संदर्भ:

हाल ही में, कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्टहंगरहिल्फ़ द्वारा वैश्विक भूख सूचकांक (जी.एच.आई.) 2024 रिपोर्ट प्रकाशित की गई , जिसमें भारत की रैंकिंग 127 देशों में से 105 रही।

अन्य संबंधित जानकारी

  • रिपोर्ट के 19वें संस्करण में भारत में भूखमरी और कुपोषण से निपटने में लगातार आ रही चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया है।
  • विषय: 2024 वैश्विक भूख सूचकांक (जीएचआई) का विषय है “लैंगिक न्याय किस प्रकार जलवायु लचीलापन और भूखमरी को समाप्त कर सकता है”।
  • भारत का जी.एच.आई. स्कोर 27.3 है, जो इसे भुखमरी के स्तर के लिए पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों के साथ “गंभीर” श्रेणी में रखता है।
  • यह रैंकिंग भूख और कुपोषण से निपटने में देश की प्रगति पर चिंता पैदा करती है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक भूखमरी को समाप्त करने के संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने की संभावना बहुत कम है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

  • तुलनात्मक विश्लेषण: भारत का प्रदर्शन विशेष रूप से बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों से तुलनात्मक रूप में चिंताजनक है , जो भूखमरी के स्तर के मामले में “मध्यम” श्रेणी में आते हैं।
  • चिंताजनक आंकड़े: रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत की 13.7% आबादी कुपोषित है , जबकि पाँच साल से कम उम्र के 35.5% बच्चे बौनेपन (Child Stunting) से ग्रसित हैं । इसके अलावा, 18.7% बच्चे बाल दुर्बलता (Child Wasting) से पीड़ित हैं , और 2.9% बच्चे अपने पाँचवें जन्मदिन पूर्व ही मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं
  • दीर्घकालिक प्रभाव: जी.एच.आई 2024 रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यदि महत्वपूर्ण प्रयास नहीं किए गए तो विश्व के सबसे गरीब देशों में भूखमरी का संकट दशकों तक जारी रह सकता है | अत: तत्काल और निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है।

वैश्विक भूख सूचकांक के बारे में

  • ग्लोबल हंगर इंडेक्स वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भूखमरी को मापने और निगरानी करने का एक उपकरण है।
  • प्रत्येक देश के जी.एच.आई. स्कोर की गणना एक सूत्र के आधार पर की जाती है, जिसमें चार संकेतक सम्मिलित होते हैं, जो मिलकर भूखमरी की बहुआयामी प्रकृति को दर्शाते हैं:

    अल्पपोषण: जनसंख्या का वह हिस्सा जिन्हे पर्याप्त कैलोरी प्राप्त नहीं हो पाती है|

    बाल बौनापन (चाइल्ड स्टंटिंग) : पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की आबादी, जिनकी लंबाई उनकी उम्र के हिसाब से कम है, यह  दीर्घकालिक कुपोषण को दर्शाता है|

    बाल दुर्बलता (चाइल्ड वेस्टिंग) : पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की आबादी, जिनका वजन उनकी ऊंचाई के अनुपात में कम है, गंभीर कुपोषण को दर्शाता है|

    शिशु मृत्यु दर: अपने पांचवें जन्मदिन से पूर्व मृत्यु को प्राप्त करने वाले बच्चों का हिस्सा, जो आंशिक रूप से अपर्याप्त पोषण और अस्वास्थ्यकर पर्यावरण प्रभाव को दर्शाता है।
  • चार संकेतकों के मान के आधार पर, 100-बिंदु पैमाने पर GHI स्कोर की गणना की जाती है, जो भूखमरी की गंभीरता को दर्शाता है, जहां 0 सर्वोत्तम संभव स्कोर (शून्य भूखमरी) और 100 सबसे खराब स्कोर है
  • प्रत्येक देश के जी.एच.आई. स्कोर को गंभीरता के आधार पर निम्नलिखित प्रकार से वर्गीकृत किया जाता है- निम्न,माध्यम,गंभीर,चिंताजनक,अत्यंत चिंताजनक

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