संदर्भ:

हाल ही में, प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी  जयंती के अवसर पर झारखंड के हजारीबाग से धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान ( DAJGUA का शुभारंभ किया। 

पृष्ठभूमि

  • इससे पूर्व, इस योजना का नाम प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (PM-JUGA) था। 
  • इस योजना की परिकल्पना प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (PM-JANMAN) योजना के अनुभव और सफलता को देखते हुए की गई थी। 

“धरती आबा” (पृथ्वी के पिता) एक उपाधि है जिसका उपयोग झारखंड में बिरसा मुंडा के सम्मान में किया जाता है, जो उपनिवेशवाद विरोधी आदिवासी नेता थे तथा जिन्होंने 19वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ  ‘उलगुलान आंदोलन’ का नेतृत्व किया था।

  • भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए प्रतिवर्ष 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है।

अभियान की मुख्य विशेषताएं:

  • उद्देश्य: धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का उद्देश्य सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका में व्याप्त अंतराल को समाप्त करके  जनजातीय क्षेत्रों और समुदायों का समग्र और सतत विकास करना है।

पहुंच: यह अभियान 63,843 गांवों में लागू होगा , जिससे 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 549 जिलों और 2,911 ब्लॉकों के सभी आदिवासी बहुल गांवों और आकांक्षी ब्लॉकों के 5 करोड़ से अधिक आदिवासी लोगों को लाभ मिलेगा।

  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में अनुसूचित जनजाति की आबादी 10.45 करोड़ है, जिसमें 700 से अधिक अनुसूचित जनजाति समुदाय हैं, जिनमें से 75 समुदायों को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTGs) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

कार्यान्वयन: मिशन में 25 मध्यवर्ती शामिल हैं जिन्हें अगले 5 वर्षों में अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (Development Action Plan for Scheduled Tribes-DAPST) के तहत आवंटित निधियों के माध्यम से 17-संबद्ध मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित किया जाना है।

धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत नवीन योजनाएं 

  • जनजातीय गृह-प्रवास (होम स्टे): पर्यटन मंत्रालय द्वारा स्वदेश दर्शन योजनांतर्गत लगभग 1000 गृह-प्रवास इकाइयों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस हेतु, प्रत्येक परिवार को नवीन द्वि-कक्षीय गृह-प्रवास इकाई के निर्माण के लिए ₹5 लाख अथवा विद्यमान संरचनाओं को गृह-प्रवास इकाइयों में परिवर्तित करने हेतु ₹3 लाख की राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत ‘ग्राम समुदाय आवश्यकताओं’ के लिए ₹5 लाख का भी प्रावधान किया गया है।”
  • सतत आजीविका वन अधिकार धारक (FRA): वन अधिकारों को  संरक्षित करने और जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने के लिए वन क्षेत्रों में रहने वाले 22 लाख एफआरए पट्टा धारकों (वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के तहत) पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।  
  • सरकारी आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों के बुनियादी ढांचे में सुधार: अभियान का उद्देश्य, स्थानीय शैक्षिक संसाधनों को विकसित  एवं नामांकन करने और उसे बनाए रखने को बढ़ावा देने हेतु पीएम-श्री स्कूलों की तर्ज पर उन्नयन हेतु आश्रम स्कूलों / छात्रावासों / आदिवासी स्कूलों / सरकारी आवासीय विद्यालयों के बुनियादी ढांचे में सुधार करना है।
  • विकसित सिकल सेल रोग के निदान हेतु सुविधाएं: प्रसव पूर्व निदान पर विशेष बल  देने के साथ सस्ती और सुलभ नैदानिक और सिकल सेल रोग प्रबंधन सुविधाएं प्रदान करना और भविष्य में सिकल सेल रोग युक्त बच्चों के जन्म को रोककर रोग की व्यापकता को कम करना। 
  • जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (TMMC): जनजातीय उत्पादकों को उनकी उपज/उत्पादों के लिए उचित  मूल्य दिलाने तथा उपभोक्ताओं को जनजातीय लोगों से प्रत्यक्ष  मूल्य पर जनजातीय उपज/उत्पाद खरीदने में सुविधा प्रदान करने के लिए लगभग 100 जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

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