संदर्भ:

हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री ने रूस के कज़ान में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया।  

16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मुख्य बातें

16 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन 22 से 24 अक्टूबर, 2024 तक हुआ। इसका विषय- “न्यायसंगत वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत बनाना” (Strengthening Multilateralism for Just Global Development and Security) है।   

इस सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री ने संघर्षों, प्रतिकूल जलवायु प्रभावों और साइबर खतरों सहित विश्व के समक्ष मौजूद अनिश्चितताओं और चुनौतियों से निपटने के लिए जन-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया।  

  • इसमें आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन (CCIT) को शीघ्रता से अपनाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।   

 भारत के प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स से वैश्विक शासन में सुधारों पर बल  देने तथा ग्लोबल साउथ की चिंताओं को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।     प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स देशों को भारत द्वारा शुरू की गई विभिन्न हरित पहलों जैसे – अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा-रोधी अवसंरचना गठबंधन, मिशन लाइफ (LiFE) और ग्रीन क्रेडिट पहल आदि  में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।    ब्रिक्स सदस्यों ने अमेरिकी डॉलर और स्विफ्ट प्रणाली पर अपनी निर्भरता कम करने की इच्छा व्यक्त की। भारत के प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स सदस्यों के बीच अधिक वित्तीय समावेशन का आह्वान करने के साथ-साथ अधिकाधिक देशों से स्थानीय मुद्राओं अथवा एकीकृत भुगतान  इंटरफेस (UPI) जैसे स्थानीय स्तर पर विकसित भुगतान तंत्रों के माध्यम से व्यापार करने के लिए भारत के साथ जुड़ने का आग्रह किया।  

इस शिखर सम्मेलन का समापन “कज़ान घोषणापत्र” को अपनाने के साथ हुआ। इसमें तीन स्तंभों – राजनीतिक और सुरक्षा, आर्थिक और वित्तीय, तथा सांस्कृतिक और लोगों के बीच संपर्क – पर सहयोग बढ़ाने के लिए ब्रिक्स सदस्यों की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई।  इस सम्मेलन की मुख्य बात भारत के प्रधानमंत्री और चीन के  राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 5 साल में पहली द्विपक्षीय वार्ता थी। दोनों नेताओं ने एलएसी पर गश्त करने के लिए अपने देशों के बीच हुए समझौते का स्वागत किया।

ब्रिक्स (BRICS) के बारे में

  • “ब्रिक” (BRIC) शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) के मुख्य अर्थशास्त्री जिम ओ’नील (Jim O’Neill) ने वर्ष 2001 में किया था, जिसमें उन्होंने G-7 अर्थव्यवस्थाओं के प्रभुत्व को चुनौती देने के लिए ब्राजील, रूस, भारत और चीन की  क्षमता पर प्रकाश डाला था।
  • इसकी स्थापना रूस द्वारा की गई, तथा इसकी पहली मंत्रिस्तरीय बैठक सितम्बर, 2006 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान हुई।
  • वर्ष 2009 में पहला आधिकारिक ब्रिक शिखर सम्मेलन हुआ, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने भाग लिया।  वर्ष 2010 में दक्षिण अफ्रीका के शामिल होने के बाद यह पाँच देशों का गठबंधन बना, जो एक दशक से अधिक समय से बना हुआ  है।
  • ब्रिक्स की संयुक्त जनसंख्या लगभग 3.5 बिलियन है, जो विश्व की कुल जनसंख्या का लगभग 45 प्रतिशत है।
  • इस समूह में शामिल देशों की सामूहिक अर्थव्यवस्थाओं का आकार 28.5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था का लगभग 28 प्रतिशत है।

विस्तार   

  • वर्ष 2023 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में इस संगठन का  विस्तार हुआ। इस वर्ष अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को आमंत्रित किया  गया। 
  • अर्जेंटीना को छोड़कर सभी देशों ने इसे  स्वीकार कर लिया, जिसने अपने नए राष्ट्रपति के अधीन पश्चिमी-समर्थक राह को चुना,  जबकि सऊदी अरब ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया, लेकिन औपचारिक सदस्यता की पुष्टि नहीं की है। 
  • तुर्की ने इसकी  सदस्यता के लिए आवेदन किया है। यह इस संगठन में शामिल होने वाला पहला नाटो सदस्य देश होगा।

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