संदर्भ 

हाल ही में, भारत मिनरल्स सिक्योरिटी फाइनेंस नेटवर्क (Minerals Security Finance Network-MSFN) में शामिल हुआ है। यह नेटवर्क महत्वपूर्ण खनिजों के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने के लिए सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से अमेरिका के नेतृत्व में शुरू की गई पहल है।

अन्य संबंधित जानकारी 

  • मिनरल्स सिक्योरिटी फाइनेंस नेटवर्क (MSFN) मिनरल्स सिक्योरिटी पार्टनरशिप (MSP) में माध्यम से गठित एक नई नेटवर्क है, जिसे वर्ष 2022 में अमेरिका द्वारा स्थापित किया गया था।
  • जून, 2023 में, भारत खनिज सुरक्षा वित्त नेटवर्क (MSFN) का सदस्य बना।
  • मिनरल्स सिक्योरिटी फाइनेंस नेटवर्क का गठन वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन में महत्वपूर्ण खनिजों के बढ़ते महत्व और महत्वपूर्ण संसाधनों, विशेषकर दुर्लभ खनिजों के संबंध में, के लिए देशों की चीन पर अत्यधिक निर्भरता को प्रदर्शित करता है।
  • यह साझेदारी सहक्रियाओं और प्रभाव को बढ़ावा देने के लिए शामिल देशों से विकास वित्त संस्थानों (DFI) और निर्यात ऋण एजेंसियों (ECA) को एक मंच प्रदान करती है।

मिनरल्स सिक्योरिटी फाइनेंस नेटवर्क  और मिनरल्स सिक्योरिटी पार्टनरशिप के बारे में:

  • मिनरल्स सिक्योरिटी फाइनेंस नेटवर्क मिनरल्स सिक्योरिटी पार्टनरशिप की एक अतिरिक्त शाखा है। यह नेटवर्क वैश्विक स्तर पर जिम्मेदार महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं में सार्वजनिक और निजी निवेश को उत्प्रेरित करने के लिए 14 देशों और यूरोपीय संघ का एक अमेरिकी नेतृत्व वाला सहयोग है।
  • मिनरल्स सिक्योरिटी पार्टनरशिप महत्वपूर्ण खनिजों जैसे कोबाल्ट, निकल, लिथियम सहित 17 “रेयर अर्थ” मिनरल की आपूर्ति श्रृंखलाओं पर ध्यान केंद्रित करता है। 
  • मिनरल्स सिक्योरिटी पार्टनरशिप में शामिल देशों में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इटली, जापान, नॉर्वे, कोरिया गणराज्य, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ (यूरोपीय आयोग द्वारा प्रतिनिधित्व) शामिल हैं।
  • MSFN का लक्ष्य महत्वपूर्ण खनिजों के लिए विविध, सुरक्षित और सतत् आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण हेतु अपने सदस्यों के बीच सहयोग और सूचना साझाकरण को बढ़ाना है।
  • यह उत्पादन, निष्कर्षण, प्रसंस्करण, पुनर्चक्रण और पुनर्प्राप्ति से संबंधित परियोजनाओं के लिए निजी क्षेत्र के वित्तपोषण को आकर्षित करके इन आपूर्ति श्रृंखलाओं में स्थायी निवेश को भी प्रोत्साहित करेगा।

महत्वपूर्ण खनिजों का महत्व

  • आर्थिक विकास: कोबाल्ट, निकल और लिथियम जैसे खनिज दूरसंचार और इलेक्ट्रिक वाहन के बैटरी को बनाने वाली उद्योगों के लिए आवश्यक हैं।
  • स्वच्छ ऊर्जा: ये खनिज सेमीकंडक्टर, सौर पैनल और पवन टर्बाइन सहित हरित प्रौद्योगिकियों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा: बॉक्साइट, एल्यूमिना और सिलिका जैसे रणनीतिक खनिज आर्मर, हथियार और अन्य महत्वपूर्ण सैन्य अवसंरचना के विनिर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।   

एमएसएफएन के गठन हेतु जिम्मेदार प्रमुख कारण   

  • MSFN का गठन ऐसे समय में किया गया है, जब महत्वपूर्ण संसाधनों, विशेषकर रेयर अर्थ मिनरल्स, के लिए चीन जैसे देशों पर अत्यधिक निर्भरता है।
  • वर्तमान में, हेवी रेयर अर्थ एलिमेंट (HREE) के लिए चीन जैसे देशों पर अत्यधिक निर्भरता है, जो वैश्विक उत्पादन में लगभग 70 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ नवीकरणीय ऊर्जा के अग्रणी उत्पादकों में से एक है।
  • इस नेटवर्क के हस्ताक्षरकर्ता देशों का मानना है कि स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के लिए महत्वपूर्ण खनिजों की तेजी से बढ़ती वैश्विक माँग को पूरा करने के लिए सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों को शामिल करते हुए बहुराष्ट्रीय और संस्थागत सहयोग की आवश्यकता है।

भारत के दृष्टिकोण से इसका महत्व

  • भारत का MSFN में शामिल होना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे भारत की विकास रणनीति में सार्वजनिक और निजी परिवहन दोनों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की दिशा में बड़ा बदलाव शामिल है।
  • इस पहल में भारत की भागीदारी का उद्देश्य अर्जेंटीना, चिली, ऑस्ट्रेलिया और चुनिंदा अफ्रीकी देशों से महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति में विविधता लाना और उसे सुरक्षित बनाना है।
  • आगामी वर्ष बैटरी प्रौद्योगिकी के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं, क्योंकि लिथियम-आयन तकनीकों में विभिन्न संभावित सुधार और वैकल्पिक समाधान के व्यावसायीकरण के करीब हैं।
  • भारत के लिए बैटरी विनिर्माण उद्योग के लिए एक मजबूत आधार तैयार करना अनिवार्य है और इसके लिए महत्वपूर्ण खनिजों की पर्याप्त उपलब्धता की आवश्यकता होगी।    
  • MSFN में शामिल होना भारत के लिए इन खनिजों के लिए चीन पर निर्भरता कम करने तथा अपनी हरित ऊर्जा पहलों के लिए एक मजबूत, आत्मनिर्भर आपूर्ति श्रृंखला बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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