संदर्भ:
हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री और स्पेन के राष्ट्रपति ने गुजरात के वडोदरा में C295 मध्यम-लिफ्ट सामरिक परिवहन विमान के निर्माण हेतु फाइनल असेंबली लाइन (FAL) संयंत्र का उद्घाटन किया।
अन्य संबंधित जानकारी
- यह सुविधा भारत का पहला निजी सैन्य परिवहन विमान उत्पादन संयंत्र है, जो टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और एयरबस डिफेंस एंड स्पेस (Airbus DS) के बीच सहयोग है।
- निजी क्षेत्र में पहले ‘मेक इन इंडिया’ एयरोस्पेस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, भारत भारतीय वायु सेना के पुराने एवरो बेड़े को बदलने के लिए 56 C295 विमान खरीदेगा।
- एयरबस अपने सेविले स्पेन स्थित FAL से फ्लाई अवे स्थिति में पहले 16 विमान वितरित करेगी, जबकि TASL शेष 40 विमानों का निर्माण और संयोजन वडोदरा स्थित संयंत्र में करेगी।
C-295 विमान के बारे में
- यह 5 से 10 टन की क्षमता वाला परिवहन विमान है, जिसकी अधिकतम क्रूज गति 260 नॉट्स है।
- इसकी अधिकतम चाल 480 किमी/घंटा है।
- ईंधन भरने की क्षमता: फिक्स्ड-विंग विमानों और हेलीकॉप्टरों में हवा में ईंधन भरने की सुविधा।
विशेषताएँ
- इसमें सेना और कार्गो की त्वरित तैनाती हेतु रियर रैंप दरवाजा है।
- अर्ध-तैयार सतहों से छोटी उड़ान और लैंडिंग में सक्षम
केबिन का आकार
- लंबाई: 12.7 मीटर (41 फीट, 8 इंच)
- यह अपनी श्रेणी में सबसे लम्बा, बिना अवरोध वाला केबिन है, जिसमें 71 सीटें हैं।
- यह अन्य विमानों की तुलना में अधिक कार्गो ले जा सकता है, जिसे इसके रियर रैंप के माध्यम से सीधे ऑफ-लोडिंग किया जा सकता है।
स्वदेशी उपकरण
- सभी 56 विमानों में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित एक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सूट शामिल होगा।
- स्वदेशी सामग्री का अधिकतम उपयोग: इन विमानों के निर्माण में उपयोग होने वाले स्वदेशी उपकरणों की मात्रा/संख्या अब तक भारत में बने विमानों में प्रयुक्त उपकरणों की तुलना में सर्वाधिक होगी। एयरबस द्वारा स्पेन में किया जाने वाला 96% कार्य वडोदरा स्थित विनिर्माण इकाई में किया जाएगा।
C295 कई भूमिकाएँ निभा सकता है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- मुख्य हवाई अड्डों से अग्रिम परिचालन बेस तक सैनिकों और रसद को ले जाना।
- 2,200 फीट जितनी छोटी हवाई पट्टियों से संचालन करने में सक्षम होना।
- 110 नॉट की कम गति पर सामरिक मिशन को संचालित करना।
- हताहत और चिकित्सा निकासी (मेडिकल इवेक्युएशन) में उपयुक्त।
- विभिन्न विशेष ऑपरेशनों के लिए उपयुक्त।
- आपदा राहत प्रयासों में सहायक।
- समुद्री निगरानी करना।
C-295 संयंत्र का महत्व
- रोजगार सृजन और कौशल विकास: यह संयंत्र कई प्रकार के रोजगार सृजित करने के साथ भारतीय श्रमिकों के बीच तकनीकी कौशल को भी बढ़ाएगी, जिससे उच्च तकनीक विनिर्माण में अधिक कुशल कार्यबल तैयार होगा।
- रक्षा निर्यात को बढ़ावा: विगत कुछ दशक में भारत का रक्षा निर्यात 30 गुना बढ़ गया है। वर्तमान में, भारत 100 से अधिक देशों को रक्षा सामग्री का निर्यात करता है। इस संयंत्र से वैश्विक रक्षा बाजार में भारत की स्थिति अधिक मजबूत होगी।
- वैश्विक रक्षा उत्पादन केंद्र (Global Defense Production Hub): यह संयंत्र वैश्विक रक्षा उत्पादन में एक प्रमुख प्लेयर के रूप में भारत के उद्भव का प्रतीक है, जो देश की सामरिक क्षमताओं को बढ़ाएगा।
- नागरिक विमानन में योगदान: इस संयंत्र से नागरिक विमान विनिर्माण में सहायता मिलने की संभावना है, जिससे घरेलू जरूरतों और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों दोनों की आवश्यकता को पूरा किया जा सकेगा।