संदर्भ: उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यावरण के अनुकूल उद्योगों की स्थापना में तेज़ी लाने और व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए नारंगी और हरे श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों के लिए एक थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन स्कीम शुरू की है।
- यह योजना राज्य के औद्योगिक क्षेत्र में पारदर्शिता, दक्षता और व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरणीय रूप से सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई है।
मुख्य विशेषताएँ
- इस पहल का उद्देश्य पर्यावरणीय मंज़ूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाकर इन श्रेणियों के उद्योगों के लिए आवेदनों का तेज़ी से निपटान सुनिश्चित करना है।
- इस योजना को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) द्वारा अनुमोदित किया गया है, जहाँ इस बात पर ज़ोर दिया गया कि इस कदम से पर्यावरण के अनुकूल उद्योगों को बड़ी राहत मिलेगी।
- यह सुधार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप है, जिन्होंने व्यापार सुगमता पहल के तहत औद्योगिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर ज़ोर दिया है।
योजना की मुख्य विशेषताएँ
- अनिवार्य सरकारी निरीक्षणों की समाप्ति: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा अनिवार्य निरीक्षण की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है।
- निरीक्षण एजेंसियों को चुनने की स्वतंत्रता: नारंगी और हरे श्रेणी के उद्योग स्थापित करने वाले उद्यमी अब पर्यावरण निरीक्षण के लिए स्वतंत्र रूप से मान्यता प्राप्त संस्थानों का चयन कर सकते हैं।
- निरीक्षण के लिए मान्यता प्राप्त संस्थान: IIT, सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज और अन्य बोर्ड-अनुमोदित संगठनों जैसे सरकारी मान्यता प्राप्त संस्थानों से निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सकती हैं।
- सुव्यवस्थित अनुमोदन प्रक्रिया:
- मान्यता प्राप्त संस्थानों द्वारा प्रदान की गई निरीक्षण रिपोर्टों के आधार पर स्थापना की सहमति (CTE) और संचालन की सहमति (CTO) जारी की जाएगी।
- इस बदलाव से पर्यावरणीय मंज़ूरी में तेज़ी आएगी, प्रशासनिक बाधाएँ कम होंगी और पारदर्शिता बढ़ेगी।
श्रेणियाँ और वर्गीकरण के मानदंड

