अन्य संबंधित जानकारी:

  • उन्हें भूसे और धूल को अलग करने वाली मशीन के आविष्कार के लिए सम्मानित किया गया है। यह मशीन कृषि गतिविधियों से निकलने वाली धूल और वायु प्रदूषण को कम करती है।
  • पूजा पाल का यह आविष्कार गेहूँ की मड़ाई (थ्रेसिंग) के दौरान निकलने वाली धूल की समस्या का समाधान करता है। यह धूल न केवल वायु प्रदूषण को बढ़ाती है, बल्कि किसानों और ग्रामीण समुदायों में श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण भी बनती है।
  • यह मशीन मड़ाई के दौरान हवा में उड़ने वाली धूल को नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे खेती का काम अधिक सुरक्षित, स्वास्थ्यवर्धक और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ बनता है।
  • उन्होंने जापान में आयोजित ‘सकुरा साइंस हाई स्कूल प्रोग्राम’ में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया, जहाँ उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंच अपने आविष्कार का प्रदर्शन किया।
  • उत्तर प्रदेश से इस पुरस्कार के अन्य विजेता : आगरा के अजय राज को भी वीरता (Bravery) श्रेणी में यह पुरस्कार दिया गया।
  • अजय ने मगरमच्छ पर डंडे से वार करके अपने पिता को बचाया था।
  • पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की कुल संख्या: विभिन्न क्षेत्रों में उनके उत्कृष्ट और साहसी कार्यों के लिए 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 20 बच्चों को सम्मानित किया गया।
  • इन 20 बच्चों में से दो को मरणोपरांत सम्मानित किया गया; तमिलनाडु की व्योमा और बिहार के कमलेश कुमार की ओर से उनके माता-पिता ने यह पुरस्कार प्राप्त किया।

विजेताओं की सूची:

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के बारे में

  • यह एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार है, जो प्रतिवर्ष भारत के राष्ट्रपति द्वारा 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को विभिन्न क्षेत्रों में उनकी असाधारण उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए प्रदान किया जाता है।
  • प्रतिवर्ष अधिकतम 25 पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।
  • भारत सरकार प्रतिवर्ष 26 दिसंबर को गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्रों, साहिबजादा जोरावर सिंह जी और साहिबजादा फतेह सिंह जी की शहादत की याद में ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाती हैध्यातव्य है कि उन्हें 26 दिसंबर 1704 को सरहिंद (वर्तमान फतेहगढ़ साहिब, पंजाब) में शहीद कर दिया गया था।
  • उन्हें अपना धर्म छोड़ने से इनकार करने के कारण दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था।
  • इस दिवस को मनाने का उद्देश्य इन दो नन्हे नायकों की वीरता का सम्मान करना और आज के युवाओं को साहस, बलिदान और नैतिक शक्ति के मूल्यों से प्रेरित करना है।
  • यह पुरस्कार युवाओं की उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए छह श्रेणियों में दिया जाता है: वीरता, समाज सेवा, पर्यावरण, खेल, कला और संस्कृति, तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी।
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