
- निर्माण कार्य पूरा होने के उपरांत, यह भारत की पहली समर्पित फ़ॉरेस्ट यूनिवर्सिटी होगी। यह वानिकी, वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण को नई दिशा प्रदान करेगी।
अन्य संबंधित जानकारी :
- अनुमोदन और वित्तीय परिव्यय: इस योजना की घोषणा पहली बार 6 सितंबर, 2024 को की गई थी, और अब इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) को अंतिम रूप दे दिया गया है। इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग ₹500 करोड़ है।
- राज्य के 2024-25 के बजट में शुरुआती कार्यों के लिए ₹50 करोड़ की प्रारंभिक राशि का आवंटन किया गया था।
- स्थान और क्षेत्र: यह परिसर 125 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा और इसमें वनों, वन्यजीवों और पर्यावरण विज्ञान के विस्तृत अध्ययन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- विश्वविद्यालय का परिसर जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र के निकट स्थित होगा।
- शैक्षणिक पाठ्यक्रम: इस विश्वविद्यालय में वानिकी, कृषि-वानिकी, सामाजिक वानिकी और बागवानी जैसे विषयों की शिक्षा प्राप्त की जा सकेगी।
- यह विश्वविद्यालय वन विज्ञान और संरक्षण के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों के लिए डिग्री और डिप्लोमा कार्यक्रम की पेशकश करेगा।
- महत्त्व: फ़ॉरेस्ट यूनिवर्सिटी की स्थापना से राज्य में जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान को बढ़ावा मिलने की अपेक्षा है।
- यह वन्यजीवों, पारिस्थितिकी तंत्र और जलवायु परिवर्तन से संबंधित अधिक सटीक विश्लेषण की सुविधा प्रदान करेगी।
- यह ऐसे प्रशिक्षित पेशेवर तैयार करने में भी मदद करेगा जो वन विभागों, अनुसंधान संगठनों और संरक्षण एजेंसियों में कार्य कर सकेंगे।

