संदर्भ:

हाल ही में, ऑक्सफैम और डेवलपमेंट फाइनेंस इंटरनेशनल (DFI) की एक रिपोर्ट से यह सामने आया कि 90% देश असमानता कम करने की प्रतिबद्धता सूचकांक (CRI) में पिछड़ गए हैं।   

अन्य संबंधित जानकारी    

  • इस सूचकांक के पांचवें संस्करण में, 164 देशों को शामिल करते हुए, तीन प्रदर्शन संकेतकों यथा सार्वजनिक सेवा व्यय (जैसे सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा), कराधान और श्रम अधिकार एवं मजदूरी का मूल्यांकन किया गया।  
  • भारत सार्वजनिक सेवा व्यय में 129वें स्थान पर, कराधान में 16वें स्थान पर तथा श्रम अधिकारों एवं मजदूरी में 156वें स्थान पर है। तीनों संकेतकों के साथ, भारत की CRI 2024 रैंकिंग 127वीं है। 
  • भारत CRI 2024 में असमानता को दूर करने में  दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों नेपाल (115) और श्रीलंका (118) से पीछे है।  
  • वर्तमान स्थिति संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य 10 (SDG-10) की प्राप्ति के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करती है, जिसका लक्ष्य 2030 तक असमानता को कम करना है।         

रिपोर्ट की मुख्य बातें

  • व्यापक सेवा में कटौती: चौंकाने वाली बात यह है कि 84% देशों ने आवश्यक सामाजिक सेवाओं में निवेश कम कर  दिया है, जिससे कमजोर आबादी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों पर गंभीर असर पड़ा है।
  • कर प्रणाली का ह्रास: रिपोर्ट में बताया गया है कि 81% देशों की कर संरचना कमजोर हुई है, जिससे वित्त संबंधी  असमानताओं को दूर करने और आवश्यक सार्वजनिक सेवाओं को वित्तपोषित करने की उनकी क्षमता कम हुई है।
  • श्रम अधिकारों में कमी : दस में से नौ देशों में श्रम अधिकार और न्यूनतम मजदूरी मानकों में कमी  आई है, जिसके कारण लाखों श्रमिक शोषण और आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। 
  • द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से वैश्विक उत्तर और वैश्विक दक्षिण के बीच असमानता तेज़ी से बढ़ रही है।  

क्षेत्रीय शीर्ष प्रदर्शनकर्ता  और संघर्षरत राष्ट्र  

शीर्ष प्रदर्शनकर्ता: इस सूचकांक में शीर्ष प्रदर्शनकर्ता सभी उच्च आय वाले देश हैं, जिनमें नॉर्वे, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और फिनलैंड सबसे आगे हैं।

  • मुख्य प्रेरक कारक: पर्याप्त  सामाजिक व्यय और व्यापक सेवा पहुँच , जो सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को प्रभावी ढंग से संबोधित करते हैं।                 

सबसे खराब प्रदर्शनकर्ता: दक्षिण सूडान, नाइजीरिया, वानुअतु, आदि।          

  • मुख्य कारक: संघर्ष, ऋण संकट और जलवायु परिवर्तन , निम्न और निम्न-मध्यम आय वाले देशों में व्यय को बाधित कर रहे हैं।              

मुख्य अनुशंसाएँ 

  • असमानता कम करने के लिए स्पष्ट राष्ट्रीय समयबद्ध योजनाएं विकसित करना : असमानता कम करने के लिए स्पष्ट और प्राप्त करने योग्य राष्ट्रीय असमानता न्यूनीकरण योजनाएं (NIRP) बनाना  और नियमित रूप से इसकी  जांच करना । 
  • आवश्यक सार्वजनिक सेवाओं पर सार्वजनिक व्यय को प्राथमिकता : सभी देशों को अपने बजट का कम से कम 15% स्वास्थ्य  और 20% शिक्षा के लिए आवंटित करना चाहिए।
  • प्रगतिशील कराधान में वृद्धि : सबसे अमीर 1% लोगों पर कर  लगाकर प्रगतिशील कराधान  प्रणाली को अधिक न्यायसंगत बनाना ।  
  • अवैतनिक देखभाल कार्य (केयर वर्क) को पहचानने , कम करने और पुनर्वितरित करने के लिए लिंग-संवेदनशील नीतियाँ लागू करना  

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