संदर्भ:
हाल ही में, केरल के एडमालयार वन क्षेत्र (Edamalayar Forest Range) में एक नई पौधे की प्रजाति एम्ब्लिका चक्रवर्ती (Emblica chakrabartyi) की खोज की गई है।
अन्य संबंधित जानकारी
- एसएनएम कॉलेज मलियानकारा, एर्नाकुलम, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ और किंग फहद विश्वविद्यालय, संयुक्त अरब अमीरात के वैज्ञानिकों ने इस नई पौधे की प्रजाति की खोज की है।
- इस पौधे की खोज की जानकारी स्वीडन के जॉन विली एंड संस (John Wiley & Sons) के अंतरराष्ट्रीय जर्नल, नॉर्डिक जर्नल ऑफ बॉटनी (Nordic Journal of Botany) में प्रकाशित हुई हैं।
- यह पौधा विगत 12 वर्षों में एर्नाकुलम जिले में खोजी गई 16वीं नई पौधे की प्रजाति है।
खोजी गई नई प्रजाति के बारे में
- यह पौधों की प्रजाति गूजबेरी (फिलान्थेसी या फिलैंथेसी) परिवार से संबंधित है।
इसका नाम भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (Botanical Survey of India-BSI) के पूर्व वैज्ञानिक तापस चक्रवर्ती के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने फिलांथेसी (फूलदार पौधों का परिवार) के अध्ययन में योगदान दिया था।
- भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (BSI) की स्थापना 1890 में देश में जंगली पौधों के संसाधनों पर वर्गिकीय/पुष्पविज्ञान संबंधी (पादपी) अध्ययन हेतु की गई थी।
- एर्नाकुलम जिले के पुष्पीय पौधों पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा प्रायोजित एक प्रमुख शोध परियोजना के दौरान वैज्ञानिकों को एडामलायर और शोलायर वन क्षेत्रों के आस-पास लगभग 55 पौधों की प्रजाति मिली है।
- वैश्विक स्तर पर एम्ब्लिका श्रेणी की 55 प्रजातियाँ दर्ज की गई हैं। एम्ब्लिका चक्रवर्ती भारत की ग्यारहवीं प्रजाति है।
एम्ब्लिका चक्रवर्ती पौधे की विशेषताएं | ||
क्र.सं. | पौधा | विशेषताएँ |
1. | पौधे की ऊँचाई | लगभग 2 मीटर |
2. | पौधे की पत्तियाँ | 13 सेमी तक चमकदार लम्बी अंडाकार आकृति। |
3. | फूल और फल आने की अवधि | दिसंबर से जून |
4. | फल | पकने पर इसके फल का रंग भूरे से काले रंग का हो जाता है तथा इसके बीज काले रंग के होते हैं, जिनका व्यास लगभग 8-9 मिमी होता है। |
5. | फूल | इसके फूल पीलापन युक्त हरे रंग का होता है तथा इसके प्रत्येक फूल में छह पंखुड़ियाँ होती हैं। |
राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (National Botanical Research Institute)
- मूलतः, इसे उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय वनस्पति उद्यान (NBG) के रूप में स्थापित किया गया था। बाद में, वर्ष 1953 में इसे वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया।
- वर्ष 1978 में, वनस्पति विज्ञान विषयों में अनुसंधान हेतु राष्ट्रीय वनस्पति उद्यान का नाम बदलकर राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (NBRI) कर दिया गया।