संदर्भ:

हाल ही में, बीजिंग में आयोजित पूर्ण अधिवेशन में भारत को ग्लोब नेटवर्क (GlobE Network) की 15 सदस्यीय संचालन समिति के लिए चुना गया।

ग्लोब नेटवर्क: 

  • भ्रष्टाचार विरोधी कानून प्रवर्तन प्राधिकरणों का वैश्विक परिचालन नेटवर्क (Global Operational Network of Anti-Corruption Law Enforcement Authorities-GlobE Network) एक पहल है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार और वित्तीय अपराध से निपटने के लिए जी-20 ढांचे के तहत शुरू किया गया है।
  • यह संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों और अन्य देशों के भ्रष्टाचार विरोधी कानून प्रवर्तन अधिकारियों का एक नेटवर्क है, जो भ्रष्टाचार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCAC) के पक्षकार हैं।
  • ग्लोब नेटवर्क को आधिकारिक तौर पर 3 जून, 2021 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के भ्रष्टाचार के खिलाफ विशेष सत्र (UNGASS) में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान शुरू किया गया था।
  • नेटवर्क का संचालन इसके सदस्यों द्वारा किया जाता है तथा इसे संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय (UNODC) द्वारा सहायता प्राप्त है, जो नेटवर्क को सचिवालय प्रदान करता है।
  • यह सीमापार भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग हेतु एक मंच प्रदान करता है।
  • सदस्यता: 121 सदस्य देश; 219 सदस्य प्राधिकरण।
  • प्रत्येक देश में भ्रष्टाचार से निपटने में विशेषज्ञता रखने वाले अधिकतम तीन कानून प्रवर्तन अधिकारी नेटवर्क के सदस्य बन सकते हैं।
  • इसमें एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और तेरह समिति सदस्य होते हैं जो संगठन का मार्गदर्शन करते हैं।

कार्य:

  • यह वैश्विक एजेंसियों को सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने में सक्षम बनाता है।
  • यह आपराधिक खुफिया जानकारी साझा करने में सुविधा प्रदान करता है।
  • यह भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए रणनीति तैयार करने में मदद भी करता है।

भारत और ग्लोब नेटवर्क:

  • भारत वर्ष 2020 से ग्लोबल नेटवर्क पहल का समर्थन कर रहा है।
  • वर्ष 2023 में अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान, भारत ने ग्लोब नेटवर्क का लाभ उठाकर ‘वैश्विक भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों’ को बढ़ाने के लिए दो महत्वपूर्ण सिद्धांतों को अपनाया।
  • संचालन समिति के लिए चयन: भारत का चयन उसे भ्रष्टाचार से निपटने और परिसंपत्ति वसूली में सहायता करने के वैश्विक प्रयासों में सक्रिय रूप से योगदान करने का अवसर प्रदान करता है।
  • बहुमूल्य विशेषज्ञता: भ्रष्टाचार से निपटने में भारत के अनुभव से ग्लोब नेटवर्क को लाभ होगा।
  • केंद्रीय प्राधिकरण: भारत में ग्लोब नेटवर्क के लिए केंद्रीय प्राधिकरण गृह मंत्रालय है।
  • सदस्य प्राधिकरण: ग्लोब नेटवर्क में भारत का प्रतिनिधित्व केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) करते हैं। 

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