संदर्भ:
हाल ही में, केंद्रीय पोत, पत्तन परिवहन और जलमार्ग मंत्री ने ‘क्रूज भारत मिशन’ का शुभारंभ किया।
अन्य संबंधित जानकारी
- इस मिशन की शुरुआत मुंबई बंदरगाह से की गई, जिसका उद्देश्य पांच वर्षों के भीतर (अर्थात् वर्ष 2024 से वर्ष 2029 तक) क्रूज यात्री यातायात को दोगुना करके देश के क्रूज पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देना है।
- इस पहल का उद्देश्य क्रूज पर्यटन के लिए वैश्विक केंद्र बनने के भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना तथा देश को अग्रणी वैश्विक क्रूज गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना है।
क्रूज भारत मिशन का विवरण
क्रूज इंडिया मिशन को 1 अक्टूबर, 2024 से शुरू करके 31 मार्च 2029 तक निम्न तीन चरणों में लागू किया जाएगा।
- चरण 1 (अक्टूबर 2024 – सितंबर 2025): यह अध्ययन, मास्टर प्लानिंग और पड़ोसी देशों के साथ क्रूज गठबंधन बनाने का काम करेगा और मौजूदा क्रूज टर्मिनलों, बंदरगाहों और गंतव्यों का आधुनिकीकरण करेगा।
- चरण 2 (अक्टूबर 2025 – मार्च 2027): यह उच्च-संभावित क्रूज स्थानों और सर्किटों को सक्रिय करने हेतु नए क्रूज टर्मिनल, बंदरगाह और गंतव्य विकसित करेगा।
- चरण 3 (अप्रैल 2027 – मार्च 2029): यह भारतीय उपमहाद्वीप में सभी क्रूज सर्किटों को एकीकृत करने पर ध्यान केंद्रित करेगा, जबकि क्रूज टर्मिनलों, बंदरगाहों और गंतव्यों का विकास जारी रहेगा।
चरण 1 से चरण 3 तक निम्नलिखित प्रमुख लक्ष्यों को हासिल करना है:
- समुद्री क्रूज यात्रियों की संख्या 0.5 मिलियन से बढ़ाकर 1 मिलियन करना।
- समुद्री क्रूज की संख्या 125 से बढ़ाकर 500 करना।
- नदी क्रूज यात्रियों की संख्या 0.5 मिलियन से बढ़ाकर 1.5 मिलियन करना।
- अंतर्राष्ट्रीय क्रूज टर्मिनलों की संख्या 2 से बढ़ाकर 10 करना।
- नदी क्रूज टर्मिनलों की संख्या 50 से बढ़ाकर 100 करना।
- बंदरगाहों (Marinas) की संख्या 1 से बढ़ाकर 5 करना।
- सृजित रोजगार 0.1 मिलियन से बढ़कर 0.4 मिलियन हो जाने की संभावना है।
इस मिशन का लक्ष्य क्रूज यात्राओं की संख्या को दुगुना (वर्ष 2024 में 254 से बढ़ाकर वर्ष 2030 तक 500 तथा वर्ष 2047 तक 1,100) करना है।
क्रूज भारत मिशन का लक्ष्य तीन प्रमुख क्रूज खंड हैं:
- महासागर एवं बंदरगाह क्रूज: इसमें महासागर क्रूज, गहरे समुद्र एवं तटीय क्रूज के साथ-साथ बंदरगाह आधारित नौकायन एवं जलयात्रा क्रूज शामिल हैं।
- नदी एवं अंतर्देशीय क्रूज: यह नहरों, बांध (अप्रवाही जल), खाड़ियों तथा झीलों पर नदी और अंतर्देशीय क्रूज पर केंद्रित है।
- द्वीप क्रूज: इसमें अंतर-द्वीप क्रूज, लाइटहाउस टूर, जीवंत-यात्रा अनुभव, अभियान क्रूज और कम ज्ञात स्थलों के लिए बुटीक क्रूज शामिल हैं।
क्रूज भारत मिशन ने निम्न पांच रणनीतिक स्तंभों में प्रमुख पहलों की पहचान की है:
- सतत अवसंरचना और पूंजी स्तंभ: यह अवसंरचना संबंधी अंतराल को पाटता है तथा डिजिटलीकरण (जैसे- चेहरे की पहचान) और डीकार्बोनाइजेशन (जैसे- तटीय बिजली) के साथ-साथ विश्व स्तरीय टर्मिनलों, बंदरगाहों, जल एयरोड्रोम और हेलीपोर्ट्स के विकास पर ध्यान केंद्रित करता है।
- इस मिशन में राष्ट्रीय क्रूज अवसंरचना मास्टरप्लान 2047 बनाना, भारतीय पत्तन संघ (IPA) के तहत एक क्रूज-केंद्रित विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) का निर्माण और एक क्रूज विकास निधि शामिल है।
- प्रौद्योगिकी समर्थित स्तंभ सहित परिचालन: इसका उद्देश्य परिचालन को सुव्यवस्थित करना, सुचारु रूप से चढ़ना, उतरना और गंतव्य स्थलों की यात्रा सुनिश्चित करना है, साथ ही ई-क्लियरेंस प्रणाली और ई-वीजा सुविधाओं जैसे डिजिटल समाधानों पर ध्यान केंद्रित करना है।
- क्रूज प्रोत्साहन एवं सर्किट एकीकरण स्तंभ: यह अंतर्राष्ट्रीय विपणन और निवेश संवर्धन पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें क्रूज सर्किटों को जोड़ना, “क्रूज इंडिया समिट” जैसे कार्यक्रमों की मेजबानी करना और पड़ोसी देशों के साथ गठबंधन बनाना शामिल है।
- विनियामक, राजकोषीय और वित्तीय नीति स्तंभ: यह कर परिदृश्यों, क्रूज विनियमनों और राष्ट्रीय क्रूज पर्यटन नीति के शुभारंभ पर ध्यान केंद्रित करते हुए अनुरूप राजकोषीय और वित्तीय नीतियों के निर्माण पर केंद्रित है।
- क्षमता निर्माण और आर्थिक अनुसंधान स्तंभ: यह कौशल विकास पर जोर देता है, क्रूज से संबंधित आर्थिक अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र तैयार करता है और क्रूज उद्योग में युवा रोजगार को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय व्यावसायिक मानकों को तैयार करता है।
क्रूज भारत मिशन का महत्व
- यह मिशन भारत को क्रूज पर्यटन के लिए विश्व स्तरीय केंद्र में बदलने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- इस मिशन का उद्देश्य एक दीर्धकालिक और जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है जो क्रूज संचालकों, पर्यटकों और समुदायों के लिए फायदेमंद होगा।