संदर्भ:
भारत ने टाइफून यागी के बाद लाओस, म्यांमार और वियतनाम को मानवीय सहायता और आपदा राहत (Humanitarian Assistance and Disaster Relief-HADR) प्रदान करने के लिए ‘ऑपरेशन सद्भाव’ शुरू किया है।
अन्य संबंधित जानकारी
- विदेश मंत्रालय (MEA) ने वियतनाम को 1 मिलियन डॉलर और लाओस को 1,00,000 डॉलर की बाढ़ राहत सहायता की घोषणा की है।
- भारत ने INS सतपुड़ा के माध्यम से म्यांमार को सूखा राशन, कपड़े और दवाइयों सहित दस टन सहायता भेजी है।
- भारतीय वायु सेना ने वियतनाम को 35 टन सहायता पहुँचाई है, जिसमें जल शोधन उपकरण, पानी के कंटेनर, कंबल, रसोई के बर्तन और सौर लालटेन शामिल थे।
- इसके अतिरिक्त, लाओस को एक जेनरेटर सेट, जल शोधन सामग्री, स्वच्छता सामग्री, मच्छरदानी, कंबल और स्लीपिंग बैग सहित दस टन सहायता भेजी गई है।
टाइफून यागी के बारे में
- ‘टाइफून यागी’ 1 सितंबर को पश्चिमी फिलीपीन सागर में एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात के रूप में विकसित हुआ और अगले दिन फिलीपींस के तट से टकराया।
- यह असामान्य रूप से गर्म दक्षिण चीन सागर में यह तीव्र हो गया, तथा 5 सितम्बर तक 260 किमी/घंटा की अधिकतम गति वाली हवाओं वाली श्रेणी 5 का चक्रवात बन गया। यह इस क्षेत्र में दर्ज किए गए केवल चार श्रेणी 5 के चक्रवातों में से एक है।
- यह इस वर्ष एशिया में आया सबसे शक्तिशाली उष्णकटिबंधीय चक्रवात है तथा हरीकेन बेरिल के बाद इस वर्ष आया विश्व का दूसरा सबसे शक्तिशाली चक्रवात है।
- इस वर्ष श्रेणी पाँच की तीव्रता तक पहुँचने वाला सबसे पहला चक्रवात ‘हरिकेन बेरिल’, अटलांटिक महासागर में विकसित हुआ था।
- जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) ने इसका नाम ‘यागी’ रखा है।
वर्गीकरण
- सबसे कमज़ोर उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को उष्णकटिबंधीय अवदाब कहा जाता है। राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) के अनुसार, जब कोई उष्णकटिबंधीय अवदाब मज़बूत होता है और इसकी हवाओं की अधिकतम गति 39 मील प्रति घंटे (63 किमी/घंटा) तक पहुँच जाती हैं, तो इसे एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात माना जाता है।
- 119 किमी/घंटा या उससे अधिक की वायु गति वाली चक्रवात प्रणालियों को उनकी भौगोलिक स्थिति के आधार पर हरिकेन, टाइफून के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
- उष्णकटिबंधीय चक्रवात की तीव्रता को सैफिर-सिम्पसन हरिकेन विंड स्केल का उपयोग करके इसकी निरंतर हवा की गति के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। यह चक्रवातों को श्रेणी 1 से श्रेणी 5 तक पाँच श्रेणियों में वर्गीकृत करता है।
- श्रेणी 1 के चक्रवातों की गति 119 से 153 किमी/घंटा होती है, जबकि श्रेणी 5 के चक्रवात, जो सबसे शक्तिशाली होते हैं, उनकी गति 252 किमी/घंटा या उससे अधिक होती है।
- श्रेणी 3 या उससे ऊपर पहुँचने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को गंभीर क्षति पहुँचाने के कारण प्रमुख उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
इस ऑपरेशन का महत्व
- पहला मदद पहुँचने वाला: भारत लगातार इस क्षेत्र में मानवीय संकटों पर प्रतिक्रिया देने वाले प्रथम राष्ट्रों में से रहा है, जो HADR के प्रति इसके सक्रिय दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है।
- ऑपरेशन सद्भाव: यह ऑपरेशन, आसियान क्षेत्र में मानवीय सहायता और आपदा राहत प्रयासों में योगदान देने के लिए भारत की व्यापक पहल का हिस्सा है, जो क्षेत्रीय स्थिरता और आपात स्थितियों के दौरान समर्थन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- एक्ट-ईस्ट नीति: ऑपरेशन सद्भाव सहित मानवीय सहायता और आपदा राहत में भारत की भागीदारी, भारत की दीर्घकालिक ‘एक्ट-ईस्ट नीति’ के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ संबंधों और सहयोग को मजबूत करना है।
उष्णकटिबंधीय चक्रवात
- ये निम्न दाब वाली प्रणालियाँ होती हैं, जो गर्म उष्णकटिबंधीय जल के ऊपर विकसित होती हैं। ये सामान्यतः तब विकसित होते हैं जब निम्नलिखित स्थितियाँ होती हैं:
- समुद्र का तापमान कम से कम 27°C हो।
- समुद्र की सतह के पास हवाओं का अभिसरण हवा को ऊपर उठाता और चक्रवती बादलों का निर्माण करता है।
- ऊँचाई के साथ बहुत अधिक भिन्न न होने वाली हवाओं को निम्न स्तरीय पवन कतरनी के रूप में जाना जाता है। यह बादलों को ऊर्ध्वाधर रूप से उच्च स्तर तक बढ़ने मे सहायता करता है।
- कोरिओलिस बल जैसे घूर्णन के प्रभावी होने के लिए भूमध्य रेखा से पर्याप्त दूरी हो।
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