संदर्भ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सौर ऊर्जा नीति-2022 के तहत फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए जलाशयों और बांधों के आवंटन के लिए व्यापक दिशा-निर्देश पेश किए हैं।
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- दिशा-निर्देशों को सिंचाई और जल संसाधन विभाग द्वारा लागू किया जाएगा।
- पहले चरण में, राज्य भर में 35 चिन्हित जल निकायों में से छह को फ्लोटिंग सोलर प्लांट के लिए आवंटित किया जाएगा, जिससे कुल 440 मेगावाट हरित ऊर्जा उत्पादन की उम्मीद है।
- चरण 1 के लिए चयनित जलाशय:
- झांसी में बरुआसागर, दुकमा और पथराई बांध
- चित्रकूट में गुंटा बांध
- मिर्जापुर में ऊपरी खजूरी बांध
- प्रत्येक बांध या जलाशय की उपलब्ध क्षमता 100-100 मेगावाट होगी, जबकि छोटे जलाशयों (200 मेगावाट से कम) की पूरी क्षमता आवंटन के लिए खुली रहेगी।
- सरकार को उम्मीद है कि सभी 35 चिन्हित स्थलों पर फ्लोटिंग सोलर प्लांट विकसित होने के बाद कुल 7,000 से 10,000 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा।
- डेवलपर्स के लिए वित्तीय आवश्यकताएँ:
- डेवलपर्स को प्रति मेगावाट ₹1 करोड़ की न्यूनतम निवल संपत्ति प्रदर्शित करनी होगी।
- उन्हें प्रति मेगावाट ₹1 लाख की बैंक गारंटी (छह महीने के लिए वैध) जमा करनी होगी।
- आवश्यक दस्तावेज़ों में पूर्व-व्यवहार्यता रिपोर्ट, ऑडिट और वित्तीय रिकॉर्ड, परियोजना कार्यान्वयन समयरेखा और कम से कम तीन साल का तकनीकी डेटा शामिल है।
- 1000 मेगावाट तक की परियोजनाओं को 24 महीने के भीतर और 1000 मेगावाट से अधिक की परियोजनाओं को 30 महीने के भीतर चालू करना होगा।
