हाल ही में, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को भारत का 56वां टाइगर रिजर्व घोषित किया।
यह रिजर्व छोटा नागपुर और बघेलखंड पठारों में स्थित है, जिसमें विविध भू-भाग, जंगल, नदियाँ और नाले हैं, जो कई प्रकार की वन्यजीवों को आश्रय प्रदान करते हैं।
यह राज्य काचौथा टाइगर रिजर्व है, इसके पहले इंद्रावती (बीजापुर जिले में), उदंती-सीतानदी (गैराबंद) और आचनकमार (मुंगेली) टाइगर रिजर्व हैं।
यह रिजर्व 2,829 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और छत्तीसगढ़ के कई जिलों, जैसे कि मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भारतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर में स्थित है।
यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है, इसके पहले नागार्जुनसागर–स्रीसैलम(आंध्र प्रदेश )और मानस टाइगर रिजर्व (असम ) हैं।
यह रिजर्वदो मुख्य क्षेत्रों में बांटा गया है: गुरु घासीदास नेशनल पार्क और तमोर पिंगला वाइल्डलाइफ सेंचुरी।
गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश के संजय दुबरी टाइगर रिजर्व का हिस्साहै, जिससे लगभग 4,500 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र बनता है।
यह रिजर्व मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व से पूर्व में जुड़ा हुआ है।
जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने इस रिजर्व में 753 प्रजातियों का रिकॉर्ड किया है, जिसमें 230 पक्षी और 55 स्तनधारी प्रजातियाँ शामिल हैं, जिनमें से कई संकटापन्न हैं।
वनस्पति: नम पर्णपाती वन, मध्यम घनत्व वाले जंगल
प्रमुख वनस्पति: सागौन, साल, गुर्जन, पलास, तेंदू, महुआ आदि