संदर्भ:

हाल ही में, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने भारतीय सेना की दक्षिणी कमान के सहयोग से ‘अभ्यास AIKYA’ का आयोजन किया।

अभ्यास से संबंधित जानकारी 

  • यह एक दो दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद था जिसे तमिलनाडु के चेन्नई में आयोजित किया गया।
  • इस अभ्यास का उद्देश्य आपदा तैयारी को बढ़ाना तथा प्रमुख हितधारकों के बीच मजबूत सहयोग को बढ़ावा देना है।
  • इस परिसंवाद में भारत मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारी, राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र, केंद्रीय जल आयोग और भारतीय वन सर्वेक्षण के अधिकारियों ने भी भाग लिया। 
  • इस अभ्यास में भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का परीक्षण करने के लिए आपातकालीन स्थितियों का अनुकरण किया गया, आपदा राहत में प्रौद्योगिकियों और प्रवृत्तियों पर चर्चा को बढ़ावा दिया गया, तथा हाल के अभियानों से प्राप्त सबक की समीक्षा की गई।
  • इसमें सुनामी, भूस्खलन, बाढ़, चक्रवात, औद्योगिक घटनाएं और वन आग जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई तथा तमिलनाडु, वायनाड और आंध्र प्रदेश में हाल की घटनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण 

  • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को आपदाओं के लिए समय पर और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए आपदा प्रबंधन हेतु नीतियां, योजनाएं और दिशानिर्देश निर्धारित करने का अधिकार है।
  • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत में आपदा प्रबंधन के लिए सर्वोच्च प्राधिकरण है।
  • इसकी स्थापना आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 द्वारा की गई है।
  • इसका अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री होते हैं।
  • अधिनियम में प्रभावी आपदा प्रबंधन के लिए राज्य और जिला स्तर पर सहायक संस्थागत तंत्र के निर्माण का भी आह्वान किया गया है।

भारतीय सेना

  • भारतीय सेना 7 कमानों में संगठित है, जिनमें 6 परिचालन कमान और एक प्रशिक्षण कमान है।
  • दक्षिणी कमान (मुख्यालय– पुणे)
  • भारतीय सेना की वर्ष 2024 का विषय है, प्रौद्योगिकी अपनाने का वर्ष (“Year of Technology Absorption”)।

आपदा प्रबंधन प्रावधान

  • वर्तमान में, सातवीं अनुसूची में स्पष्ट रूप से “आपदा प्रबंधन” को समर्पित कोई प्रविष्टि शामिल नहीं है।
  • प्रशासनिक सुधार आयोग की ‘संकट प्रबंधन’ शीर्षक वाली तीसरी रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि, संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची III (समवर्ती सूची) में एक नई प्रविष्टि, “प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं और आपात स्थितियों का प्रबंधन” को शामिल किया जा सकता है।

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