संदर्भ:
हाल ही में, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने स्वास्थ्य सेवा, कृषि और सतत शहरों पर केंद्रित तीन कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) उत्कृष्टता केंद्रों (CoEs) की स्थापना करने की घोषणा की।
अन्य संबंधित जानकारी
- स्वास्थ्य सेवा में उत्कृष्टता केंद्र का नेतृत्व आईआईटी दिल्ली और एम्स द्वारा , कृषि में उत्कृष्टता केंद्र का नेतृत्व आईआईटी रोपड़ तथा सतत शहरों में उत्कृष्टता केंद्र का नेतृत्व आईआईटी कानपुर द्वारा किया जाएगा।
- ‘‘भारत में एआई बनाएं और भारत के लिए एआई का उपयोग करें’’ (“Make AI in India and Make AI work for India”) की परिकल्पना वर्ष 2023-24 के बजट घोषणा में (इन केंद्रों की स्थापना) की गई थी।
- इस पहल के लिए कुल वित्तीय परिव्यय वित्त वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक पांच वर्षों में ₹990 करोड़ है।
- इस पहल से स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी में क्रांतिकारी बदलाव आने, खाद्य सुरक्षा मजबूत होने तथा शहरी चुनौतियों का समाधान होने की उम्मीद है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए उत्कृष्टता केंद्रों का विवरण
“विकसित भारत” की परिकल्पना को साकार करने के लिए, इन उत्कृष्टता केंद्रों का नेतृत्व उद्योग भागीदारों और स्टार्टअप्स के सहयोग से शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों द्वारा किया जाएगा। इसका उद्देश्य एआई नवाचारों और अनुसंधान को सर्वसुलभ बनाना है। वे अंतःविषय अनुसंधान तथा अत्याधुनिक अनुप्रयोग विकसित करेंगे और इन तीन क्षेत्रों में मापनीय समाधान तैयार करेंगे।
1. स्वास्थ्य देखभाल उत्कृष्टता केंद्र:
- आईआईटी दिल्ली और एम्स के नेतृत्व में स्वास्थ्य देखभाल में एआई उत्कृष्टता केंद्र, रोग की प्रारंभिक भविष्यवाणी, निदान और महामारी की निगरानी पर ध्यान केंद्रित करता है।
- आयुष दवाओं सहित स्वास्थ्य देखभाल के लिए परीक्षणों और आंकड़ों के संग्रह में सहयोग करते हुए यह सामर्थ्य, गुणवत्ता और पहुंच की चुनौतियों का समाधान करता है।
2. कृषि उत्कृष्टता केंद्र:
- आईआईटी रोपड़ के नेतृत्व में, कृषि में एआई उत्कृष्टता केंद्र का उद्देश्य फसल की पैदावार, मौसम और स्थानीय परिस्थितियों पर आंकड़ों का उपयोग करके कृषि पद्धतियों को बदलना है।
- पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक अंतर्दृष्टि के साथ संयुक्त करके बुवाई, कटाई और फसल स्वास्थ्य पर एआई-संचालित, वास्तविक समय मार्गदर्शन प्रदान करता है।
3. सतत शहर उत्कृष्टता केंद्र:
- आईआईटी कानपुर के नेतृत्व में सतत शहरों पर एआई उत्कृष्टता केंद्र, स्मार्ट सिटी नियोजन, यातायात प्रबंधन और कुशल संसाधन प्रदायगी हेतु कृत्रिम बुद्धिमत्ता लाभप्रद है।
- सेंसर, जीआईएस मानचित्र और उपग्रह फीड से आंकड़ों को एकीकृत करके, यह संसाधन आवश्यकताओं की भविष्यवाणी करता है और सार्वजनिक स्थान डिजाइन को बढ़ाता है।
भारत के स्टार्टअप तंत्र पर प्रभाव
इन उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना से भारत के स्टार्टअप तंत्र पर निम्न प्रभाव पड़ने की संभावना है:
- रोजगार सृजन: इन उत्कृष्टता केंद्रों से विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसरों का सृजन होने की उम्मीद है।
- नवाचार को बढ़ावा: शिक्षा जगत और उद्योग के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर, ये केंद्र नवाचार और नई प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देंगे।
- स्टार्टअप्स के लिए सहायता: यह पहल एआई समाधानों पर काम करने वाले स्टार्टअप्स को बढ़ावा देगी और उन्हें संसाधन और विशेषज्ञता प्रदान करेगी।
- वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता: भारत की एआई क्षमताओं को मजबूत करने से प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में विश्व में इसकी स्थिति मजबूत होगी।
निष्कर्ष
एआई उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना भारत की राष्ट्रीय विकास रणनीति में एआई को एकीकृत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। ये उत्कृष्टता केंद्र सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने हेतु प्रतिभा, सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देंगे।