संदर्भ:
द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के एक महत्वपूर्ण कदम के तहत भारत और मलेशिया ने पाम ऑयल की खेती और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है।
अन्य संबंधित जानकारी
- यह निर्णय भारत के केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री और मलेशिया के वृक्षारोपण एवं वस्तु मंत्री के बीच हुई बैठक के दौरान लिया गया।
- बैठक में दोनों देशों के बीच कृषि सहयोग को गहरा करने के अवसरों की खोज पर ध्यान केंद्रित किया गया।
सहयोग के प्रमुख क्षेत्र
- दोनों नेताओं ने घरेलू बाजारों में पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए चावल और चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के भारत के निर्णय पर भी चर्चा की।
- मलेशिया के मंत्री ने भारत से मलेशिया को चावल और चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का अनुरोध किया तथा चावल और चीनी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के महत्व पर भी बल दिया।
- लक्ष्य के प्राथमिक क्षेत्रों में से एक भारत में पाम ऑयल की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण परियोजना राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम था।
- दोनों पक्षों ने कृषि एवं संबद्ध उत्पादों से संबंधित बाजार पहुंच संबंधी मुद्दों के समाधान के तरीकों पर चर्चा की तथा कृषि क्षेत्र में सहयोग को संस्थागत बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
- इसके अतिरिक्त, मंत्रियों ने वृक्षारोपण क्षेत्र में डिजिटल प्रौद्योगिकी के संभावित अनुप्रयोग की खोज की तथा दक्षता और उत्पादकता में सुधार लाने में इसके महत्व को पहचाना।
भारत का पाम ऑयल उत्पादन और पहल
भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए पाम ऑयल के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने पर काम कर रहा है। हाल के वर्षों में पाम ऑयल की खेती का रकबा (दायरा) लगातार बढ़ रहा है।
- खेती किए जाने वाले क्षेत्र: वित्त वर्ष 23-24 तक, भारत में लगभग 4.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर पाम ऑयल की खेती की जा रही है। इसमें बहुत वृद्धि की संभावना है, सरकार का अनुमान है कि देश में लगभग 28 लाख हेक्टेयर भूमि पाम ऑयल की खेती के लिए उपयुक्त है।
- उत्पादन: वित्त वर्ष 23-24 के दौरान भारत में कच्चे पाम ऑयल (crude palm oil-CPO) का उत्पादन लगभग 4.0 लाख टन है।
सरकारी पहल: भारत सरकार ने कच्चे पाम ऑयल के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम (NMEO-OP) शुरू किया है।
- मिशन का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 तक पाम ऑयल की खेती के अंतर्गत क्षेत्र को 10 लाख हेक्टेयर तक तथा वित्त वर्ष 2029-30 तक 16.71 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाना है।
- मिशन का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 तक सीपीओ उत्पादन को 11.20 लाख टन और वित्त वर्ष 2029-30 तक 28.11 लाख टन तक बढ़ाना है।
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल प्रमुख पाम ऑयल उत्पादक राज्य हैं और कुल उत्पादन का 98% हिस्सा यहीं से आता है। कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, गुजरात और मिजोरम में भी पाम ऑयल की खेती के लिए पर्याप्त क्षेत्र मौजूद हैं।
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