संदर्भ:
हाल ही में, भारत और अमेरिका ने ऊर्जा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति पर चर्चा की।
अन्य संबंधित जानकारी
- केन्द्रीय विद्युत मंत्री और विद्युत मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों तथा अंतर्राष्ट्रीय जलवायु नीति के लिए राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार के नेतृत्व में आए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के बीच चर्चा हुई।
- केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी (SCEP) के ‘विद्युत एवं ऊर्जा दक्षता स्तंभ’ के अंतर्गत भारत और अमेरिका का सहयोग ऊर्जा संक्रमण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।
चर्चा के मुख्य क्षेत्र:
- ग्रिड एवं प्रसारण आधुनिकीकरण: दोनों पक्षों ने भविष्य में लोड वृद्धि को संभालने के लिए ग्रिड ट्रांसमिशन को उन्नत करने के प्रयासों पर तकनीकी आदान-प्रदान की संभावना का पता लगाया।
- विनिर्माण क्षमता में वृद्धि: बड़े ट्रांसफार्मर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत की विनिर्माण क्षमता का गठन करने के अवसर एक प्रमुख विषय थे, जिसका उद्देश्य घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना और आयात पर निर्भरता कम करना था।
- ऊर्जा भंडारण प्रणालियां: वार्ता में लंबी अवधि के ऊर्जा भंडारण अध्ययनों पर राज्य-दर-राज्य साझेदारी की संभावनाओं पर गहन चर्चा की गई, साथ ही ग्रिड-स्केल बैटरी भंडारण समाधानों पर आगे सहयोग पर भी चर्चा की गई।
- उच्च दक्षता वाली शीतलन प्रणालियां: चर्चाओं में उच्च दक्षता वाली एयर कंडीशनिंग प्रणालियों एवं पंखों के निर्माण, तैनाती तथा निर्यात हेतु भारत की क्षमता बढ़ाने के लिए विनिर्माण परियोजनाओं और नीतियों को प्रोत्साहित करने के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
भारत-अमेरिका ऊर्जा संबंध
- वर्ष 2009 में, संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत ने स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और क्रियान्वयन को सहायता देकर समावेशी, निम्न-कार्बन विकास में तेजी लाने के लिए स्वच्छ ऊर्जा को आगे बढ़ाने हेतु साझेदारी (PACE) की शुरुआत की थी।
वर्ष 2021 में भारत-अमेरिका जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 साझेदारी शुरू की गई, जिसके निम्न दो पथ हैं:
- रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी (SCEP)
- जलवायु कार्रवाई और वित्त जुटाव वार्ता (CAFMD)
- अमेरिका के साथ हाइड्रोकार्बन व्यापार वर्ष 2017 में शुरू हुआ था जो वर्ष 2022 तक 19 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। अमेरिका हमारा चौथा सबसे बड़ा कच्चा तेल और दूसरा सबसे बड़ा एलएनजी आपूर्तिकर्ता है।
- हाइड्रोकार्बन प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं तथा कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, कोयला और अन्य महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोतों का आधार बनते हैं।
- संयुक्त राज्य अमेरिका वर्ष 2021 में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में शामिल हुआ और वर्ष 2022 में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन समझौते की पुष्टि की।
- वर्ष 2023 में भारत और अमेरिका ने प्रयोगशाला-से-प्रयोगशाला सहयोग, पायलट परियोजनाओं, नवीन प्रौद्योगिकियों के परीक्षण और क्षमता विकास को सक्षम करने के लिए अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी कार्रवाई मंच (RETAP) की शुरुआत की।
- वर्ष 2023 में, भारत के राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष तथा अमेरिकी विकास वित्त निगम ने नवीकरणीय अवसंरचना निवेश कोष की स्थापना हेतु प्रत्येक द्वारा 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक की धनराशि उपलब्ध कराने हेतु रुचि पत्रों का आदान-प्रदान किया।