संदर्भ: केंद्रीय बजट 2025-26 में वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और अन्य पहलों की शुरूआत की।
अन्य संबंधित जानकारी
- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को बजट में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1.37 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4% की वृद्धि दर्शाता है।
- सरकार पीएम-किसान योजना के माध्यम से 63,500 करोड़ रुपये (पिछले वर्ष से कोई परिवर्तन नहीं) का आवंटन प्रदान करके किसानों को समर्थन देना जारी रख रही है।
- दाल मिशन के लिए कुल बजट 1,000 करोड़ रुपये,जबकि सब्जी और फल कार्यक्रम के लिए 500 करोड़ रुपये तथा मखाना बोर्ड और संकर बीज मिशन दोनों के लिए 100-100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
बजट 2025-26 में कृषि क्षेत्र से संबंधित पहलें
- पीएम धन-धान्य कृषि योजनायह कार्यक्रम 100 जिलों में क्रियान्वित किया जाएगा, जिसमें कम उत्पादकता, मध्यम फसल सघनता तथा औसत से कम ऋण मापदंडों वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि उत्पादकता को बढ़ाना, फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाना, पंचायत और ब्लॉक स्तर पर फसलोपरांत भंडारण को बढ़ाना, सिंचाई सुविधाओं में सुधार करना और दीर्घकालिक तथा अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता को सुगम बनाना है।इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलने की संभावना है।
- उच्च उपज वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन:
- इस मिशन का उद्देश्य उच्च उपज देने वाले, कीट प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूल बीजों की गुणवत्ता और उपलब्धता में सुधार करना है।
- सरकार की योजना 100 से अधिक बीज किस्मों को व्यावसायिक रूप से उपलब्ध कराने की है।
- मखाना बोर्ड:
- बिहार राज्य, जो इस फसल का एक प्रमुख उत्पादक है, में इसके उत्पादन, मूल्य संवर्धन, अनुसंधान और विपणन को बढ़ावा देने के लिए एक नया मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा।
- दलहन में आत्मनिर्भरता:
- सरकार तूर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान देने के साथ 6-वर्षीय “दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन” प्रारम्भ करेगी।
- यह पहल उत्पादकता में सुधार, खरीद और किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने पर केंद्रित होगी।
- NAFED और NCCF अगले 4 वर्षों के दौरान धन- धान्य योजना के भाग के रूप में किसानों से दालें खरीदेंगे।
- कपास उत्पादकता मिशन:
- यह पांच वर्षीय मिशन कपास की उत्पादकता और स्थिरता में सुधार लाने पर केंद्रित है, जिसमें अतिरिक्त लंबे रेशे वाली कपास की किस्मों को बढ़ावा देना भी शामिल है।
- यह पहल भारत के कपड़ा क्षेत्र के घरेलू कपास उत्पादन को बढ़ाने और पारंपरिक कपड़ा उद्योगों को पुनर्जीवित करने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
- मत्स्य पालन:
- सरकार भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र और उच्च सागर से मत्स्य पालन के सतत दोहन के लिए एक रूपरेखा लाएगी, जिसमें अंडमान एवं निकोबार तथा लक्षद्वीप द्वीपसमूह पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- संशोधित ब्याज अनुदान योजना (MISS):
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) वाले किसानों के लिए MISS योजना के तहत ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की जाएगी।
- ग्रामीण क्रेडिट स्कोर:
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक स्वयं सहायता समूह के सदस्यों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ‘ग्रामीण क्रेडिट स्कोर’ ढांचा विकसित करेंगे।
- असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन वार्षिक क्षमता वाला यूरिया संयंत्र स्थापित किया जाएगा ।