संदर्भ     

हाल ही में, केरल के स्वास्थ्य विभाग ने केरल के तीन जिलों में वेस्ट नाइल बुखार के मामले दर्ज किए हैं।

वेस्ट नाइल वायरस के बारे में    

  • यह क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छरों द्वारा फैलता है।
  • इसका पहली बार पता वर्ष 1937 में युगांडा में चला था। 
  • वर्ष 2011 में, केरल में पहला मामला सामने आया तथा वर्ष 2019 में एक बच्चे की मौत हुई।   
  • यह गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी का कारण बन सकता है।
  • 1 प्रतिशत मामलों में, इससे मस्तिष्क विकार का कारण बन सकता है, जिसके परिणामस्वरूप बेहोशी और कभी-कभी मृत्यु हो सकती है।
  • यह मुख्य रूप से मच्छर के काटने से फैलता है, यह कभी-कभी रक्त आधान, अंग प्रत्यारोपण और माँ से बच्चे में स्थानांतरित हो जाता है।

लक्षण   

  • वेस्ट नाइल वायरस के संक्रमण के मुख्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, स्तब्धता, भ्रम, कोमा, कंपकंपी, ऐंठन, मांसपेशियों में कमजोरी, दृष्टि हीनता, सुन्नता और पक्षाघात हैं।
  • वेस्ट नाइल वायरस से संक्रमित अधिकांश मामलों में इसके कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।
  • किसी भी उम्र के लोग गंभीर बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं।
  • हालाँकि, यदि वे संक्रमित हैं, तो 60 से अधिक आयु वालों को गंभीर बीमारी का खतरा अधिक होता है।
  • जिन व्यक्तियों को किडनी की बीमारी, मधुमेह, कैंसर, उच्च रक्तचाप की बीमारी है और जिनका अंग प्रत्यारोपण हुआ है, वे भी इसके प्रति अधिक असुरक्षित हैं।
  • अधिकांश लोगों (10 में से 8) में कोई भी लक्षण विकसित नहीं होता है।
  • इस विषाणु (वायरस) से संक्रमित पाँच में से एक व्यक्ति में बुखार, शरीर में दर्द, उल्टी, दस्त और चकत्ते जैसे फ्लू के समान लक्षण दिखाई देते हैं।

उपचार   

  • वेस्ट नाइल वायरस के संक्रमण से पीड़ित लोगों के लिए कोई टीका या विशिष्ट दवा उपलब्ध नहीं है।

 रोग निवृति(रिकवरी)      

  • वेस्ट नाइल बुखार के कारण होने वाली गंभीर बीमारी से ठीक होने में कई सप्ताह या महीने लग सकते हैं। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर कुछ प्रभाव स्थायी हो सकते हैं।
  • केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाली गंभीर बीमारी से ग्रस्त 10 में से लगभग 1 व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।  
  • इसके मरीजों को सहायक उपचार, जैसे कि अंतःशिरा तरल पदार्थ, दर्द निवारक दवा और नर्सिंग देखभाल, की आवश्यकता होगी।
  • अधिकांश मामलों में, संक्रमण अपने आप ठीक हो जाता है।
  • वेस्ट नाइल वायरस के कारण होने वाली ज्वरग्रस्त बीमारी से पीड़ित अधिकांश लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन थकान तथा कमजोरी कुछ हफ्तों या महीनों तक बनी रह सकती है।

सावधानियाँ     

  • विषाणु (वायरस) के कारण होने वाले फ्लू जैसे लक्षणों के उपचार के लिए औषधि (दवा) की आवश्यकता हो सकती है।   
  • अधिकांश स्वास्थ्य विभाग वेस्ट नाइल वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए शरीर को ढकने और मच्छर भगाने वाली दवाओं का उपयोग करने की सलाह देते हैं।    

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