में स्थापित किया जाएगा।
- इस व्यवस्था से वैज्ञानिकों को उन बीज कणों का अध्ययन करने का अवसर मिलेगा, जो निरंतर बादल की बूंदों या बर्फ के कणों का निर्माण करते हैं, जिससे वैज्ञानिकों को बादल निर्माण का अनुकरण करने और मौसम के स्वरूप को संशोधित करने के लिए प्रयोग करने में सहायता मिलेगी।
- कई देशों में सीमित कार्यक्षमता वाले बुनियादी क्लाउड चैंबर हैं। मिशन मौसम के तहत , भारत मानसून के बादलों का अध्ययन करने के लिए विश्व स्तर पर केवल कुछ चेंबरों में से एक संवहनीय क्लाउड चैंबर विकसित कर रहा है।
क्लाउड सीडिंग के संबंध में भारत का पूर्व अनुभव:
- क्लाउड एरोसोल इंटरेक्शन एंड प्रीसिपिटेशन एन्हांसमेंट एक्सपेरीमेंट (CAIPEEX) कार्यक्रम ऐसा ही एक प्रयोग था, जो चार चरणों में आयोजित किया गया और एक दशक से अधिक समय तक चला।
- महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में किए गए प्रयोगों के अंतिम चरण में, क्लाउड सीडिंग से कुछ क्षेत्रों में 46% तक वर्षा कराने की क्षमता प्रदर्शित हुई।
- इस प्रक्रिया से मूल स्थल से हवा की दिशा में 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में वर्षा में लगभग 18% की वृद्धि हुई।
मिशन मौसम के अंतर्गत अन्य प्रमुख उपलब्धियां:
रडार का नेटवर्क: भारत ने मौसम की निगरानी को बेहतर बनाने के लिए मार्च 2026 तक 100 रडार का नेटवर्क स्थापित करने की योजना बनाई है। वर्तमान में, 39 रडार संचालित हैं तथा अलग-अलग संसूचन सीमा (डिटेक्शन रेंज) वाले 61 रडार (एस-बैंड, सी-बैंड और एक्स-बैंड) जोड़ने की योजना है।
- एस-बैंड रडार की पता लगाने की सीमा 400 किमी है।
- सी-बैंड की सीमा 200 किमी तक है।
- एक्स-बैंड के लिए यह 100 किमी है।
- वर्तमान में भारत में 432 किमी पर एक रडार है, जबकि अमेरिका में 150 किमी पर एक रडार है।
प्रौद्योगिकी में निवेश: 2,000 करोड़ रुपये की लागत वाला मिशन मौसम भारत की मौसम संबंधी तैयारियों और जलवायु अनुकूलन को बढ़ाएगा। इसमें महत्वपूर्ण वायुमंडलीय आँकड़े एकत्र करने के लिए वर्टिकल विंड प्रोफाइल और रेडियोमीटर को शामिल किया जाएगा।
बेहतर पूर्वानुमान: यह मिशन बेहतर स्थानिक संकल्प के साथ बेहतर शहर-स्तरीय मौसम पूर्वानुमान प्रदान करेगा। यह बारिश के लिए सिर्फ़ एक घंटे पहले तात्कालिक पूर्वानुमान. जारी करने का प्रयास करता है, जिससे प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली में उल्लेखनीय सुधार होगा।
एआई का एकीकरण: इस पहल में मौसम मॉडलिंग और वायु गुणवत्ता पूर्वानुमानों को बेहतर बनाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) को शामिल किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि पूर्वानुमान अधिक सटीक और जनता के लिए सुलभ हों।
मिशन का महत्व
- मिशन मौसम सटीक मौसम और स्थानिक जानकारी प्रदान करके कृषि, आपदा प्रबंधन, रक्षा, पर्यावरण, विमानन, जल संसाधन, शिपिंग, परिवहन, ऊर्जा आदि क्षेत्रों को लाभान्वित करेगा।
- यह शहरी नियोजन, परिवहन, अपतटीय परिचालन और पर्यावरण निगरानी में आँकड़ा -संचालित निर्णय लेने में भी सहायता करेगा।
Also Read:
भारत की चौथी परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी (SSBN)