संदर्भ:

हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री और उनके इतालवी समकक्ष ने ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में G-20 शिखर सम्मेलन में भारत-इटली संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना 2025-29 की घोषणा की।

अन्य संबंधित जानकारी

  • राजनीतिक वार्ता: दोनों देशों ने नियमित उच्च स्तरीय बैठकों, वार्षिक द्विपक्षीय परामर्शों और निरंतर मंत्रिस्तरीय वार्ता के माध्यम से प्रमुख क्षेत्रों में राजनीतिक सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की।
  • आर्थिक सहयोग: दोनों देशों का उद्देश्य व्यापार, कृषि उत्पाद और मशीनरी, रासायनिक-फार्मास्युटिकल्स, लकड़ी और फर्नीचर जैसे क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करना तथा संयुक्त आयोग, व्यापार मंचों के जरिए उच्च क्षमता वाले क्षेत्रों में औद्योगिक साझेदारी को बढ़ावा देना है।
  • रक्षा सहयोग: दोनों देशों का लक्ष्य नियमित परामर्श, बेहतर अंतरसंचालनीयता, समुद्री और प्रौद्योगिकी सहयोग के साथ-साथ प्रमुख औद्योगिक निकायों के बीच प्रस्तावित रक्षा औद्योगिक रोडमैप और समझौता ज्ञापन के माध्यम से रक्षा संबंधों को मजबूत  करना है।   
  • सुरक्षा सहयोग: साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में नियमित जानकारी साझा करना और क्षमता निर्माण पहल के साथ सुरक्षा सहयोग में सुधार करना।
  • प्रवासन, पर्यटन, सिनेमा और सांस्कृतिक सहयोग के माध्यम से दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क को बढ़ाना।
  • दोनों देश टिकाऊ परिवहन, समुद्री और भूमि अवसंरचना सहयोग के माध्यम से संपर्क को बढ़ाना तथा भारत मध्य-पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) फ्रेमवर्क के तहत समुद्री सहयोग समझौतों को अंतिम रूप देना चाहते हैं।

भारत मध्य-पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC)

  • यह एक प्रस्तावित आर्थिक गलियारा है जो भारत और यूरोप को मध्य पूर्व के जरिए कनेक्ट करेगा।  
  • इस गलियारे के जरिए स्वेज नहर के माध्यम से होने वाले परिवहन की तुलना में पूर्वी और पश्चिमी नोड्स के बीच पारगमन समय में 40% और लागत में 30% की कमी का अनुमान है।

IMEC का महत्व:

  • IMEC का उद्देश्य विनिर्माण को प्रोत्साहित करना, खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देना और आपूर्ति श्रृंखलाओं को अधिक कुशल बनाना है।
  • यह भारत की समुद्री सुरक्षा को सुदृढ़ करने की क्षमता रखता है।
  • इसमें समुद्र के भीतर डेटा केबल, दूरसंचार नेटवर्क और डिजिटल भुगतान प्रणालियों के समावेशन की भी संभावना है।       

G-20

  • G-20, 20 देशों का समूह है, जिसमें 19 देश – अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका और दो क्षेत्रीय निकाय- यूरोपीय संघ और अफ्रीकी संघ शामिल हैं।
  • यह एक अनौपचारिक समूह है, जिसका गठन 1999 में वैश्विक आर्थिक संकटों से निपटने के लिए हुआ था।
  • इसका संयुक्त राष्ट्र की तरह कोई स्थायी सचिवालय नहीं है।  
  • G-20 की अध्यक्षता इसके सदस्यों के बीच प्रतिवर्ष बदलती रहती है, तथा अध्यक्षता करने वाला देश एजेंडा निर्धारित करने, इसकी गतिविधियों को व्यवस्थित करने तथा शिखर सम्मेलनों की मेजबानी करने के लिए उत्तरदायी होता है।

इस वर्ष के लिए एजेंडा:

  • भूखमरी का उन्मूलन– ब्राजील वैश्विक खाद्यान्न की कमी और आपूर्ति से निपटने के लिए सामाजिक कार्यक्रमों और वित्तपोषण तंत्र का उपयोग करते हुए भूखमरी के विरुद्ध एक वैश्विक गठबंधन स्थापित करने की योजना बना रहा है।
  • व्यापारिक संबंध – ब्रिटेन के प्रधानमंत्री अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए मजबूत व्यापार संबंधों को प्राथमिकता दे रहे हैं, तथा नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रम्प के अंतर्गत संभावित अमेरिकी टैरिफ और ब्रेक्सिट के बाद के समायोजन से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान कर रहे हैं।       

G-20 का महत्व: 

  • G-20 देश वैश्विक GDP का 85%, वैश्विक व्यापार का 75% और विश्व की दो-तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं।   
  • 2008 के वित्तीय संकट के दौरान $4 ट्रिलियन का प्रोत्साहन पैकेज प्रदान किया जाना, व्यापार बाधाओं को खारिज किया जाना और वित्तीय सुधार को लागू किया जाना इसकी प्रमुख सफलताओं में से एक है।  
  • 2023 शिखर सम्मेलन में लॉन्च किया गया भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा, चीन की बेल्ट एंड रोड पहल के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।      

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