संदर्भ:
संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग ने सतत विकास लक्ष्य 2 (SDG 2) की दिशा में प्रगति को ट्रैक करने के लिए न्यूनतम आहार विविधता (MDD) पर एक नया संकेतक को अंगीकृत किया है, जिसका उद्देश्य 2030 तक शून्य भूखमरी (zero hunger) को प्राप्त करना है।
अन्य संबंधित जानकारी:
- यह नया संकेतक आहार की गुणवत्ता का आकलन करने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि ध्यान केवल कैलोरी सेवन पर ही नहीं, बल्कि उपभोग किए गए भोजन के पोषण मूल्य पर भी केंद्रित हो।
MDD संकेतक के बारे में:
न्यूनतम आहार विविधता (MDD) 24 घंटे की अवधि में खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों की विविधता को मापता है। यह संकेतक 10 खाद्य समूहों के सेवन को ट्रैक करता है :
1. अनाज, सफेद जड़ें, कंद, और केला
2. दलहन (बीन्स, मटर और मसूर)
3. दाने और बीज
4. दूध और दूध उत्पाद
5. मांस, मुर्गी और मछली
6. अंडे
7. गहरे हरे पत्तेदार सब्जियाँ
8. अन्य विटामिन ए युक्त फल और सब्जियाँ
9. अन्य फल और
10. अन्य सब्जियाँ
MDD आहार विविधता पर नज़र रखने में सहायता करता है, जो अच्छे स्वास्थ्य, वृद्धि और विकास को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
इसका ध्यान स्वस्थ आहार प्राप्त करने पर है, जिसे पिछले ढाँचों में नजरअंदाज किया गया है, जबकि गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
अंगीकरण और समीक्षा प्रक्रिया:
- MDD संकेतक को 4 मार्च से 7 मार्च, 2025 तक न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग के 56वें सत्र में अंगीकृत किया गया था।
- यह संकेतक उन लगभग 250 संकेतकों में शामिल हो गया है, जिनकी निगरानी पहले से ही सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के लिए वैश्विक संकेतक ढांचे के तहत की जाती है, जिसे 2017 में अपनाया गया था।
- यह संकेतक खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) सहित देशों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और एजेंसियों के गठबंधन द्वारा एक वर्ष की समीक्षा के बाद विकसित किया गया था।
निगरानी और मापन:
- MDD संकेतक का प्रबंधन FAO और यूनिसेफ द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा ।
- इसे दो प्रमुख जनसंख्या में मापा जाएगा: बच्चे और प्रजनन आयु की महिलाएं ।
- यह सूचक एक हां/नहीं माप है : क्या इन समूहों के व्यक्तियों ने पिछले 24 घंटों में दस परिभाषित खाद्य समूहों में से न्यूनतम पांच का सेवन किया है।
- इस सीमा से ऊपर पहुंचने वाले लोगों का अनुपात जितना अधिक होगा, उतनी ही अधिक संभावना होगी कि जनसंख्या में महिलाएं और बच्चे ऐसे आहार का सेवन करेंगे जिसमें पर्याप्त विटामिन और खनिज हों।
वैश्विक प्रभाव और नीतिगत निहितार्थ:
- MDD संकेतक देशों को आहार-संबंधी हस्तक्षेपों के माध्यम से पोषण और स्वास्थ्य परिणामों को बढ़ाने के लिए साक्ष्य-आधारित रणनीति तैयार करने हेतु एक रूपरेखा प्रदान करता है।
- विभिन्न प्रकार के पौष्टिक खाद्य पदार्थों के सेवन पर ध्यान केंद्रित करके, इस सूचक का उद्देश्य सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से निपटना है, विशेष रूप से बच्चों और प्रजनन आयु की महिलाओं में।
- MDD को SDG संकेतक ढांचे में एकीकृत करने से देशों को स्वस्थ आहार और पोषण सुरक्षा प्राप्त करने में प्रगति का मानकीकरण करने में सहायता मिलेगी।
- यह खाद्य प्रणालियों में परिवर्तन के लिए केंद्रीय लक्ष्य के रूप में आहार विविधता के महत्व पर प्रकाश डालता है, तथा SDG युग के बाद की निगरानी में इसके समावेश की संभावनाओं को बेहतर बनाता है।
भारत के लिए महत्व:
- महिलाओं और बच्चों की बड़ी आबादी वाले भारत को इस सूचक से अधिक लाभ हो सकता है, क्योंकि इससे लाखों लोगों को प्रभावित करने वाले कुपोषण और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने में सहायता मिलेगी।
- MDD ढांचा भारत को कमजोर समूहों की आहार विविधता की निगरानी करने तथा कुपोषण से निपटने और सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणामों में सुधार के लिए बेहतर नीतिगत हस्तक्षेप सुनिश्चित करने में सक्षम बनाएगा।