संबंधित पाठ्यक्रम
सामान्य अध्ययन-2: सरकारी नीतियाँ और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप, उनके अभिकल्पन और कार्यान्वयन से संबंधित विषय। स्वास्थ्य, शिक्षा और मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
सामान्य अध्ययन-3: भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास और रोजगार से संबंधित विषय।
संदर्भ: हाल ही में, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने राज्य सरकारों तथा प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT) के सहयोग से PM-SETU (अपग्रेडेड आईटीआई के माध्यम से प्रधानमंत्री कौशल और रोजगार रूपांतरण) योजना के क्रियान्वयन हेतु उद्योग जगत की सहभागिता का आधिकारिक आह्वान किया है।
अन्य संबंधित जानकारी
- औद्योगिक भागीदारी के माध्यम से आईटीआई (ITIs) और एनएसटीआई (NSTIs) का उन्नयन करने के लिए केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अभिरुचि पत्र जारी किए गए हैं।
- इस पहल को राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों तथा प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT) के माध्यम से लागू किया जाएगा।
- अब तक, इस पहल के लिए कर्नाटक, गुजरात, असम और चंडीगढ़ ने अभिरुचि पत्र जारी किए है।
PM-SETU योजना के बारे में :
मुख्य उद्देश्य
- आधुनिकीकरण: वर्तमान और भविष्य की वैश्विक कौशल मांगों की पूर्ति हेतु 1,000 पारंपरिक आईटीआई को आधुनिक उत्कृष्टता केंद्रों में बदलना।
- उद्योग एकीकरण: सरकार के नेतृत्व वाले मॉडल से “सरकार के स्वामित्व वाले, उद्योग द्वारा प्रबंधित” मॉडल की ओर संक्रमण।
- युवा सशक्तिकरण: कौशल विकास को नवाचार और उद्यमिता से जोड़ना, ताकि पांच वर्षों में लगभग 20 लाख युवाओं को रोजगार दिया जा सके।
मुख्य विशेषताएँ
- हब एंड स्पोक मॉडल: इस योजना में 200 ‘हब’ (मुख्य) आईटीआई जो उन्नत बुनियादी ढांचे और नवाचार केंद्रों से लैस हैं और उनसे जुड़े 800 ‘स्पोक’ (सहायक) आईटीआई के नेटवर्क का उपयोग किया जाता है, ताकि इसकी पहुँच का विस्तार किया जा सके।
- उद्योगों की भागीदारी: प्रत्येक अपग्रेड किए गए क्लस्टर का प्रबंधन एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) द्वारा किया जाता है, जिसमें उद्योग भागीदारों की 51% हिस्सेदारी और सरकार की 49% हिस्सेदारी होती है।
- वैश्विक उत्कृष्टता केंद्र: भुवनेश्वर, चेन्नई, हैदराबाद, कानपुर और लुधियाना स्थित पाँच राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (NSTIs) का अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उन्नयन किया जाएगा।
- चरणबद्ध कार्यान्वयन: इस योजना के प्रथम चरण में बिहार के पटना और दरभंगा में स्थित आईटीआई (ITIs) पर विशेष ध्यान दिया गया है।
वित्तपोषणऔर प्रशासन
- नोडल मंत्रालय: कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE).
- कुल परिव्यय: ₹60,000 करोड़ (केंद्र प्रायोजित योजना), यह राशि केंद्र सरकार (₹30,000 करोड़), राज्य सरकारों (₹20,000 करोड़) और उद्योग जगत (₹10,000 करोड़) के बीच साझा की जाएगी।
- सह-वित्तपोषण: केंद्र सरकार के हिस्से (₹30,000 करोड़) का 50% भाग विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (ADB) द्वारा सह-वित्तपोषण (Co-financing) के माध्यम से वहन किया जा रहा है।
