संदर्भ:

हाल ही में, 2024 का OPCW-द हेग पुरस्कार भारतीय रासायनिक परिषद (ICC) को प्रदान किया गया।  

  • अन्य संबंधित जानकारी  यह पुरस्कार हेग में आयोजित रासायनिक हथियार निषेध संगठन (OPCW) के सदस्य देशों के सम्मेलन (CSP) के 29वें सत्र के दौरान दिया गया।   
  • ऐसा पहली बार हुआ है, जब यह पुरस्कार किसी रासायनिक उद्योग निकाय को दिया गया है।   
  • यह पुरस्कार रासायनिक सुरक्षा को बढ़ावा देने, रासायनिक हथियार अभिसमय  के अनुपालन  तथा भारत के रासायनिक उद्योग में सुरक्षा बढ़ाने में ICC के प्रयासों को मान्यता देता है।    

CWC  और OPCWके बारे में

“रासायनिक हथियारों के विकास, उत्पादन, भंडारण और उपयोग के निषेध और उनके विनाश पर कन्वेंशन” को रासायनिक हथियार अभिसमय  (CWC) के रूप में भी जाना जाता है। यह कन्वेंशन 1997 में लागू हुआ।     

इस अभिसमय  का उद्देश्य सदस्य देशों द्वारा रासायनिक हथियारों के विकास, उत्पादन, अधिग्रहण, भंडारण, प्रतिधारण, हस्तांतरण या इस्तेमाल को प्रतिबंधित करके सामूहिक विनाश के हथियारों की एक पूरी श्रेणी को समाप्त करना है। 

इस अभिसमय  की विशेषता इसमें ‘चुनौती निरीक्षण’ का समावेश है। इसके तहत  इसमें शामिल किसी एक राष्ट्र को किसी अन्य राष्ट्र के अनुपालन नीति के बारे में संदेह होता है, तो वह अप्रत्याशित निरीक्षण का अनुरोध कर सकता है।    

OPCW, CWC को लागू करने के लिए जिम्मेदार है तथा इसका उद्देश्य रासायनिक हथियार मुक्त विश्व का निर्माण करना है। इसके सदस्य देशों की संख्या 193 है।

  • मुख्यालय– नीदरलैंड के द हेग में।

OPCW को रासायनिक हथियारों को समाप्त करने में अपने व्यापक प्रयासों के लिए वर्ष 2013 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला है।

भारत CWC का मूल हस्ताक्षरकर्ता है। राष्ट्रीय  रासायनिक हथियार अभिसमय प्राधिकरण  (NACWC) भारत में CWC के निर्देशों को क्रियान्वित करता है।      

भारतीय रासायनिक परिषद (ICC) के बारे में     

  • वर्ष 1938 में, ICC की स्थापना की गई थी। यह भारत में रासायनिक उद्योग के विकास और संवर्धन हेतु जिम्मेदार है।  
  • ICC भारत में रसायन उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाला प्रमुख निकाय है। यह देश के रसायन उद्योग का 80% से अधिक हिस्से को कवर करता है। इसका मूल्य 220 बिलियन डॉलर है।    

ICC की पहल :

  • रासायनिक हथियार सम्मेलन हेल्पडेस्क: इस पहल से CWC के साथ उद्योग के अनुपालन को बढ़ाने में मदद मिलने के साथ-साथ रासायनिक घोषणाओं के लिए ई-फाइलिंग की सुविधा मिलती है।   
  • ‘नाइसर ग्लोब’ पहल: यह वास्तविक समय में निगरानी (Real-Time Monitoring) और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों  के माध्यम से भारत में रासायनिक परिवहन सुरक्षा में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करती है।  
  • उत्तरदायी देखभाल (RC) कार्यक्रम: संरचित स्व-नियमन के माध्यम से उद्योग सुरक्षा और अनुपालन को मजबूत करता है।
  • RC सुरक्षा संहिता: इसे रासायनिक क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है।   
  • उत्तरदायी औद्योगिक प्रथाओं के प्रति ICC की प्रतिबद्धता तथा CWC के उद्देश्यों के सामंजस्य स्थापित करने के इसके प्रयास, रासायनिक हथियारों के विरुद्ध वैश्विक लड़ाई में भारत की सक्रिय भूमिका को रेखांकित करते हैं।
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