संदर्भ:

दूरसंचार विभाग (DoT) ने “क्वांटम मानकीकरण और परीक्षण प्रयोगशालाओं (Quantum Standardization and Testing Labs)” के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किया हैं। 

अन्य संबंधित जानकारी

  • दूरसंचार विभाग द्वारा दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि (TTDF) योजना के अंतर्गत भारतीय शैक्षणिक संस्थानों या अनुसंधान एवं विकास संस्थानों से “क्वांटम मानकीकरण और परीक्षण प्रयोगशालाओं” हेतु प्रस्ताव आमंत्रित किया था।
  • दूरसंचार विभाग द्वारा वर्ष 2022 में घोषित दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि (TTDF) योजना का उद्देश्य दूरसंचार उत्पादों और प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान एवं विकास को समर्थन और प्रोत्साहन देना है।
  • यह पहल आत्मनिर्भर भारत मिशन का हिस्सा होने के साथ-साथ प्रधानमंत्री के ‘जय अनुसंधान’ आह्वान के अनुरूप है। इसका उद्देश्य प्रत्यक्ष रूप से भारतीय नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने वाले दूरसंचार उत्पादों और प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान और विकास का समर्थन करना है।

क्वांटम प्रौद्योगिकियाँ

  • ये प्रौद्योगिकियाँ 20वीं सदी की शुरुआत में विकसित क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों पर आधारित हैं, जिसे प्रकृति को परमाणुओं और प्राथमिक कणों के पैमाने पर वर्णित करने के लिए विकसित की गई थीं।
  • ये प्रौद्योगिकियाँ पारंपरिक प्रणालियों से परे प्रगति प्राप्त करने के लिए सुपरपोजिशन, एटंगलेमेंट और क्वांटम टनलिंग जैसी क्वांटम पद्धतियों का लाभ उठाती हैं।

क्वांटम प्रौद्योगिकियों के चार डोमेन हैं: 

  • क्वांटम संचार
  • क्वांटम सिमुलेशन
  • क्वांटम कम्प्यूटेशन
  • क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी 

क्वांटम मानकीकरण (Quantum Standardization) के बारे में

  • क्वांटम मानकीकरण (Quantum Standardization) का तात्पर्य क्वांटम संचार तत्वों के निर्बाध एकीकरण के लिए आवश्यक मानक और प्रोटोकॉल स्थापित करने से है। यह क्वांटम उपकरणों को व्यापक जटिल प्रणालियों में समायोजित/ एकीकृत करने में भी सक्षम बनाता है।
  • प्रमुख क्वांटम संचार तत्वों में क्वांटम कुंजी वितरण, क्वांटम स्टेट एनालाइजर, ऑप्टिकल फाइबर आदि शामिल हैं।

परीक्षण सुविधाओं का महत्व   

  • ये सुविधाएँ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु स्टार्टअप्स, अनुसंधान एवं विकास तथा शैक्षणिक संस्थानों सहित भारतीय उद्योग के सदस्यों को आवश्यक सहायता प्रदान करेंगी।
  • यह क्वांटम अवधारणाओं, प्रक्रियाओं, उपकरणों और अनुप्रयोगों जैसे कि आवधिक ध्रुवित पोटेशियम टाइटेनिल फॉस्फेट (Periodically Poled Potassium Titanyl Phosphate-ppKTP) क्रिस्टल, बेरिलियम क्रिस्टल, क्वांटम टनलिंग और क्वांटम टेलीपोर्टेशन का उपयोग करके सहज पैरामीट्रिक डाउन कन्वर्जन (Spontaneous Parametric Down Conversion-SPDC) प्रक्रिया को प्रमाणिक बनाने में  मदद करेगा।
  • ये प्रयोगशालाएँ नवाचार केन्द्र के रूप में काम करेंगी तथा क्वांटम टेक्नोलॉजी डेवलपर्स, परीक्षण उपकरण निर्माताओं और शैक्षणिक शोधकर्ताओं को एक साथ लाएंगी।

इस परीक्षण के लिए प्रस्तावित प्रौद्योगिकियाँ:

  • एकल फोटॉन और जटिल (Entangled) फोटॉन स्रोत।
  • एकल फोटॉन डिटेक्टर(SPDs), जिसमें सुपरकंडक्टिंग नैनोवायर SPDs और एवलांच फोटोडियोड शामिल हैं।
  • क्वांटम मेमोरीज़ और रिपीटर्स।
  • क्वांटम संचार मॉड्यूल जैसे क्वांटम कुंजी वितरण (QKD), क्वांटम टेलीपोर्टेशन, और फ्री-स्पेस क्वांटम संचार।
  • विश्वसनीय नोड्स और अविश्वसनीय नोड्स।
  • क्वांटम संचार डोमेन से संबंधित कोई अन्य सामग्री।

प्रस्ताव का महत्व

  • इसका मुख्य उद्देश्य क्वांटम प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान एवं विकास में तेजी लाना तथा क्वांटम संचार प्रणालियों की अंतर-संचालनीयता, विश्वसनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
  • यह पहल भारत को क्वांटम प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भर बनाने और इस अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी क्षेत्र में वैश्विक मानक स्थापित करने की दिशा में एक कदम है।

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