संदर्भ 

हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से तीन परम रुद्र सुपर कंप्यूटर  सिस्टम के अलावा मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली का उद्घाटन किया   

अन्य संबंधित जानकारी:

  • रम रुद्र सुपरकंप्यूटर को राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के अंतर्गत प्रगत संगणन विकास केंद्र (सी-डैक) द्वारा विकसित किया गया था।

ये तीनों सुपर कंप्यूटर निम्नलिखित स्थानों पर स्थापित हैं:

  • पुणे (जायंट मीटर-वेव रेडियो टेलीस्कोप यानी, वृहत मीटरवेव रेडियो दूरबीन – जीएमआरटी ): यह 1 पेटाफ्लॉप क्षमता वाली टेलीस्कोप है, जो फास्ट रेडियो बर्स्ट (एफआरबी ) और अन्य खगोलीय घटनाओं के अध्ययन पर ध्यान केंद्रित है।
  • दिल्ली (अंतर-विश्वविद्यालय त्वरक केंद्र – आईयूएसी ): यहाँ 3 पेटाफ्लॉप वाली सर्वाधिक शक्तिशाली सुपरकंप्यूटर स्थापित है, जो पदार्थ विज्ञान और परमाणु भौतिकी में अनुसंधान को आगे बढ़ाता है।
  • कोलकाता (एस.एन. बोस सेंटर): यहाँ 838 टेराफ्लॉप की क्षमता वाला सिस्टम है, जो भौतिकी, ब्रह्माण्ड विज्ञान और पृथ्वी विज्ञान में अनुसंधान का समर्थन करता है।
  • नए हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग (एचपीसी ) प्रणालियों के माध्यम से मौसम अनुसंधान में कंप्यूटिंग क्षमता को भी बढ़ाया गया है, ये स्थापित है:
  • भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान ( आईआईटीएम ) पुणे  में अर्का प्रणाली: यह 11.77 पेटाफ्लॉप वाली प्रणाली है, जो वैश्विक मौसम पूर्वानुमान मॉडल के रिज़ोल्यूशन को 12 किमी से 6 किमी तक बेहतर बनाता है ।
  • नोएडा स्थित राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (NCMRWF) में अरुणिका: यह 8.24 पेटाफ्लॉप वाली प्रणाली है, जो ब्लॉक स्तर पर मौसम पूर्वानुमान को बेहतर बनाएगा।

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM)

  • राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) को शिक्षा, अनुसंधान, एमएसएमई और स्टार्टअप सहित विभिन्न क्षेत्रों की बढ़ती माँग को पूरा करने हेतु भारत के सुपरकंप्यूटिंग अवसंरचना को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • इसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी ) और इलेक्‍ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा संयुक्त रूप से प्रबंधित किया जाता है।
  • इसे पुणे में स्थित प्रगत संगणन विकास केंद्र (सी-डैक) और बेंगलुरु में स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी ) द्वारा क्रियान्वित किया जाता है।    
  • परम शिवाय, इस मिशन के तहत स्वदेशी रूप से असेंबल किया गया पहला सुपरकंप्यूटर है, जिसे आईआईटी (बीएचयू) में स्थापित किया गया है, इसके बाद आईआईटी, खड़गपुर और आईआईएसईआर, पुणे में क्रमशः परम शक्ति और परम ब्रह्मा स्थापित किए गए है।  

महत्व:

  • अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना: यह भारत को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में नए अवसर तलाशने में मदद करने हेतु युवा वैज्ञानिकों को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी प्रदान करेगा।
  • राष्ट्रीय क्षमता: यह अनुसंधान, आर्थिक विकास, आपदा प्रबंधन और जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाने में भारत की क्षमता को बढ़ाएगा।
  • युवाओं को सशक्त बनाना: यह युवाओं को उच्च स्तरीय वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार में संलग्न करने में सक्षम बनाएगा।
  • एआई और मशीन लर्निंग: यह उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग प्रणालियों के माध्यम से मौसम पूर्वानुमान और जलवायु अनुसंधान में सुधार करेंगी, जिससे  सटीक पूर्वानुमान संभव होगा  तथा किसानों और मछुआरों को लाभ होगा।
  • आर्थिक विकास और आत्मनिर्भरता: सरकार का लक्ष्य है कि भारत को उच्च तकनीक के क्षेत्रों में अग्रणी बनाने के साथ-साथ वैश्विक सुपरकंप्यूटिंग और क्वांटम कंप्यूटिंग में मात्रात्मक  भागीदारी से आगे बढ़कर नेतृत्व की ओर बढ़ाना है।
  • वैश्विक प्रतिस्पर्धा : यह पहल भारत को वैश्विक बाजार में एक प्रतिस्पर्धी खिलाड़ी  के रूप में स्थापित करने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करना  है कि प्रौद्योगिकीय प्रगति जनसंख्या के लिए वास्तविक लाभ में परिवर्तित हो।

Also Read:

भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7% रहने का अनुमान: एशियाई विकास बैंक

Shares: