संदर्भ:

केंद्रीय बजट 2025-26 में परमाणु ऊर्जा मिशन लॉन्च किया गया।

अन्य संबंधित जानकारी:

  • केंद्रीय बजट 2025-26 में भारत की दीर्घकालिक ऊर्जा संक्रमण रणनीति के हिस्से के रूप में परमाणु ऊर्जा की ओर महत्वपूर्ण कदम बढ़ाने की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है।
  • ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता प्राप्त करने के लिए परमाणु ऊर्जा को एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में मान्यता देते हुए, सरकार ने विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन की शुरुआत की है।

विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन

यह मिशन 2047 तक 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा क्षमता हासिल करने की भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप है, जिसे कार्बन उत्सर्जन को कम करने और भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना रहा है।

परमाणु ऊर्जा मिशन के कार्यान्वयन को सुगम बनाने के लिए, परमाणु ऊर्जा अधिनियम और परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम में संशोधन पर संसद द्वारा विचार किया जाएगा।

सरकार निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी:

(a) भारत लघु रिएक्टर (BSR) की स्थापना: BSR 220 मेगावाट विद्युत [MW(e)] दाबयुक्त भारी जल रिएक्टर (PHWR) हैं, जिनका एक प्रमाणित सुरक्षा और प्रदर्शन रिकॉर्ड है।

  • इस योजना में निजी संस्थाएं भूमि, शीतलन जल और पूंजी उपलब्ध कराएंगी, जबकि भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (NPCIL) मौजूदा कानूनी ढांचे के भीतर डिजाइन, गुणवत्ता आश्वासन और संचालन एवं रखरखाव का काम संभालेगी।

(b) भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टर का अनुसंधान एवं विकास: 

  • SMR पारंपरिक बड़े परमाणु रिएक्टरों के लिए एक लचीला, स्केलेबल और लागत प्रभावी विकल्प प्रदान करते हैं।
  • परमाणु ऊर्जा मिशन लघु मॉड्यूलर रिएक्टरों (SMR) के अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) पर केंद्रित है।
  • लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) उन्नत परमाणु रिएक्टर हैं जिनकी बिजली क्षमता 300 मेगावाट प्रति यूनिट तक है, जो पारंपरिक परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों की उत्पादन क्षमता का लगभग एक तिहाई है।
  • सरकार ने इस पहल के लिए 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसका लक्ष्य 2033 तक कम से कम पांच स्वदेशी रूप से डिजाइन और परिचालन योग्य SMR विकसित करना है। 
  • भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) बंद हो रहे कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को फिर से चालू करने और दूरदराज के स्थानों में बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) विकसित कर रहा है।

(c) परमाणु ऊर्जा के लिए नई प्रौद्योगिकियों का अनुसंधान एवं विकास।

  • परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) ने नए परमाणु रिएक्टरों को शुरू करने की भी योजना बनाई है, जिसमें हाइड्रोजन सह-उत्पादन के लिए उच्च तापमान गैस-शीतित रिएक्टर और पिघले हुए नमक रिएक्टर शामिल हैं, जिनका उद्देश्य भारत के प्रचुर थोरियम संसाधनों का उपयोग करना है।

भारत की परमाणु क्षमता बढ़ाने के लिए सरकारी पहल

सरकार का लक्ष्य 2031-32 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को वर्तमान 8,180 मेगावाट से बढ़ाकर 22,480 मेगावाट करना है।

  • इस विस्तार में गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में 8,000 मेगावाट के दस रिएक्टरों का निर्माण और कमीशनिंग शामिल है।

सरकार ने आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम के कोव्वाडा में अमेरिका के सहयोग से 6 x 1208 मेगावाट के परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापना को भी मंजूरी दी।

भारत में परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में हालिया प्रगति

  • 30 जनवरी, 2025 तक भारत की परमाणु क्षमता 8180 मेगावाट है।
  • भारत की सबसे पुरानी यूरेनियम खदान, जादूगोड़ा खदान ( झारखंड) में नए भंडार की खोज की गई।
  • गुजरात के काकरापार में स्वदेशी 700 मेगावाट क्षमता वाले PHWR की पहली दो इकाइयों (KAPS – 3 और 4) ने वित्त वर्ष 2023-24 में वाणिज्यिक संचालन शुरू कर दिया है।
  • NPCIL और नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) ने अश्विनी नामक एक पूरक संयुक्त उद्यम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जो परमाणु ऊर्जा अधिनियम 1962 (2015 में संशोधित) के तहत काम करेगा और परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण, स्वामित्व और संचालन करेगा।
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